Dungarpur News:राजस्थान के डूंगरपुर जिले का वन क्षेत्र वन्य जीवों से आबाद है.जंगल में लेपर्ड की संख्या बढ़ी है.लेकिन सबसे बड़ी चिंता जंगलों में सूखते जलस्त्रोत है.जंगलों में पानी नहीं है तो वन्यजीव जंगल से बाहर आबादी में आ रहे है.
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Dungarpur News:राजस्थान के डूंगरपुर जिले का वन क्षेत्र वन्य जीवों से आबाद है.जंगल में लेपर्ड की संख्या बढ़ी है.लेकिन सबसे बड़ी चिंता जंगलों में सूखते जलस्त्रोत है.जंगलों में पानी नहीं है तो वन्यजीव जंगल से बाहर आबादी में आ रहे है.
यही वजह है की डूंगरपुर में इन दिनों आबादी इलाको में लेपर्ड का मुवमेंट बढ़ा है.पानी और भोजन की तलाश के दौरान लेपर्ड ने कई बार लोगो पर अटैक भी किया.वहीं लोगो ने एक पैंथर को मौत के घाट भी उतारा था. इन घटनाओं के बीच अब वन विभाग अब जंगलों में वन्य जीवों के लिए वाटर हॉल बनाने की तैयारी कर रहा है .ताकि वन्य जीवों को जंगल में ही भोजन और पानी आसानी से मिल जाएगा.
डूंगरपुर जिले में तापमान की अनुकूलता, छोटी-बड़ी पहाड़ी के होने के चलते पिछले कई सालो में लेपर्ड की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.वर्ष 2019 में लेपर्ड की संख्या 21 थी वही अब जिले में लेपर्ड की संख्या 100 के करीब है. जो विभाग के लिए अच्छे संकेत है वही वन्यजीव प्रेमियों को भी ख़ुशी है. लेकिन गर्मी के मौसम में जंगलो में जलस्रोत सुख रहे है.
वही अब पानी की तलाश में लेपर्ड आबादी की और रुख कर रहे है. लेपर्ड के आबादी क्षेत्रो में मूवमेंट होने से हमले की घटनाएं भी सामने आ रही है. जिससे लोगो की जान जोखिम में आती ही है वही लेपर्ड की जान को भी खतरा रहता है.
लेपर्ड मूवमेंट की ये घटनाएं
3 अप्रैल को लेपर्ड ओबरी वन रेंज के डेचा गांव में दिखाई दिया.यहा लेपर्ड के 3 शावक आबादी के पास पहुंच गए.वन विभाग की टीम ने तीनो शावको को रेस्क्यू कर पिंजरे में डाल दिया.तीनो शावक 20 से 25 दिन के ही बताए गए.वही इसके बाद नर और मादा लेपर्ड आये और शावको को लेकर जंगल की और चले गए.
31 मार्च को आंतरी वन क्षेत्र में ओबरी रोड पर एक लेपर्ड दिखाई दिया.मैन रोड पर लेपर्ड के दिखने के बाद लोग डर गए.वही वन विभाग की टीम ने रोड के दोनो तरफ से निगरानी शुरू कर दी.लेपर्ड सड़क के किनारे झाड़ियों और खेतो में जाकर दुबक गया.
31 मार्च को भादर वन क्षेत्र के भादर मेतवाला गांव में लेपर्ड दिखाई दिया.लेपर्ड ने एक नील गाय का शिकार करने के बाद खेतो के बीच झाड़ियों में छुप गया.इस दौरान लेपर्ड ने एक मीडियाकर्मी पर हमला कर दिया. लेपर्ड ने मीडियाकर्मी के पैर और हाथ को जबड़े में दबोच लिया.इस बीच लेपर्ड व मीडियाकर्मी के बीच दो दो हाथ भी हुए. बाद में लेपर्ड को रेस्क्यू किया गया.
13 मार्च को डूंगरपुर शहर से महूडी वासुआ फला में एक लेपर्ड ने 5 लोगो पर हमला कर दिया.लेपर्ड ने एक के बाद एक 5 लोगो को लहूलुहान करने के बाद एक घर में जाकर घुस गया.लोगो ने घर के दरवाजे की कुंडी बंद कर दी.इसके बाद वन विभाग ने ट्रेंकुलाइज कर लेपर्ड को रेस्क्यू कर लिया.
जनवरी महीने में शहर के रिहायशी भुवनेश्वरी कॉलोनी में लेपर्ड की मूवमेंट दिखाई दी थी.रात के समय लेपर्ड कॉलोनी की कई गलियों में घूमता हुआ दिखाया दिया.लेपर्ड की ये मूवमेंट सीसीटीवी में कैद हो गई थी.इसके अलावा कई जगह पर लेपर्ड दिखाई दिया है.
लेपर्ड को उतारा मौत के घाट
इधर 10 फ़रवरी को एक लेपर्ड ने उपला घरा नोकना में घरों के बाहर बंधे गाय और बकरियों पर लेपर्ड ने हमला कर दिया.इस दौरान पशुओ को बचाने की कोशिश की गई. जिस पर लेपर्ड ने तीनों पर हमला कर घायल कर दिया.घायलों की आवाज सूनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे.इधर जमा हुई भीड़ ने उस लेपर्ड पर लठ्ठ बरसा दिए.जिससें लेपर्ड ने मौके पर ही अपना दम तोड़ दिया.
जंगल में वाटर हॉल बनाकर करेंगे पानी का इंतजाम
लेपर्ड के आबादी क्षेत्रो में बढ़ते मूवमेंट पर डूंगरपुर डीएफओ रंगास्वामी ने बताया की गर्मी बढ़ रही है.बारिश कम होने से वाटर हॉल भी सुख गए है.इस वजह से वन्य जीव पानी की तलाश में आबादी में पहुंच रहे है.
जंगल में वन विभाग के वाटर होल्स में पानी के टैंकर से पानी डाला जा रहा है.वही जहा वाटर होल्स नही है वहा पर वाटर हॉल तैयार किए जा रहे है.उनमें टैंकर से पानी डालकर वन्य जीवों के लिए इंतजाम किया जाएगा.ताकि वन्य जीव आबादी क्षेत्र में नही आए.
बहराल वन विभाग लेपर्ड के मूवमेंट को आबादी क्षेत्रो में रोकने के लिए वन क्षेत्रो में पानी की व्यवस्था करने की बात जरुर कर रहा है. लेकिन देखना होगा की की वन विभाग अपने इस दावे पर कितना खरा उतर पाता है और लेपर्ड के आबादी क्षेत्रो में मूवमेंट को कितना रोक पाता है. लेकिन लेपर्ड के बढ़ते मूवमेंट से लोगो की जान के साथ लेपर्ड की जान को भी खतरा बना रहता है.
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