CM Gehlot ने एसएमएस स्टेडियम में निर्माण कार्यों का किया लोकार्पण, कहा-राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड की होगी शुरूआत
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CM Gehlot ने एसएमएस स्टेडियम में निर्माण कार्यों का किया लोकार्पण, कहा-राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड की होगी शुरूआत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खिलाड़ी सुंदर गुर्जर, श्याम सुंदर, अपूर्वी चंदेला, दिव्यांश पवार,रजत चौहान,प्रिया गुर्जर, चिराग खांडल,मंजू बाला को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एसएमएस स्टेडियम का किया लोकार्पण.

Jaipur: प्रदेश में खेलों के विकास को लेकर कवायद तेज की जा रही है. इस मौके पर आज प्रदेश के खिलाड़ियों को कई बड़ी सौगात मिली है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एसएमएस स्टेडियम में बने नये राजस्थान हाई परफॉर्मेंस स्पोर्ट्स ट्रेनिंग एण्ड रिहेबिलीटेशन सेंटर, बैडमिंटन हॉल, रिनोवेशन सिन्थेटिक हॉकी एस्ट्रोटर्फ,अनुदान ऑनलाइन पोर्टल का लोकार्पण किया गया. इसके साथ ही ओलम्पिक प्रतिभागी,पैरा ओलम्पिक पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों का भी मुख्यमंत्री ने सम्मान किया,साथ ही खिलाड़ियों के साथ संवाद भी किया.

ओलम्पिक खेलों की मशाल देकर खिलाड़ियों को किया रवाना 
इसके साथ ही 29 अगस्त से आयोजित होने जा रहे राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों की मशाल खिलाड़ियों को देकर मशाल रैली को रवाना किया. इस कार्यक्रम में खेल मंत्री अशोक चांदना, मंत्री महेश जोशी, मंत्री शकुंतला रावत, आरटीडीसी चैयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़, कृष्णा पूनिया,सतवीर चौधरी,सीताराम लाम्बा,मंत्री गोविंद मेघवाल सहित कई गणमान्य मौजूद थे.

प्रदेश में खेलों का लगातार विकास- डॉ. कृष्णा पूनिया
कार्यक्रम को संबोधित राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद अध्यक्ष डॉ. कृष्णा पूनिया ने कहा कि 'आज विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण हुआ है. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है. साथ ही कहा कि खिलाड़ियों को प्रदेश सरकार ने सब कुछ दिया है. प्रदेश में खेलों का लगातार विकास हो रहा है. आज हमारे खिलाड़ी दूसरे राज्यों में नहीं जा रहे हैं, जैसा पहले होता था. आज दूसरे राज्य के खिलाड़ी राजस्थान आ रहे हैं खेलने के लिए, खिलाड़ियों को मिलने वाली सुविधा में भी बढ़ोतरी की गई है. 

मैडल जीतने पर खिलाड़ियों को मिला फ्लैट और 25 बीघा जमीन 
खिलाड़ियों को प्रदेश सरकार ने मालामाल कर दिया है. अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी को मैडल जीतने पर फ्लैट और 25 बीघा जमीन मिल रही है. राज्य स्तर के खिलाड़ियों को भी पुरस्कार राशि दी जा रही है. सरकार की ओर से खिलाड़ियों को जो थोड़ी पुरस्कार राशि दी जाती थी, अब उसको करोड़ों रुपये तक बढ़ा दिया है. खेलों को हम और ऊपर लेकर जाएंगे. मुख्यमंत्री से आग्रह है की पे एण्ड प्ले की राशि को खत्म किया जाए साथ ही राजीव गांधी खेल अवार्ड की फिर से शुरूआत की जाए.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पद विजेता खिलाड़ियों से किया संवाद 
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खिलाड़ी सुंदर गुर्जर, श्याम सुंदर, अपूर्वी चंदेला, दिव्यांश पवार,रजत चौहान,प्रिया गुर्जर, चिराग खांडल,मंजू बाला को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इसके साथ ही एसएमएस स्टेडियम में ओपीडी की सेवाएं दे रहे डॉक्टर को भी सम्मानित किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पद विजेता खिलाड़ियों के साथ संवाद भी किया साथ ही उनके अनुभव भी जाना. मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को आगे भविष्य में और तरक्की करने का आशीर्वाद भी दिया.

250 से ज्यादा खिलाडियों को आउट ऑफ टर्न नौकरी मिली 
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि 'खेलों और खिलाड़ियों का जितना विकास पिछले साढ़े तीन सालों में हुआ है उतना तो आज तक नहीं हुआ. 2015 से जिन खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि रुकी थी वो उनके खातों में जमा हो गई है. 250 से ज्यादा खिलाडियों को आउट ऑफ टर्न नौकरी मिल चुकी है. आजादी के बाद से करीब एक दर्जन खेल ऐसे हैं जहां हमने पिछले तीन सालों में दर्जनों मैडल जीत लिए हैं.

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों ने प्रदेश का नाम रोशन किया है. आज शूटिंग में साल में एक बार प्रदेश बदलने का खिलाड़ियों को मौका मिलता था. लेकिन अब खिलाड़ी राजस्थान को छोड़ना ही नहीं चाहते हैं. कुछ खिलाड़ी हैं जो सिर्फ पढ़ाई के चलते ही दूसरे राज्य में जाने की इच्छा रखते हैं. मुख्यमंत्री से खेल विभाग का निदेशालय खोलने की मांग करता हूं.

खेलों में राजस्थान लीड लेते हुए नजर आ रहा- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि "स्टेडियम में बहुत ही शानदार कार्यक्रम आयोजित हुआ है. ये माहौल बहुत कुछ बयां करता है. हमारे देश में खेलों के जो उम्मीद होनी चाहिए थी,वो नहीं हो पाई थी,लेकिन अब राजस्थान लीड लेते हुए नजर आ रहा है. जो उत्साह देख रहा हूं उसको देखते हुए लगता है कि आप इस से बहुत खुश हैं. सरकार आपके लिए और क्या करना चाहती है. केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब मैं 1 साल के लिए खेल मंत्री था. तभी से खेलों के प्रति थोड़ा रुझान ज्यादा है. खेलों में माहौल बदल रहा है. कोई वक्त था जब यह माहौल हरियाणा में बना हुआ था. लेकिन अब यह माहौल राजस्थान में देखने को मिल रहा है.

खिलाड़ियों के पेंशन को लेकर भी सरकार आगे
खेल मंत्री अशोक चांदना और खेल परिषद अध्यक्ष कृष्णा पूनिया अच्छा काम कर रहे हैं. दोनों ने मिलकर क्या क्या कर रहे हैं खिलाड़ियों के लिए वह जो सुझाव देंगे उनको पूरी तवज्जो मिलेगी साथ ही वह पूरे भी होंगे. हर जिले में खेल मैदान बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. राजस्थान पहला राज्य होगा जहां पर गांव -गांव में खेलों का आयोजन होगा. यह मुमकिन नहीं है कि सभी खिलाड़ी बने, लेकिन खेलों के प्रति माहौल जरूर बनेगा. सरकार इस दिशा में काम कर रही है. खिलाड़ियों के पेंशन को लेकर भी सरकार पीछे नहीं है. हर खिलाड़ी अपना भविष्य सुरक्षित रखना चाहता है. हमने पुरानी पेंशन स्कीम फिर से शुरू की है. खिलाड़ियों को आउट ऑफ नौकरी की सौगात दी है. सरकारी नौकरी में 2 फीसदी कोटा दिया जा रहा है. ओलंपिक में पदक विजेता के लिए सरकार कुछ करने पर विचार कर रही है.

सरकार आती जाती रहती हैं- सीएम अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि "मंच से मुझसे बहुत सारी मांग की गई है. अगले बजट तक खेल निदेशालय की घोषणा कर पाऊंगा. इससे पहले उस का प्रारूप तैयार करके मुझे सौंपा जाए. साथ ही गुरु वशिष्ठ और द्रोणाचार्य अवार्ड शुरू करने की भी इस मंच से घोषणा करता हूं. किसी पुरस्कार का नाम बदलना मेरी सोच से परे है. सरकार आती जाती रहती है मैं तीसरी बार मुख्यमंत्री बना हूं. लेकिन मैंने पिछली सरकार द्वारा चलाई गई किसी भी योजना को बंद नहीं किया.

योजना को बंद होने से ना सिर्फ वक्त बर्बाद होता है शाथ ही पैसों की भी बर्बादी होती है. लेकिन बीजेपी की सरकार आते ही हमारी सभी योजनाओं को बंद कर दिया जाता है. यह सोचने वाली बात है. भारतीय जनता पार्टी उनकी सोच को समझना और सर्च करना पड़ेगा उनके माइंड में क्या चल रहा है. यही योजनाओं को बंद क्यों करते हैं. रिफाइनरी 40 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट था उसे बंद कर दिया गया.

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 राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान को बंद करने पर केंद्र को धेरा
5 साल की देरी से की वजह से यह प्रोजेक्ट अब 70 हजार करोड़ का हो गया है. राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान को बंद करने का तो क्या है, यह समझ से परे है. योजनाओं का, अवार्ड का नाम बदलना अच्छी परंपरा नहीं है. कम से कम खेल को बख्श दें. खेल में राजनीति नहीं होनी चाहिए. मैं इस मंच से घोषणा करता हूं की राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड की फिर से शुरूआत होगी.

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