राजस्थान में 16 हजार करोड़ (16 thousand Crore) की लूट मचाने वाली मल्टीस्टेट सोसायटीज (multistate society) की कार्रवाई एक बार फिर से अटक गई है.
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Jaipur: राजस्थान में 16 हजार करोड़ (16 thousand Crore) की लूट मचाने वाली मल्टीस्टेट सोसायटीज (multistate society) की कार्रवाई एक बार फिर से अटक गई है. सहकारिता विभाग (Cooperative Department) की जांच में ये सामने आया है कि जिन सोसायटीज ने निवेशकों को लूटा उन सोसायटीज पर तो ताले लगे है, जिसके बाद लूट मचाने वाली सोसायटीज के खिलाफ सहकारिता विभाग की कार्रवाई सुस्त पड़ गई है.
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अब विभाग फिर से केंद्र सरकार (central government) को पत्र लिखकर नई सोसायटीज की नई जानकारियां मांगेगी, ताकि फर्जीवाडा करने वाली सोसायटीज पर लगाम लगाई जा सके और निवेशकों का डूबा पैसा उन्हें मिल सके. राजस्थान में मल्टीस्टेट सोसायटीज ने 16 हजार करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाडा किया था. जिसके बाद में सरकार ने अनरेगुलेट डिपोजिट स्कीम एक्ट के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है. सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने कहना है कि पोर्टल पर 80 हजार से ज्यादा शिकायते आई थी, जिसमें सोसायटीज के बोर्ड सदस्यों को कई डिटेल नहीं मिल रहे है. जो डिटेल है वो पुरानी है.
कुछ सोसायटीज तो बंद भी मिली है. इसके लिए जल्द ही केंद्रीय रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर नई जानकारिया मांगी जाएगी. पुरानी जानकारियों के कारण कार्रवाई नहीं हो पा रही है. जैसे ही जानकारियां प्राप्त होगी, जांच कर कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को लिखा जाएगा. राजस्थान में 2 लाख से ज्यादा निवेशकों का पैसा अटका पड़ा है. अब तक विभाग ने 650 इस्तगासे दायर करवाए हैं, जिसमें से 150 मल्टीस्टेट और 500 स्टेट सोसायटीज के खिलाफ इस्तगासे दर्ज करवाए गए.
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राज्य सरकार स्टेट सोसायटीज पर तो लगातार शिकंजा कस रही है, लेकिन मल्टीस्टेट सोसायटीज पर कार्रवाई करने में देरी हो रही है और सबसे ज्यादा लूट मल्टीस्टेट सोसायटीज ने ही मचाई है. रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल का कहना है कि नोटिस थमाने के बाद इन सोसायटीज को सीज करने की कार्रवाई की जाएगी. केंद्र सरकार का बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपोजिट एक्ट राजस्थान में सबसे पहले लागू हुआ था, लेकिन अब तक सोसायटीज की ना ही संपत्तियां सीज की गई है और ना ही उनके बैंक खाते. ऐसे में लगातार निवेशकों की उम्मीदें टूटती नजर आ रही है. प्रदेश में सबसे ज्यादा लूट आदर्श, नवजीवन सोसायटीज ने मचाई थी. लेकिन धीमी रफ्तार से कैसे निवेशकों का पैसा लौट पाएगा.