विश्व बाघ दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान सामने आया है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट की जरिए कहा है कि मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि आज राजस्थान के चार टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 100 से अधिक हो गई है. यह 1973 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के बाघ संरक्षण के लिए शुरू किए गए 'टाइगर प्रोजेक्ट' की सफलता का प्रमाण है.
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Jaipur: विश्व बाघ दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान सामने आया है. मुख्यमंत्री ने ट्वीट की जरिए कहा है कि मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि आज राजस्थान के चार टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 100 से अधिक हो गई है. यह 1973 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के बाघ संरक्षण के लिए शुरू किए गए 'टाइगर प्रोजेक्ट' की सफलता का प्रमाण है. आज से वन विभाग, राजस्थान सरकार के सहयोग से जयपुर टाइगर फेस्टिवल में जवाहर कला केन्द्र, जयपुर में तीन दिवसीय बाघ फोटो प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है. इसमें देशभर के वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स द्वारा ली गईं 100 से अधिक तस्वीरें प्रदर्शित हो रही हैं. आप यहां जाकर ऐसी और सुन्दर तस्वीरों को निहार कर हमारे राष्ट्रीय पशु बाघ को करीब से जान सकते हैं.
विश्व बाघ दिवस के मौके पर मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि आज राजस्थान के चार टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 100 से अधिक हो गई है। यह 1973 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी द्वारा बाघ संरक्षण के लिए शुरू किए गए 'टाइगर प्रोजेक्ट' की सफलता का प्रमाण है। pic.twitter.com/ZM1KsAzl3h
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 29, 2022
बता दें कि 29 जुलाई को हर साल विश्व के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस बाघों के संरक्षण और उनकी विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने के उद्देश्य से मनाते हैं. इस मौके पर आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में बाघों की स्थिति को लेकर प्रसन्नता जाहिर की है.
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अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस बाघों के संरक्षण और उनकी विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने के उद्देश्य से मनाते हैं. इस मौके पर लोगों को बाघ के प्रजातियों के खत्म होते अस्तित्व के प्रति जागरूक करते हैं.
बाघ दिवस को मनाने की शुरुआत साल 2010 से हुई थी. रूस के पीटर्सबर्ग में एक इंटरनेशनल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें 29 जुलाई को विश्व बाघ दिवस मनाने का फैसला लिया गया था. इस अंतरराष्ट्रीय समिट में 13 देशों ने हिस्सा लिया था. बाघों की विलुप्त होती प्रजातियों पर चिंता जताते हुए बाघों की संख्या 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य बना लिया.
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