Jaipur: दिल्ली दौरे से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन बड़े फैसले किए हैं, जिससे जनता को राहत मिलेगी.
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Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनहित से जुड़े तीन बड़े फैसले किए हैं. इनमें पहला अस्पतालों के लिक्विड और सॉलिड वेस्ट के निस्तारण के लिए बनने वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 20 करोड़ रूपए के बजट को मंजूरी का निर्णय है. गहलोत की इस स्वीकृति से प्रदेश के बड़े अस्पतालों आरयूएचएस, एसएमएस अस्पताल, जनाना अस्पताल, महिला चिकित्सालय जयपुर, महात्मा गांधी अस्पताल जोधपुर, पीबीएम अस्पताल बीकानेर और चिकित्सा महाविद्यालय कोटा से संबद्ध अस्पतालों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होंगे और अस्पतालों के लिक्विड़ एवं सॉलिड वेस्ट का निस्तारण किया जा सकेगा. पर्यावरण की दृष्टि से अत्यन्त आवश्यक इन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का निर्माण आरयूआईडीपी द्वारा किया जाएगा. प्लांट के निर्माण के लिए लागत का 50 प्रतिशत व्यय चिकित्सा शिक्षा विभाग के 50 प्रतिशत राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल वहन करेगा.
दूसरा फैसला
दूसरे फ़ेसले में गहलोत ने जयपुर जिले की जमवारामगढ़ तहसील के दौलतपुरा में खुलने वाले नागरिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रथम चरण के निर्माण कार्य के लिए एक करोड़ रूपए के वित्तीय प्रावधान को मंजूरी दी है. इस संस्थान के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को आपदा में लोगों की मदद करने सहित आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. गहलोत के संस्थान के प्रथम चरण के निर्माण कार्य के लिए एक करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट वर्ष में दौलतपुरा जयपुर में नागरिक प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की घोषणा की थी. गहलोत के इस फैसले से प्रदेश में आपदा के समय नागरिक सुरक्षा की टीम को मजबूती मिलने के साथ ही बेहतर ढंग से आपदा प्रबंधन किया जा सकेगा.
तीसरा फैसला
इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के विभिन्न विभागों व उपक्रमों की परिसंपत्तियों, योजनाओं एवं कार्यों की भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) के माध्यम से जिओ टैगिंग कर उन्हें मैप से जोड़ने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है. इसके लिए प्रारंभ में 153.80 करोड़ रूपए की वित्तीय स्वीकृति दी गई है. जीआईएस एक ऐसी प्रणाली है जिसे पृथ्वी की सतह पर भौगोलिक स्थितियों के संबंध में डाटा एकत्रित करने, संग्रहित करने, संशोधन करने तथा विश्लेषण करने के लिए बनाया गया है. इस प्रणाली से डाटा प्रबंधित करने और प्रस्तुत करने का कार्य भी किया जा सकता है. गहलोत की इस स्वीकृति से अब राज्यव्यापी जीआईएस प्रणाली के माध्यम से सभी विभाग अपनी परिसंपत्तियों, सुविधाओं, योजनाओं व कार्यक्रमों का भू-स्थानिक डाटा जीआईएस आधारित प्लेटफॉर्म से जोड़ सकेंगे. इससे संसाधन संग्रहण एवं वितरण, विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के नीति नियोजन के संबंध में निर्णय लेने और उनके निरीक्षण में आसानी होगी.
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