बदहाल सफाई व्यवस्था देख भड़क उठी निगम हैरिटेज मेयर, अफसरों को दी चेतावनी
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बदहाल सफाई व्यवस्था देख भड़क उठी निगम हैरिटेज मेयर, अफसरों को दी चेतावनी

निरीक्षण के दौरान जो तस्वीर सामने आई कि शहर में सफाई व्यवस्था बेहद बिगड़ी हुई है. कॉलोनियों में देखने को मिला कि जगह-जगह सड़कें टूटी हुई हैं. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: दीपावली (Diwali 2021) त्योहार को लेकर घर-घर में सफाई हो रही है. हर कोई अपने घर को सुंदर बनाने और साफ रखने के लिए लोग जुटे हुए हैं लेकिन नगर-निगम को त्योहार पर शहर को साफ रखने की सुध ही नहीं है. आलम यह है कि नगर निगम हैरिटेज क्षेत्र के कई इलाकों से कई-कई दिनों तक कचरा तक नहीं उठ रहा है. नगर निगम हैरिटेज (Municipal Heritage) मेयर मुनेश गुर्जर ने दीपावली से पहले जब गोविंददेवजी मंदिर (Govinddevji Temple) से लेकर छोटी चौपड़ तक अफसरों के साथ पैदल दौरा किया तो बदहाल सफाई व्यवस्था को देखकर दंग रह गई.  

शहर में सफाई व्यवस्था बिगड़ी
वहीं, निरीक्षण के दौरान जो तस्वीर सामने आई कि शहर में सफाई व्यवस्था बेहद बिगड़ी हुई है. कॉलोनियों में देखने को मिला कि जगह-जगह सड़कें टूटी हुई हैं. कॉलोनियों में पार्क तो हैं लेकिन विकसित बिल्कुल नहीं है बल्कि खाली और उजड़े पड़े हैं. पार्कों में इंसानों की जगह आवारा पशु घूमते हुए नजर आए. श्वान और बंदरों का पार्कों में जमावडा रहता है. 

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लापरवाही हुई तो एक्शन के लिए तैयार 
मुनेश गुर्जर (Munesh Gurjar) का मानना हैं कि शहर में अब तक सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है. टूटी सड़कें, बदहाल पार्क, टूटी नालियां और जगह-जगह गंदगी देखकर काफी दुख होता है इसलिए इस बिगड़ी हुई व्यवस्था को लाइन पर लाना पहला काम होगा. अफसरों को सात दिन में व्यवस्था सुधारने की हिदायत दी हैं. यदि अब भी लापरवाही हुई तो एक्शन के लिए तैयार रहे. बाजारों में दुकानदार तय लाइन के बाहर सामान रखेंगे तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. 

कचरा निस्तारण की बड़ी समस्या
शहर को अतिक्रमण से निजात दिलाने के लिए कार्ययोजना बनती है. इसे अमल में भी लाया जाता है और अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलता है लेकिन विभागीय लापरवाही और उदासीनता के चलते फिर कुछ दिन बाद सड़कों पर दुकानें सज जाती हैं. फुटपाथ और बरामदों में सामान रख दिए जाते है, जिससे पैदल चलने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पडता हैं. शहर को साफ सुथरा रखने और कचरा निस्तारण की बड़ी समस्या है. 

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नगर निगम में सफाई कर्मियों की लंबी फौज होने के बाद भी नियमित सफाई नहीं होती हैं. पहले सुबह, दोपहर और रात में शहर में सफाई का काम होता था लेकिन अब तो एक बार भी शहर की सड़कों पर झाड़ू लग जाए तो बड़ी बात है. कागजों में कई सड़कों पर दिन में दो बार सफाई हो रही है. मगर सुबह को छोड़कर अन्य किसी समय सड़क पर सफाई मजदूर नहीं दिखते है. अगर कहीं सफाई होती भी दिखती है, तो मजदूर सड़क पर खड़ी गाड़ियों और जाम का लाभ उठाते हुए बस खानापूर्ति करके चले जाते हैं. ना ही बीवीजी (BVG) कंपनी की घर-घर कचरा संग्रहण करने वाली गाडियां घरों तक पहुंचती हैं. 

जांच करने की ड्यूटी लगाई गई
बहरहाल, निगम मुख्यालय स्तर से सफाई को लेकर मॉनीटरिंग सिस्टम पूरी तरफ फेल है. काम की व्यस्तता में भले ही नगर-निगम आयुक्त कभी-कभार सफाई का निरीक्षण करते हों लेकिन निगम मुख्यालय और जोन स्तर के अन्य अधिकारी शायद ही कभी जांच के लिए जाते हैं. हालांकि निगम आयुक्त स्तर पर पहले से निगम मुख्यालय के अधिकारियों को पूरे शहर का इलाका बांट कर सप्ताह में दो से तीन दिन जांच करने की ड्यूटी लगाई गई है.

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