Dungarpur: महिला स्वयं सहायता समूह से लाखों हड़पकर अन्नपूर्णा फाइनेंस कंपनी का ऑफिसर फरार, केस दर्ज
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Dungarpur: महिला स्वयं सहायता समूह से लाखों हड़पकर अन्नपूर्णा फाइनेंस कंपनी का ऑफिसर फरार, केस दर्ज

राजस्थान में डूंगरपुर जिले के कोतवाली थाने में एक प्राइवेट फाइनेंस कंपनी के फील्ड ऑफिसर के खिलाफ 10.43 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है. फील्ड ऑफिस ने महिला समूहों को झांसे में लेकर उनके लोन के रुपये ले लिए. 

Dungarpur: महिला स्वयं सहायता समूह से लाखों हड़पकर अन्नपूर्णा फाइनेंस कंपनी का ऑफिसर फरार, केस दर्ज

Dungarpur News: डूंगरपुर जिले के कोतवाली थाने में एक प्राइवेट फाइनेंस कंपनी के फील्ड ऑफिसर के खिलाफ 10.43 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है. फील्ड ऑफिस ने महिला समूहों को झांसे में लेकर उनके लोन के रुपये ले लिए. वहीं, मामला सामने आने के बाद भी फील्ड ऑफिस ने रुपये नहीं लौटाए. कंपनी ने फील्ड ऑफिसर को सस्पेंड कर दिया है. वहीं, कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. 

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कोतवाली थाना क्षेत्र के ब्रम्हस्थली कॉलोनी में अन्नपूर्णा फाइनेंस कंपनी का ऑफिस है. कंपनी के ब्रांच मैनेजर देवकरण पुत्र गंगाराम मीणा की ओर से रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है. देवकरण ने बताया कि उनकी कंपनी महिला स्वयं सहायता समूह बनाकर उन्हें लोन पर रुपये देती है. कंपनी की ओर से 5 जनवरी 2021 को कृष्ण कुमार पुत्र जगदीश रैगर निवासी सीकर हाल सीमलवाड़ा को फील्ड ऑफिसर नियुक्त किया गया था. वह गांवों में जाकर महिला समूह बनाने का काम करता था. 

फर्जी सदस्य बनाकर वसूले रुपये
दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 के बीच कृष्ण कुमार ने बिना कंपनी की जानकारी और सहमति के रुपये ले लिए. भोराई ौर देवसोमनाथ में गांवों में महिलाओं को फर्जी सदस्य बनाकर उनसे प्रति व्यक्ति 4200 रुपये लिए. वहीं, पहचान पत्र के नाम से 350 रुपये अलग से लिए, जिसकी जानकारी भी कंपनी को नहीं दी. महिलाओं से लिए रुपये भी उसने खुद रखकर खर्च कर दिए. इसकी जानकारी कंपनी को होने पर उसने गलती मान ली. इसके बाद कृष्ण कुमार ने लिखित में दिया कि 40 हजार 800 रुपये महिलाओं से लिए है, जिसे वह लौटा देगा. 25 फरवरी को कंपनी ने उसे सस्पेंड कर दिया. सस्पेंड करने के बाद उसके काम को देखने वह और विक्रम कुमार मीणा फील्ड ऑफिसर गए. 

लोन नहीं हुआ मंजूर
इस दौरान उन्हें महिला समूहों ने बताया कि उनको किसी तरह का कोई लोन नही मिला है. कृष्ण कुमार अलग-अलग बहाने बनाकर उनसे बात करता. वह कहता कि उनका कोई लोन मंजूर नहीं हुआ है और गलती से पैसा उनके खाते में आ गया है. ऐसा कहकर वह लोन के रुपये भी वापस ले लेता. ये रुपये वह खुद के काम में ले लेता. इसकी जानकारी उसने कभी कंपनी को नहीं दी. कृष्ण कुमार ने फील्ड ऑफिसर रहते करीब 10 लाख 43 हजार 391 रुपये की धोखाधड़ी की है. कृष्ण कुमार अब ये रुपये भी वापस नहीं लौटा रहा है. 

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पुलिस कर रही जांच
रुपये मांगने पर वह और उसका ससुर धूलेश्वर यादव कंपनी कर्मचारियों को ही झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहे हैं. कृष्ण कुमार ने फोन पे से भी ऑनलाइन पैसा जमा करवाया है. उसने अपने भाई चंदू सेवालिया, साला नितेश कुमार के नाम से भी पेमेंट जमा करवाया है. वहीं, मामले में अब कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है. 

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