Bhai Dooj 2021: भाई दूज कल, जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त
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Bhai Dooj 2021: भाई दूज कल, जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त

 दिवाली (Diwali) और गोवर्धन (Govardhan Puja) के पर्व की तरह ही भाई दूज (Bhai Dooj 2021) के त्योहार का भी बहुत महत्व है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: दिवाली (Diwali) और गोवर्धन (Govardhan Puja) के पर्व की तरह ही भाई दूज (Bhai Dooj 2021) के त्योहार का भी बहुत महत्व है. यह त्योहार दिवाली के दो दिन बाद यानि गोवर्धन पर्व के अगले दिन मनाया जाता है, जिसमें बहनें अपने भाईयों को टीका कर कलावा बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं.

ये तो सभी जानते हैं कि भाई दूज पर्व भाईयों के प्रति बहनों की श्रद्धा और विश्वास का पर्व है. इस पर्व को हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन ही मनाया जाता है. इस पर्व को बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगा कर मनाती हैं और भगवान से अपने भाइयों की लम्बी आयु की कामना करती हैं. हिन्दू धर्म में भाई-बहन के स्नेह-प्रतीक के रूप में दो त्योहार मनाये जाते हैं. पहला रक्षाबंधन जो कि श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इसमें भाई बहन की रक्षा करने की प्रतिज्ञा करता है.

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दूसरा त्योहार भाई दूज का होता है, इसमें बहनें भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती हैं, इस दिन बहनें भाइयों के स्वस्थ और दीर्घायु होने की मंगल कामना करके तिलक लगाती हैं. मान्यता है कि इस दिन बहन अपने हाथ से भाई को जीमाए तो भाई की उम्र बढ़ती है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं. इस दिन बहन के घर भोजन करने का विशेष महत्व है. बहनों को इस दिन भाई को चावल खिलाना चाहिए. बहन चचेरी, ममेरी और फुफेरी कोई भी हो सकती है. यदि कोई बहन न हो तो गाय, नदी आदि का ध्यान करके या उसके पास बैठकर भोजन कर लेना भी शुभ माना जाता है.

भैयादूज के शुभ मुहूर्त
भाई के तिलक के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 10 मिनट से 9.33 बजे तक शुभ चौघड़िया. दोपहर 12. 19 बजे से शाम 4.27 बजे तक चर, लाभ और अमृत के चौघड़िया रहेंगे. 

भाई-दूज का पर्व भाई-बहन के बीच स्नेह के बंधन को और भी मजबूत करता है. भारतीय परम्परा के अनुसार विवाह के बाद कन्या का अपने घर, मायके में कभी-कभार ही आना होता है. मायके की ओर से भी परिवार के सदस्य कभी-कभार ही उससे मिलने जा पाते हैं. ऐसे में भाई अपनी बहन के प्रति उदासीन न हों, उससे सदा स्नेह बना रहें, बहन के सुख:दुख का पता चलता रहें. भाई अपनी बहनों की उपेक्षा न करें, और दोनों के सम्बन्ध मधुर बने रहें. इन्हीं भावनाओं के साथ भाई दूज का पर्व मनाया जाता है.

भैया-दूज भी हुई हाईटेक भाई-बहन के प्यार का प्रतीक भैया-दूज भी आधुनिक जमाने के साथ कदम से कदम मिलाते हुए हाईटेक हो गया है. इन दिनों जहां देश-विदेश के विभिन्न स्थानों पर रहने वाले भाई-बहन समय की कमी को महसूस करते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं एसएमएस और ई-मेल के जरिए भी प्यार भरे बधाई संदेश दिए जाते हैं.

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बहरहाल, एक जमाना था जब बहन भाई के माथे पर तिलक लगा उसे मिठाई खिलाकर भैया के प्रति अपना प्यार दर्शाते हुए उसकी लंबी आयु और दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की की कामना करती थी. मगर, समय के बदलने के साथ-साथ इस त्योहार ने भी अपना रूप बदल लिया है. अब लोगों ने टेक्नोलॉजी का बखूबी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. देश-विदेश में रहने वाले भाई-बहनों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक-दूसरे को भैया दूज के बधाई संदेश भेजने शुरू कर दिए हैं. ऐसे में बहन को दिया जाने वाला उपहार भी भला क्यों हाईटेक नहीं होता, अब भाई इंटरनेट के माध्यम से बहन के लिए उपहार खरीदते हैं जो बहन को गिफ्ट पैक में उसके घर पहुंच जाया करता है.

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