देश और प्रदेश के हमेशा यात्रियों की आवाजाही रहने वाले जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jaipur Airport) के निजीकरण होने में दो महीने का समय ओर बचा है.
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Jaipur : देश और प्रदेश के हमेशा यात्रियों की आवाजाही रहने वाले जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jaipur Airport) के निजीकरण होने में दो महीने का समय ओर बचा है. अडानी समूह की ओर से पूरी तरह से एयरपोर्ट की कमान 12 अक्टूबर से अपने हाथ में ले ली जाएगी. जानकारी के अनुसार निजी हाथों में एयरपोर्ट बीते महीने जाना था, कोरोना के चलते समूह ने दिलचस्पी नहीं दिखाई. न ही समूह के प्रतिनिधियों ने एयरपोर्ट का अंतिम दौर में दौरा किया. अब कम होते कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के बाद समूह एक बार सक्रिय होकर अपनी नई जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार है. सुविधाओं में बढ़ोतरी होने से यात्रियों को देश के कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरू एयरपोर्ट जैसे कई नए अनुभव यहां मिलेंगे.
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फरवरी 2019 में देश के 6 एयरपोर्ट के निजीकरण की निविदा प्रक्रिया में अडानी इंटरप्राइजेज कंपनी (Adani Group) ने बाजी मारी थी. पहले चरण में लखनऊ, अहमदाबाद और मंगलूरु एयपोर्ट का निजीकरण हुआ था. इन तीनों एयरपोर्ट पर अडानी समूह ने अक्टूबर और नवंबर 2020 से काम करना शुरू कर दिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने जयपुर एयरपोर्ट के निजीकरण को भी फाइनल मंजूरी प्रदान की हुई है. जयपुर के साथ गुवाहाटी और त्रिवेन्द्रम एयरपोर्ट का भी निजीकरण होगा.
सूत्रों के मुताबिक जिम्मा संभालने से पहले 12 अगस्त से कम्पनी का आब्जर्वेशन पीरियड भी शुरू हो जाएगा. दो माह तक अडानी समूह की टीम जयपुर एयरपोर्ट पर संचालन व प्रबंधन से सम्बंधित सभी चीजों पर प्रमुखता से नजर रखेगी. इसके लिए अधिकारियों को भी नियुक्त किया गया है. वहीं, पुराने लंबे समय से एयरपोर्ट के स्थाई कर्मचारियों अधिकारियों की कटौती करने और तबादलों का डर सता रहा है. एयरपोर्ट निदेशक, इंजीनियरिंग, प्रशासनिक,वित्तीय, वाणिज्यिक आदि सभी शाखाओं में लगे एयरपोर्ट अथॉरिटी के 120 से अधिक कर्मचारी बदल जाएंगे. वहीं, 350 से ज्यादा अस्थाई कर्मियों के कार्य अवधि को आगे नहीं बढ़ाया है.
एयरपोर्ट के परिसर, पार्किंग, दुकानें, एप्रन संचालन कार्य, एयरलाइन कंपनी के साथ तालमेल निजी समूह करेगा. सुरक्षा का कार्य सीआईएसएफ संभालेगी. एटीसी का कार्य एएआई के अधीन रहेगा. सुविधाओं में विस्तार होने से हवाईयात्रियों की जेब भी कटना तय है. शॉपिंग एरिया, रेस्टोरेंट, होटल, बार सुविधाओं की शुरुआत में सबसे पहले इजाफा होगा. चिकित्सा, अग्निशमन व्यवस्था भी निजी कंपनी ही संभालेगी. इसके साथ ही एयरलाइंस के काउंटर महंगे होना संभव, इसका सीधा असर हवाई किराए की दरों पर होगा. चाय-कॉफी, खान-पान की चीजें अपेक्षाकृत महंगी होने की संभावना रहेगी.
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