गहलोत ने कहा कि राजस्व कार्मिक (Revenue Personnel) पब्लिक सर्वेंट है और जब जनता की सेवा करने की बात आई तो वे अपने हितों की बात करने लगे.
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Jaipur : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने राजस्व विभाग के पटवारी, गिरदावर एवं तहसील सेवा के अधिकारियों से फिर से अपील की है कि वे प्रशासन गांवों के संग एवं प्रशासन शहरों के संग अभियान के दृष्टिगत कार्य बहिष्कार को समाप्त कर काम पर लौटें. गहलोत ने कहा है कि राजस्व संबंधी कार्यों में पटवारी, गिरदावर एवं तहसील सेवा के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है, ऐसे में अभियान के दौरान काम नहीं होने ग्रामवासियों में आक्रोश पैदा हो सकता है.
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गहलोत ने कहा कि राजस्व कार्मिक (Revenue Personnel) पब्लिक सर्वेंट है और जब जनता की सेवा करने की बात आई तो वे अपने हितों की बात करने लगे. ऐसे वक्त में तो अपनी मांग दरकिनार करके सरकार के साथ आना चाहिए. अभियान के दौरान बहिष्कार की बात करना कैसी समझदारी है.
आपकों बता दें कि सात सूत्रीय मांग को लेकर राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे प्रशासन गांवों के संग और प्रशासन शहरों के संग अभियान में राजस्थान राजस्व सेवा परिषद की ओर से राजस्व कार्यों का बहिष्कार किया जा रहा है. जयपुर जिले के पटवारी, गिरदावर, नायब तहसीलदार और तहसीलदारों ने जिला कलेक्ट्रेट के आगे अनशन शुरू कर दिया है. जिसमें समस्त राजस्व परिषद के घटक शामिल है. राज्य सरकार और राजस्थान राजस्व सेवा परिषद में विभिन्न स्तर पर वार्ताओं का दौर जारी है, लेकिन जब तक पूर्व में हुए समझौतों की पालना में 7 सूत्री मांग पत्र पर सरकार जब तक आदेश जारी नहीं देती तब तक राजस्थान राजस्व सेवा परिषद की ओर से समस्त राजस्व कार्यों का बहिष्कार किया जाएगा.
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तहसीलदार और पटवारियों ने बताया कि वेतन विसंगति दूर करने, नायब तहसीलदार के पदों पर गिरदावरों की पदोन्नति करने के समझौते को लागू करने, पटवारी की पांच वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर वरिष्ठ पटवारी की श्रेणी का निर्धारण कर उसके वेतनमान देने, तहसीलदार के 68 प्रतिशत, नायब तहसीलदार के 54 प्रतिशत और भू-अभिलेख निरीक्षक के लगभग 20 प्रतिशत पदों पर तुरन्त पदोन्नति करने की मांग कर रहा है. इसके अलावा अभियानों में जारी किए जाने वाले पट्टों के पंजीयन की शक्तियां उप पंजीयक के पास ही रखने, कैडर स्टेंथ में नवीन पदों का सृजन करने की मांग की जा रही है.