Trending Photos
हनुमानगढ़: पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के निर्देश पर टाउन और जंक्शन के दो नशा मुक्ति केंद्रों की जांच में बिना किसी लत के संपति के लिए दो वृद्धों को बंधक बनाने सहित कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं. जांच के दौरान टाऊन पुलिस ने हनुमानगढ़ टाउन के यू-टर्न नशा मुक्ति केंद्र से दो वृद्ध बंधकों को मुक्त करवाया.टाउन पुलिस ने दोनों वृद्धों को जिला अस्पताल में भर्ती करवा दोनो के पर्चा बयान पर परिजनों और नशा मुक्ति केंद्र संचालक पर टाउन थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है.
दोनों वृद्धों को उनके परिजनों ने ही नशा मुक्ति केंद्र संचालक से मिलकर नशा मुक्ति केंद्र में कई महीनों से बंधक बना रखा था. निरीक्षण के दौरान सबसे हैरानी की बात ये सामने आई कि दोनों वृद्ध किसी प्रकार का कोई नशा नहीं करते. इसके अलावा टाउन और जंक्शन के दोनों नशा मुक्ति केंद्रों की जांच में अन्य कई प्रकार की अनियमितताएं भी मिली है. जिसको लेकर पुलिस अधिकारियों ने पुलिस अधीक्षक डॉ अजय सिंह राठौड़ को रिपोर्ट भेजी है.
यह भी पढ़ें: बांसवाड़ा में सरकारी स्कूल का भवन जर्जर, हॉल का एक हिस्सा धराशायी, टला हादसा
नशा मुक्ति केंद्र से रेस्क्यू कर लाए गए 71 वर्षीय वृद्ध ने बताया कि उसकी 25 किला कृषि भूमि को लेकर दामाद, बेटी और पत्नी पर परेशान करने के आरोप लगाते हुए बताया कि अक्टूबर 2019 से लेकर अब तक तीन अलग अलग बार 11 माह, 13 माह और अब 9 माह तक कुल 2 साल 9 महीने नशा मुक्ति केंद्र में जबरन भर्ती रखा गया जबकि वो किसी प्रकार का कोई नशा नहीं करता है. टाउन पुलिस जब औचक निरीक्षण के लिए पहुंची तो उन्होंने सारी बात पुलिस अधिकारियों को बताई तो, जिसके बाद उन्हे वहां से छुड़वा कर जिला अस्पताल लाया गया है.
बेटों ने बुजुर्ग के साथ की मारपीट फिर केंद्र में डलवा दिया
वहीं एक अन्य 63 वर्षीय वृद्ध ने बताया कि उसने उसके नाम की 64 बीघा कृषि भूमि अपने पुत्रों के नाम करवा दी थी, जिसके बाद से ही दोनों पुत्र उसके साथ कई बार मारपीट करते थे, जब उसने एतराज जताया तो नशा मुक्ति केंद्र वालों को फोन कर उसे जबरन उठवा दिया. करीब नौ माह पहले सुबह करीब 9 बजे एक गाड़ी उनके घर आई. उसमें सवार उसके दोनों बेटे व दो-तीन अन्य जने उसे गाड़ी में डालकर हनुमानगढ़ टाउन के यूटर्न नशामुक्ति केन्द्र ले गए और बंधक बना लिया.
हनुमानगढ़ पुलिस अधीक्षक डॉ अजय सिंह राठौड़ के निर्देश पर नशा मुक्ति केंद्र की जांच करने पहुंची टाउन पुलिस की टीम में उपनिरीक्षक शालू बिश्नोई के नेतृत्व में सहायक उपनिरीक्षक गायत्री देवी, हवलदार पुरुषोत्तम पचार, कांस्टेबल प्रदीप सिंह गिल, भूपेंद्र कुमार, चालक सुभाष नैण शामिल रहे.
सवाल पूछने पर पिटाई
दोनो वृद्धों ने केंद्र के अंदर मरीजों के साथ किए जाने व्यवहार को लेकर भी कई गंभीर बात बताई. उनका कहना था कि छोटे से हाल में जहां बमुश्किल 40 व्यक्ति रह सके हैं वहां 100 से अधिक लोगों को सुलाया जाता है, यहां से अधिकतर लोगों को बाहर नहीं निकाला जाता. किसी के भी द्वारा सवाल पूछने या कोई एतराज जताने पर केंद्र में कार्मिक लड़के पिटाई करने से भी बाज नहीं आते. हालांकि उनके साथ कभी मारपीट नहीं हुई लेकिन उनके सामने कई लोगों की पिटाई हुई है.
यह भी पढ़ें: Rajasthan: जयपुर के मुरलीपुरा इलाके में पुजारी ने खुद को लगाई आग, 7 लोग हिरासत में
कई महीनों से नहीं देखी धूप
यू टर्न नशा मुक्ति केंद्र से रेस्क्यू कर लाए गए 63 वर्षीय वृद्ध ने बताया कि केंद्र के जिस हाल में उन्हें 9 माह पहले भर्ती किया गया था, वहां से बाहर निकल कर उन्होंने धूप ही आज देखी है. हाल में 100 के आसपास मरीज हर समय रहते हैं, लेकिन टॉयलेट बाथरूम की संख्या दो ही है. केंद्र में पूरे पूरे दिन पाल्थी लगाकर बिठाते है जिससे एड़ियों में ऐंठन और घुटनों में जकड़न हो चुकी है. हाल में भर्ती अधिकतर मरीज चर्म रोग से भी ग्रसित बताए. खाने की गुणवत्ता को लेकर भी दोनो ने कई सवाल उठाए. केंद्र में ज्यादातर लोग दूसरे प्रदेशों के भर्ती है. स्थानीय और राजस्थान के मरीज बेहद कम है.
रेस्क्यू के बाद नजर आई राहत
टाउन पुलिस द्वारा दोनो का नशा मुक्ति केंद्र से रेस्क्यू करने के बाद दोनों वरिष्ठ नागरिकों ने पुलिस का आभार जताते हुए कहा कि पुलिस निरीक्षण में अधिकारियों को पूरा मामला बताया था जिसके बाद पुलिस उन्हें शाम को वहां से लाकर अस्पताल में दाखिल करवाया है. जहां प्रारंभिक इलाज के बाद उनके शरीर में राहत महसूस हुई है. देर रात को खाना खाने के बाद दोनों वृद्ध वार्ड में चहल कदमी करते नजर आए.
Reporter-Manish Sharma
अपने जिले की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें