वेंटिलेटर पर 4 जिलों की पेयजल लाइफलाइन, महज 7 महीने तक पानी पिलाएगा बीसलपुर बांध
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan981240

वेंटिलेटर पर 4 जिलों की पेयजल लाइफलाइन, महज 7 महीने तक पानी पिलाएगा बीसलपुर बांध

जयपुर (Jaipur), अजमेर (Ajmer), टोंक (Tonk) और दौसा (Dausa) जिले की लाइफलाइन कहे जाने वाला बीसलपुर बांध वेटिंलेटर पर है. कमजोर मानसून से पानी की आवक कम होने से बीसलपुर बांध की सेहत बिगड़ गई है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) में कमजोर मानसून (Monsoon) के चलते बीसलपुर बांध (Bisalpur Dam) में महज 7 महीने का पानी बचा है. ऐसे में जयपुर समेत चार जिलों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी. 

बांध में पानी की आवक कम होने से आने वाले समय में पानी कटौती भी होने लगेगी. ऐसे में अब आम लोगों को संभलना होगा नहीं तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है.

यह भी पढे़ं- Rajasthan के 33 में से 31 जिलों में घटा Ground Water Level, हो सकती पानी की किल्लत

 

जयपुर (Jaipur), अजमेर (Ajmer), टोंक (Tonk) और दौसा (Dausa) जिले की लाइफलाइन कहे जाने वाला बीसलपुर बांध वेटिंलेटर पर है. कमजोर मानसून से पानी की आवक कम होने से बीसलपुर बांध की सेहत बिगड़ गई है. बांध में सिर्फ 32 प्रतिशत पानी बचा है. बांध में उपलब्ध पानी चार जिलों की महज 7 महीने ही प्यास बुझा सकता है. ऐसे में आने वाले दिनों में इन जिलों को जलसंकट से जूझना पड़ेगा. जलदाय विभाग आने वाले समय में पानी की कटौती भी करेगा.

जानिए कितना पानी बचा है बांध में
बीसलपुर बांध की ऊंचाई : 315.50 आरएल मीटर
बीलसपुर बांध में पेयजल : 310.62 आरएल मीटर
बांध की भराव क्षमता : 38.7 टीएमसी
जलदाय विभाग का आवंटित पानी : 16.20 टीएमसी
सिंचाई के लिए आवंटित पानी : 8.0 टीएमसी
पिछले साल बांध में पानी-688.34 एमक्यूएम

पहली बार 2004 में चली चादर
बीसलपुर बांध बनने के बाद पहली बार 2004 में चादर चली थी. उसके बाद 2006 फिर 2014 और 2016 में पूर्ण भराव के साथ बांध के गेट खुल चुके हैं लेकिन अब बांध में पानी की आवक लगातार कम हो रही है. बीसलपुर गांव में बने इस बांध से 4 जिलों के 20 शहर और 2800 गांवों में की प्यास बुझाने वाले बांध में 32 फीसदी पानी दर्ज है हालांकि एक सप्ताह में भीलवाड़ा, रामसमंद, अजमेर में बारिश से पानी की आवक हो सकती है.

पानी बचाना ही होगा
उम्मीद है कि बचे हुए मानसून में अच्छी बारिश हो लेकिन आम लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरूक होना पड़ेगा क्योंकि ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में राजस्थान में जलसंकट की स्थिति और भी भयावह हो सकती है.

 

Trending news