Alwar: प्रशासनिक लापरवाही के चलते करोड़ो की लागत से बने वातानुकूलित सुविधाघर फांक रहे है धूल
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Alwar: प्रशासनिक लापरवाही के चलते करोड़ो की लागत से बने वातानुकूलित सुविधाघर फांक रहे है धूल

अलवर जिले में 2018 में करोड़ो की लागत से बनकर तैयार हुए सुविधाघर पर आज भी ताले लटके है. 

सुविधाघर फांक रहे है धूल

Alwar: राजस्थान के अलवर जिले में 2018 में करोड़ो की लागत से बनकर तैयार हुए सुविधाघर पर आज भी ताले लटके है. इसे प्रशासनिक लापरवाही कहे या राजनैतिक द्वेषता जिससे करोड़ो की लागत से बने एयर कंडीशन सुविधाघर का लाभ आमजन को नहीं मिल पा रहा है.

सरकारी काम किस तरह से अफसरों की लापरवाही का शिकार हो जाते है इसका उदाहरण अलवर में देखने को मिल रहा है. पिछली सरकार के कार्यकाल में अलवर शहर में पांच वातानुकूलित सुविधाघर 50 -50 लाख की लागत से बनने के लिए वर्क ऑर्डर जारी किये गए थे. दो जगहों पर अफसरों ने जमीन का चयन गलत किया जिससे वहां निर्माण नहीं हो पाया और काम बंद करना पड़ा, शेष तीन सुविधाघर बनकर तैयार हो गए लेकिन प्रशासनिक लापरवाही और सिस्टम की कमी के चलते डेढ़ करोड़ की लागत से बने तीन सुविधाघर पर ताले लटके हुए है जिसका लाभ आमजन को नहीं मिल पा रहा है.

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वातानुकूलित सुलभ शौचालय बनकर तैयार हो चुके है जिसमें सरकार का करोड़ों रुपये भी खर्च हुए है लेकिन सिस्टम की भेंट चढ़ चुके ये शौचालय कब शुरू होंगे कोई पता नहीं और इस संदर्भ में आयुक्त कमलेश मीणा का कहना है कि यहां बिजली और बोरिंग के कनेक्शन नहीं थे उसके लिए एक्सईएन को निर्देशित किया जा चुका है और जल्द ही इन्हें मंत्री से उद्घाटन करवाकर शुरु करवाया जाएगा.

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क्या कहना है आयुक्त नगर परिषद कमलेश मीणा का
इस पूरे मामले में नगर परिषद प्रतिपक्ष नेता सतीश यादव ने बताया कि इसमें राजनीतिक द्वेषतापूर्ण से इन्हें शुरू नहीं किया जा रहा जबकि सुविधाघर निर्माण ठेका कम्पनी द्वारा इसे दस साल तक निशुल्क संचालन करना था.सबसे बड़ी बात यह है कि जिनमे दो तो सिर्फ महिलाओं के लिए थे लेकिन सिस्टम की लापरवाही की वजह से आजतक सुविधाघर शुरू नहीं हो पा रहे है. कुल मिलाकर आमजन सहित महिलाओं के लिए करोड़ो की लागत से बनाए गए वातानुकूलित सुविधाघर सरकारी सिस्टम की लापरवाही से धूल फांक रहे है.

Reporter: Jugal Kishor Gandhi

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