Dholpur News: जितने माह की उम्र नहीं उतने करोड़ रुपए चाहिए मासूम के इलाज के लिए. इस मासूम का नाम है हृदयांश.जो स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी बीमारी से पीड़ित है. इलाज को 17.5 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत है. अब देखना होगा कि इस मासूम का सहारा कौन बनेगा. सरकार या जनता!
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Dholpur News: धौलपुर जिले के मनिया थाने पर तैनात सब इंस्पेक्टर नरेश शर्मा के 20 माह के बेटे हृदयांश को स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी बीमारी,इलाज को 17.5 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत है, इतनी बड़ी राशि की पूर्ति नहीं होने के कारण अब दुःखी माता-पिता सरकारी मदद की ओर ताक रहे हैं, जिससे उनके घर का चिराग घर के आंगन को जगमगा सके.
दरअसल 20 माह का हृदयांश जेनेटिक बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी से ग्रसित है. अपने कलेजे के टुकड़े की जिंदगी बचाने के लिए पीड़ित परिवार को दुनिया के सबसे महंगे 17.50 करोड़ रुपए के एक इंजेक्शन की जरूरत है,जिसके लिए वह सभी संपत्ति को बेच दे तो भी इंतजाम नहीं कर सकते.ऐसे में माता-पिता क्राउड फंडिंग व सरकार से मदद मांगने को मजबूर है.
धौलपुर जिले में मनिया थाने पर तैनात एसएचओ नरेश शर्मा का कहना है कि उनके एक बेटी साढ़े छह साल की है.उनकी पत्नी क्षमा कुम्भज ने 3 अगस्त 2022 को बेटे हृदयांश को जन्म दिया था,तो घर में इकलौते बेटे हृदयांश के पैदा होने पर सभी ने खुशियां मनाईं आमतौर पर बच्चे 6 माह बाद बैठने व घुटमन चलने लग जाते हैं, लेकिन वह बैठने तो लग गया लेकिन 20 माह का होने के बाद भी न तो घुटमन नहीं चल पाया जिसके कारण चिंताएं बढ़ गई.
जयपुर में डॉक्टरों को दिखाया तो पहले तो कमजोरी बताकर इलाज कराते रहे. जब कोई फायदा नहीं हुआ तो एक निजी हॉस्पीटल में जांच कराई और पता चला कि उसे जन्मजात जेनेटिक बीमारी है.इस वजह से उसके पैरों में बिल्कुल जान नहीं है,और वह न खड़ा हो सकता है और न चल सकेगा वह जेनेटिक स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी बीमारी से पीड़ित है और इसके इलाज के लिएजोलगेनेस्मा इंजेक्शन लगवाने की जरूरत है,जो दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन है.
जिस इंजेक्शन की कीमत करीब 17.5 करोड़ रुपए है,जो अमेरिका से मंगाना पड़ेगा यह सुनकर तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई क्योंकि,वह मध्यम वर्गीय परिवार हैं और ऐसे में अब उनके सामने 17.5 करोड़ रुपए इकठ्ठा करना एक बड़ी चुनौती है. ये इंजेक्शन न तो सरकारी दवाओं में शामिल है और न ही यहां उपलब्ध है.इसकी कीमत चुकाने के लिए क्राउड फंडिंग से पैसा जुटाकर या फिर सरकार की स्पेशल मदद की जरूरत है.
तभी इलाज संभव है डॉक्टरों ने कहा है कि 24 महीने के अंदर इस बीमारी का इलाज नहीं कराया गया तो ये बीमारी धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाएगी और फैफड़े भी काम करना बंद कर देंगे। इससे उसकी जान को खतरा है, ऐसे मे पीड़ित परिवार अपने घर के चिराग को बचाने के लिए शोशल मीडिया सहित अन्य स्तरों से फंड एकत्रित करने मे जुटा है। वहीं परिवार की निगाहे सरकारी मदद मिलने का भी टकटकी लगाकर इन्तजार कर रहा है.
इसको लेकर धौलपुर जिले के पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय के द्वारा सोशल मीडिया व अन्य मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई बार मार्मिक अपील कर हृदयांश को बचाने के लिए अपने-अपने द्वारा समर्थ अनुसार अंशदान देने की अपील कर चुके हैं, वही धौलपुर जिले में इन दिनों लगातार सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा हरदयांश के लिए डोर टू डोर पहुंचकर धन संग्रहण की मुहिम चलाई जा रही है जिसमें लोग बढ़ चढ़कर भाग लेकर दान कर रहे हैं और अन्य लोगों से भी खुद अपील कर रहे हैं कि हम सब एक हैं सब लोग एक साथ इकट्ठा होकर हम इस बीमारी के ऊपर जीत हासिल करेंगे.
धौलपुर जिला पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने एक पत्र जारी कर जिले के समस्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकगण, समस्त वृत्ता धिकारीगण, उप अधीक्षक पुलिस एससी/एसटी सैल, समस्त थानाधिकारीगण, संचित निरीक्षक, पुलिस लाइन, प्रभारी, यातायात, समस्त शाखा प्रभारी, प्रभारी पुलिस दूर संचार, प्रभारी, पुलिस नियंत्रण कक्ष धौलपुर को जिले के पुलिस थाना मनियां में पदस्थापित नरेश शर्मा उप निरीक्षक के पुत्र के ईलाज के लिए सर्व सहमति से आर्थिक सहयोग प्रदान करने की अपील की है.
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