गोल्ड लोन लेने के हैं ये फायदे, अप्लाई करने से पहले जरूर जान लें ये बातें

गोल्ड आर्टिकल्स को एक सेफ में रखा जाता है. ये सेफ हमेशा स्ट्रॉन्ग रूम में रखी होती है. इसलिए ये बेफिक्री रखी जा सकती है कि लोन चुकता करते ही आपको अपना सोना वापस मिल जाएगा.

Written by Web Desk Team | Published :December 29, 2022 , 5:45 am IST

अचानक और जल्दी लोन की जरूरत है तो अपनी ज्वैलरी गिरवी रख कर गोल्ड लोन लेना एक आसान तरीका है. उधार देने वाले गोल्ड के मौजूदा मार्केट रेट के आधार पर अस्सी प्रतिशत तक का लोन आसानी से दे देते हैं. जिन लोगों का क्रेडिट स्कोर बहुत कम होता है, वो गोल्ड लोन का लाभ ले सकते हैं. ये लोन बहुत आसानी से मिल भी जाता है क्योंकि इसमें कागजी कार्रवाई भी बहुत कम होती है. ये एक सिक्योर्ड किस्म का ही लोन है जिसमें गोल्ड के अलावा बतौर सिक्योरिटी किसी दूसरी चीज की आवश्यकता नहीं होती है. यही वजह है कि गोल्ड लोन लेना धीरे धीरे प्रचलन में आ रहा है. हालांकि कई लोगों को अब भी ये डर सताता है कि लोन देने वाले उनका गोल्ड चुरा न लें या उसे रिप्लेस न कर दें. ऐसे लोगों को ये जान लेना जरूरी है कि वो नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी से गोल्ड लोन ले रहे हैं तो उसके रिप्लेस होने या चोरी होने की संभावनाएं ना के बराबर हैं.

सुरक्षित रहेगा सोना

गोल्ड आर्टिकल्स को एक सेफ में रखा जाता है. ये सेफ हमेशा स्ट्रॉन्ग रूम में रखी होती है. इसलिए ये बेफिक्री रखी जा सकती है कि लोन चुकता करते ही आपको अपना सोना वापस मिल जाएगा. इतना ही नहीं लोन देने वाला भी लोन अदा होने के बाद गोल्ड वापस करने के लिए बाध्य होता है.

गोल्ड लोन से जुड़ी एक आम धारणा ये भी है कि इस पर रेट ऑफ इंटरेस्ट ज्यादा होता है. जबकि गोल्ड लोन पर लगने वाला इंटरेस्ट दूसरे सिक्योर्ड लोन ऑप्शन के मुकाबले कम ही रहता है. गोल्ड लोन ऑफर करने वाले बैंक्स ने इंटरेस्ट रेट को घटा कर 10 से 18 परसेंट के बीच कर दिया है. बाजार विशेषज्ञ हमेशा गोल्ड लोन लेने से पहले मार्केट रिसर्च करने और कंपैरिजन करने की सलाह देते हैं. ये बेहतर डील हासिल करने में मददगार हो सकता है.

रीपेमेंट के तरीके

गोल्ड लोन में रीपेमेंट भी अलग अलग नियमों से हो सकता है. कई लेंडर्स गोल्ड लोन के प्रीपेमेंट पर कोई फीस चार्ज नहीं करते. जबकि कुछ लेंडर्स समय से पहले लोन भुगतान पर दो से चार परसेंट की प्रोसेसिंग फीस ले सकते हैं. ये फीस बचे हुए प्रिंसिपल अमाउंट पर लगती है. इसलिए हमेशा लोन एप्लिकेशन की प्रोसेस के समय ही टर्म्स एंड कंडीशन तय कर लेने की सलाह दी जाती है.

लोन लेने के बाद कुछ लोग अक्सर रीपेमेंट की ड्यू डेट से चूक जाते हैं. वैसे तो ग्लोड ज्वेलरी किसी भी लेंडर  के लिए एक गारंटी की तरह है, उसके बावजूद वो एकदम उसे सीज नहीं कर सकते. कुछ लेंडर्स ओवरड्यू होने पर अतिरिक्त इंटरेस्ट चार्ज करते हैं. अगर लोन लेने वाला समय पर कर्ज नहीं चुका पाता है तो लेंडर उसे एक तय सीमा तक लोन अदा करने का नोटिस दे सकता है. तय सीमा तक लोन न चुका पाने पर रिकवरी के लिए लैंडर उस सोने की नीलामी कर सकता है.

अगर आप भी गोल्ड लोन लेना चाहते हैं तो टर्म एंड कंडीशन को जरूर ध्यान से पढ़ लें.