Ashok Gehlot - Vasundhara Raje : राजस्थान की सियासत में अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे का नाम पिछले ढाई दशकों से सियासी फलक पर है, एक बार अशोक गहलोत तो एक बार वसुंधरा राजे प्रदेश की कमान संभालती है. साथ ही दोनों नेता ना सिर्फ सांसद बल्कि केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. लिहाजा ऐसे में क्या आप जानते हैं कि दोनों नेताओं में से ज्यादा सैलरी और पेंशन किसकी है. आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं.
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Ashok Gehlot - Vasundhara Raje : राजस्थान की सियासत में पिछले ढाई दशक से अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे का ही सिक्का चल रहा है. 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बने अशोक गहलोत अब तक तीन बार प्रदेश के मुखिया की कुर्सी संभाल चुके हैं. जबकि वसुंधरा राजे भी दो बार भारी मतों से जीत कर CM बन चुकी हैं. दोनों ही नेता ना सिर्फ राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे हैं बल्कि संसद में भी राजस्थान का कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, लिहाजा ऐसे में साल उठता है कि आखिर दोनों नेताओं में से कौनसे नेता ज्यादा सैलरी और पेंशन मिलती है.
अशोक गहलोत राजस्थान के वर्त्तमान मुख्यमंत्री हैं जबकि वसुंधरा राजे पूर्व सीएम रह चुकी हैं. लिहाजा ऐसे में दोनों ही नेताओं की सैलरी में अंतर है. अशोक गहलोत विधायक होने के साथ ही मुख्यमंत्री भी हैं.जबकि वसुंधरा राजे वर्त्तमान समय में सिर्फ विधायक है. विधायक होने के नाते वसुंधरा राजे को 40 हजार रूपये सैलरी मिलती है. जबकि साथ में कई तरह के भत्ते और सुविधाएं भी दी जाती है. वहीं अशोक गहलोत को बतौर मुख्यमंत्री 75 हजार रुपये दिए जाते हैं जबकि किए होने के नाते विधायकों से कई अधिक भत्ते और सुविधाएं दी जाती है.
वसुंधरा राजे 1985–1989 तक धौलपुर से विधायक रही हैं. इसके बाद वो साल 2003 से झालरापाटन से विधायक हैं. पहले टर्म की 35000 हजार रूपये और बाकी तीन टर्म की मिलकर 24000 हजार रूपये और मिलते हैं. साथ ही 70 से ज्यादा उम्र की होने के चलते उन्हें कुल 70800 रूपये प्रतिमाह बतौर विधायक पेंशन मिलती है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत साल 2003 से लगातार राजस्थान विधानसभा के सदस्य हैं. इस दौरान वो तीन बार साल 1999–2003, 2008 से 2013 और 2018 में मुख्यमंत्री लगातार अब तक मुख्यमंत्री रहे हैं. विधायक होने के नाते पहले टर्म के 35000 रूपये और फिर अगले चार टर्म के 32000 हजार रूपये पेंशन मिलती है. इसके अलावा 70 से अधिक उम्र होने के चलते इसपर 20 फीसदी अतिरिक्त मिलता है. यानि विधायक के तौर पर सीएम गहलोत को 80400 रूपये पेंशन मिलती है.
वसुंधरा राजे साल 1989–2003 झालावाड़ से सांसद भी रह चुकी है. उस दौरान वो 19 मार्च 1998 – 12 अक्टूबर 1999 तक विदेश राज्य मंत्री की भूमिका निभा चुकी है. सांसद होने के नाते उन्हें पहले कार्यकाल की 25000 हजार रूपये पेंशन मिलती है. इसके साथ ही बाकी चार टर्म मिलकर उन्हें 49000 पेंशन मिलती है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 5 बार सांसद रहने के नाते उन्हें पहले कार्यकाल की 25000 हजार रूपये पेंशन मिलती है. इसके साथ ही बाकी चार टर्म मिलकर उन्हें 49000 पेंशन मिलती है.
वसुंधरा राजे को विधायकी और सांसदी का कुलमिलकर 1,19, 800 रूपये पेंशन मिलता है. जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को विधायकी और सांसदी का कुलमिलकर 1,29,400 रूपये पेंशन मिलता है.
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