90 विधायकों ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, मांगे नहीं हुई पूरी, अब सरकार के धरने पर बैठे होमगार्ड
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1505566

90 विधायकों ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, मांगे नहीं हुई पूरी, अब सरकार के धरने पर बैठे होमगार्ड

Rajasthan home guard ​:  नियमित रोजगार, नवीनीकरण बंद करने और अन्य सुविधाओं की मांग पर राज्य के होमगार्ड जवानों ने आंदोलन शुरू किया है. 

90 विधायकों ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, मांगे नहीं हुई पूरी, अब  सरकार के धरने पर बैठे होमगार्ड

Rajasthan home guard ​:  नियमित रोजगार, नवीनीकरण बंद करने और अन्य सुविधाओं की मांग पर राज्य के होमगार्ड जवानों ने आंदोलन शुरू किया है. सरकारी आश्वासनों से नाराज होमगार्ड ने इस बार आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है. शहीद स्मारक पर सुबह होमगार्ड स्वयंसेवक इकट्ठा होना शुरू हुए. धीरे धीरे शाम तक बड़ी संख्या में होमगार्ड इकट्ठे हो गए. होमगार्ड जवानों ने नारेबाजी कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. होमगार्ड जवानों ने अपनी मांगों को लेकर राजस्थान के लगभग सभी विधायकों को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा बताई, जिसमें से लगभग 90 विधायक, मंत्रियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को होमगार्ड रूल्स एक्ट 1962-63 में संशोधन कर नियमितीकरण करने के लिए पत्र लिखा. इसके बाद भी आज तक होमगार्ड जवानों की पीड़ा पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया. होमगार्ड जवानों ने विधायकों के इन पत्रों की कॉपी धरना स्थल पर लगाई है.

होमगार्ड संगठन के प्रदेशाध्यक्ष झलकन सिंह राठौड़ ने कहा कि समय रहते मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन को तेज किया जाएगा. होमगार्ड जवान काफी लम्बे समय से नियमित रोजगार की मांग करते आ रहे हैं. होमगार्ड जवानों को यदि जयपुर जिले को छोड़ दे इसके अलावा राजस्थान के अन्य जिलों में वर्ष भर में मात्र 3 से 4 माह ही ड्यूटियां मिल पा रही है. ऐसी स्थिति में होमगार्ड जवान अपने परिवार का पालन पोषण नहीं कर पा रहें हैं. होमगार्ड जवानों को आवश्यक ड्यूटियों के नाम पर बीच बीच में पाबंद कर बुला लिया जाता है, जिससे वो अपने स्वरोजगार से भी वंचित हो जाते हैं.

राठौड़ ने पत्रकारों से कहा कि पिछले बजट 2022 में मुख्यमंत्री ने 12000 हजार होमगार्ड जवानों को कानून व्यवस्था व सरकारी कार्यालयों में लगाने की घोषणा भी की थी, लेकिन आज तक वो भी लागू नहीं की गई. सरकार के 4 वर्ष बीत चुके परन्तु सरकार ने होमगार्डों के हित में एक भी कदम नहीं उठाया न ही इन 4 वर्षों में होमगार्ड के मानदेय-वेतन में बढ़ोत्तरी की न ही पूरा रोजगार दिया. प्रत्येक प्राइवेट संस्थान में पीएफ और इएसआई की व्यवस्था लागू है लेकिन होमगार्ड इनसे भी वंचित है. दूसरे राज्यों में होमगार्ड को डीए मिल रहा ह, लेकिन राजस्थान में नहीं.

राजस्थान होमगार्ड के प्रभारी महामंत्री और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी भारद्वाज ने कहा कि सत्ता में आने से पूर्व हमसे नियमितीकरण करने का वादा भी किया था, इससे होमगार्ड जवान हतोत्साहित हैं और अपने भविष्य को लेकर निराश है. वर्तमान में होमगार्ड जवानों को नजरंदाज किया जा रहा है, सरकार हमारी मांगो को विभाग को भेजते हैं और विभाग का जवाब नियमो में प्रावधान नहीं है होता है, जबकि हमारी मांग ही नियमों में संशोधन की है. इस पर निर्णय सरकार को लेना होगा. मुख्यमंत्री की बजट घोषणा को लागू करते हुए होमगार्ड जवानों को 12 महीने नियमित ड्यूटी दी जाए. होमगार्ड में नवीनकरण प्रथा को बंद किया जाए, राज्य में सरकार ने 58 वर्ष तक सेवा के आदेश जारी कर दिए हैं. होमगार्ड जवानों को ईटएसआई और पीएफ की सुविधा दी जाए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करते हुए दूसरे राज्यों की भांति राजस्थान में भी होमगार्ड के लिए महंगाई भत्ता लागू किया जाए.

ये भी पढ़ें..

राजस्थान कांग्रेस में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बनाया ये प्लान, क्या हो पाएगा कामयाब

RPSC में बैठे इस अधिकारी ने किया था पेपर लीक

Trending news