शादी के लिए धर्म परिवर्तन की इजाज़त नहीं, हरियाणा सरकार के नए काननू का क्या राजस्थान पर होगा असर ?
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शादी के लिए धर्म परिवर्तन की इजाज़त नहीं, हरियाणा सरकार के नए काननू का क्या राजस्थान पर होगा असर ?

Conversion For Marriage : राजस्थान और हरियाणा का रोटी-बेटी का रिश्ता है. एक राज्य से दूसरे में बहु लायी भी जाती है और बेटी की शादी भी की जाती है. दोनों ही राज्यों का एक दूसरे के धर्म-संस्कार और रीति रिवाजों पर सीधा असर है. ऐसे में हरियाणा में लाया गया धर्म परिवर्तन निवारण नियम 2022 एक बड़ा बदलाव राजस्थान में भी लेकर आ सकता है.

शादी के लिए धर्म परिवर्तन की इजाज़त नहीं, हरियाणा सरकार के नए काननू का क्या राजस्थान पर होगा असर ?

Conversion For Marriage : हरियाणा सरकार ने धर्म परिवर्तन के मामले में एक बड़ा फैसला आज लिया और शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने वालों पर शिकंजा कस दिया. अब हरियाणा में धर्म परिवर्तन कर शादी करने की इजाजत नहीं मिलेगी और ऐसा करने पर 3 से 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है. हरियाणा की खट्टर सरकार ने विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण नियम 2022 बनाया है. जिसे अब हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मंजूरी मिल गई है.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण नियम 2022 बनाया जिसे हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मंजूरी के बाद लागू करने के लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है.

कानून लाने के पीछे की सबसे बड़ी वजह  हरियाणा में पिछले चार सालों में जबरन धर्मांतरण के 127 दर्ज मामले और लगातार आ रही शिकायतें बतायी जा रही है.  जिसके बाद राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है. धर्म परिवर्तन किए जाने के मामले में अब पीड़ित कोर्ट में भी शरण ले सकेगा.

कानून के मुताबिक कोर्ट पीड़ित और आरोपी की आय को ध्यान में रखते हुए उसका भरण-पोषण का खर्चा देने का आदेश दे सकता है. शादी के बाद अगर बच्चा हो और उसके बाद भी अगर कोई महिला या पुरुष धर्मांतरण का शिकार होता हो तो कोर्ट बच्चे और उसकी माता या पिता को देखकर फैसला करेगी. इस एक्ट में धारा 6 के मुताबिक विवाह अमान्य घोषित किया जा सकता है

ये ही नहीं कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करता है तो जिले के DC ऑफिस के नोटिस बोर्ड पर उस व्यक्ति के धर्म परिवर्तन की सारी जानकारी को चस्पा होंगी और फिर अगर धर्म परिवर्तन वाले व्यक्ति को कोई परेशानी होती है तो 30 दिनों के अंदर लिखित में शिकायत दी जा सकती है.

जिसके बाद DC इस मामले की जांच करेंगे कि धर्म परिवर्तन के नियमों का उल्लंघन हुआ भी है या फिर अपनी मर्जी से  धर्म परिवर्तन किया गया है.  अगर डीसी को नियमों का उल्लंघन होता दिखा तो धर्म परिवर्तन की स्वीकृति रद्द कर दी जाएगी. यहीं नहीं डीसी के आदेश को लेकर मंडल आयुक्त के सामने 30 दिनों के अंदर अपील भी की जा सकती है.

आपको बता दें कि राजस्थान और हरियाणा का रोटी-बेटी का रिश्ता है. एक राज्य से दूसरे में बहू लायी भी जाती है और बेटी की शादी भी की जाती है. दोनों ही राज्यों का एक दूसरे के धर्म-संस्कार और रीति रिवाजों पर सीधा असर है. ऐसे में हरियाणा में लाया गया धर्म परिवर्तन निवारण नियम 2022 एक बड़ा बदलाव राजस्थान में भी लेकर आ सकता है.

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