राहुल गांधी की यात्रा से पहले बढ़ा सरकार का सिरदर्द, कल संविदाकर्मियों का जयपुर कूच
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राहुल गांधी की यात्रा से पहले बढ़ा सरकार का सिरदर्द, कल संविदाकर्मियों का जयपुर कूच

राजस्थान में अगले महीने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा आने वाली है. इससे पहले संविदाकर्मियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं, विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है. ऐसे में सरकार के सामने दोहरी चुनौती है. 

राहुल गांधी की यात्रा से पहले बढ़ा सरकार का सिरदर्द, कल संविदाकर्मियों का जयपुर कूच

जयपुर: राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. प्रदेश के चार विभागों के संविदाकर्मी कल यानी गुरुवार को नियमित करने की मांग को लेकर विद्याधर नगर स्टेडियम में जुटेंगे और सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे. प्रदेश के संविदाकर्मियों ने सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है. संविदाकर्मियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि वे राहुल गांधी से भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जगह-जगह मुलाकात करेंगे और सरकार की कार्यशैली से अवगत कराएंगे.

इस रैली में अल्प संख्यक विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा विभाग, शिक्षा विभाग और ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के संविदाकर्मियों के प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त रूप से शामिल होंगे. संविदाकर्मियों का कहना है कि सरकार ने संविदाकर्मियों के साथ वादाखिलाफी की है. कांग्रेस सरकार विधानसभा चुनाव लड़ रही थी तो उस दौरान पार्टी ने घोषणा पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन, चार वर्ष का कार्यकाल गुजरने के बाद भी यह वादा पूरा नहीं किया है.

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गौरतलब है कि राजस्थान में इन चार विभागों के 1 लाख 10 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं. सरकार की ओर से हाल ही में राजस्थान कॉन्ट्रैक्चूअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 के माध्यम से पुन: संविदाकर्मियों की पिछली नौकरी को शून्य मानते हुए अन्य परिलाभों में कटौती कर एक बार फिर संविदा पर ही रखने का निर्णय किया है, जिससे सभी संविदाकर्मियों में भारी रोष है.

मंत्री कल्ला की अध्यक्षता में बनी थी कमेटी, रिपोर्ट अब भी लंबित

संविदाकर्मियों का कहना है कि कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला की अध्यक्षता में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया गया था. लेकिन, अभी तक उस कमेटी की रिपोर्ट लंबित है.ऐसे में कमेटी की रिपोर्ट के बिना ही संविदा कर्मचारियों के सर्विस रूल्स बनाए गए.जिसमें विगत 15 वर्षों से कार्यरत कर्मचारियों को किसी भी प्रकार का कोई भी लाभ नहीं दिया जा रहा है.

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