अस्पताल में बिलखती बेटी बोली- मेरी मां को बचा लो, उसके अलावा मेरा दुनिया में कोई नहीं
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अस्पताल में बिलखती बेटी बोली- मेरी मां को बचा लो, उसके अलावा मेरा दुनिया में कोई नहीं

धौलपुर जिले के बाड़ी विधानसभा जे बाड़ी शहर में बंदरों का आतंक इस कदर हावी है कि बड़े बुजुर्ग और महिलाएं कोई सुरक्षित नहीं है. आए दिन महिलाओं के छतों से गिरने और बंदरों द्वारा बड़े बुजुर्गों को घायल करने के मामले सामने आ रहे हैं.

अस्पताल में बिलखती बेटी बोली- मेरी मां को बचा लो

Bari: धौलपुर जिले के बाड़ी विधानसभा जे बाड़ी शहर में बंदरों का आतंक इस कदर हावी है कि बड़े बुजुर्ग और महिलाएं कोई सुरक्षित नहीं है. आए दिन महिलाओं के छतों से गिरने और बंदरों द्वारा बड़े बुजुर्गों को घायल करने के मामले सामने आ रहे हैं.

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जिसको लेकर शहरवासियों की शिकायत के वाद भी स्थानीय प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा. घायल लोगों का भी उपचार भी शहर के सामान्य अस्पताल में समुचित रूप से नहीं हो पा रहा, जब किसी की हड्डी टूटती है या ज्यादा चोट लगती है तो सीधे रेफर कर दिया जाता है.

ऐसे में मध्यम और गरीब तबके के लोग रेफर होकर जाएं तो कहां जाएं, इसी के चलते पिछले 7 दिन पहले शहर के मलक पाड़ा मोहल्ले में बंदरों के हमले में घायल हुई विधवा गुड़िया कोली का उपचार उसके घर पर हो रहा है, लेकिन उसके घाव में से लगातार खून और पानी निकल रहा है. जिसके चलते उसकी बेटी 2 दिन से अस्पताल के चक्कर लगा रही थी. इस पर कोई सुनवाई नहीं की गई, ऐसे में घायल गुड़िया कोली की बेटी सालू ने जब चीखते चिल्लाते हुए अस्पताल पहुंच अपनी घायल मां को बचाने की गुहार लगाई तो मौके पर भीड़ जमा हो गई. अस्पताल प्रशासन भी हरकत में आया जिसके बाद गुड़िया का उपचार शुरू किया गया.

जानकारी के अनुसार गुड़िया कोली पत्नी राजू कोली पति की मौत के बाद से मलक पाड़ा में अपनी बुजुर्ग मां के पास बेटी को लेकर रहती है और आसपास के घरों में साफ-सफाई का काम कर जीवन यापन कर रही है. 7 दिन पहले बंदरों ने उसे छत से नीचे गिर दिया था. नीचे सरिए से उसके पैर में अंदर तक घाव हो गया उसे अस्पताल लाया गया जहां उसका उपचार भी किया गया लेकिन तब से घाव में से खून और पानी बंद नहीं हुआ।

बेटी घायल मां को लेकर अस्पताल आई लेकिन उसे बिना देखे ही अभी टांके नहीं कटेंगे की बात कह कर घर भेज दिया गया, लेकिन बेटी पर अपनी मां की दर्दभरी स्थिति नहीं देखी गई तो वह फिर से मां को लेकर अस्पताल आई. रोते-बिलखते हुये उपचार की दरकार लगा हंगामा खड़ा कर दिया. 

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बेटी केवल एक ही बात मेरी मां को बचा लो उसके अलावा मेरा दुनिया में कोई नहीं है कहती रही. जिस पर जब भीड़ जमा हुई तो अस्पताल के सहायक पीएमओ डॉ विवेक अग्रवाल ने मामले को गंभीरता से लिया तुरंत चिकित्सक को बुलाकर नर्सिंग कर्मियों से घाव का उपचार कराया और रोटी बिलखती बेटी को भी ढांढस बंधाया.

Reporter- Bhanu Sharma

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