Trending Photos
Jaipur : राजस्थान (Rajasthan News) की मरूभूमि पर अकाल का संकट मंडरा रहा है. प्रदेश के अधिकतर बांध सूख चुके हैं और दूसरे बांधों की स्थिति भी ठीक नहीं है. लगातार बांधों का जलस्तर कम होने से जल संकट का बड़ा अंदेशा दिखाई देने लगा है.
नदियों की शांति आने वाले संकट को बता रही
जिस मानसून (Monsoon) में नदियां उफान पर रहा करती थी, अब उन्हीं नदियों की शांति मरुधरा को डरा रही है. अबकी बार मानसून में ना ही कोई नदियां उफान पर बह रही है और ना ही इन नदियों से पानी बांधो तक पहुंच रहा है, जिस कारण बांधों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. जुलाई में प्रदेश की बनास, माही और दूसरी नदियां उफान पर रहती थी, लेकिन अब इन नदियां में पानी नजर नहीं आ रहा है. अबकी बार तो हालत ऐसी हो गई है कि त्रिवेणी नदियों का संगम नहीं हो पा रहा है, जिसकी वजह से बांध सूख चुके हैं. राजस्थान के बांधों में महज 34 फीसदी ही पानी बचा है पिछले साल जुलाई में 40 फीसदी पानी बचा था. यानी इस साल बांधों में 6 फीसदी पानी कम हो गया है. ऐसे में जल संकट और अकाल का खतरा राजस्थान के मरुभूमि (Famine In Rajasthan) पर मंडराता हुआ दिखाई दे रहा है.
यह भी पढ़ें : Rajasthan: विधायक की अगुवाई में धर्म ध्वजा हटाने का मामला गरमाया, हिंदुओं में आक्रोश
किस संभाग के बांधों में कितना % पानी घटा-बढ़ा
संभाग में बांध 2020 2021 कितना घटा-बढ़ा
जयपुर (261) 26.8% 13.9% 12.9%घटा
जोधपुर(123) 5.8% 45.85% 40.09% बढ़ा
कोटा(67) 60.8% 55.3% 5.5% घटा
उदयपुर(256) 36.9% 32.5% 4.4% घटा
कुल 40.41% 34.23% 6.18% घटा
कई जिलों में अकाल की आहट-
जोधपुर संभाग (Jodhpur) को छोड़कर बाकी सभी संभागों में पिछले साल के मुकाबले इस साल बांधों में पानी का जलस्तर कम हुआ है. जोधपुर में 45 फीसदी से ज्यादा पानी की आवक हुई है. जबकि जयपुर, कोटा और उदयपुर मैप बीते साल के मुकाबले पानी का जलस्तर घटा ही है. यदि मानसून ऐसा ही सोच रहा तो आने वाले दिनों में इन बांधों की स्थिति और भी खराब हो सकती है, जिससे जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी और कई जिलों में अकाल की आहट दी दिखाई दे सकती है.
औसत से 25% तक कम हुई बारिश, इसलिए बांध सूखे
1 जून से 20 जुलाई तक राजस्थान में मानसून की स्थिति की बात की जाए तो आंकड़े चिंताजनक है. प्रदेश में अब तक औसत से करीब 25 फीसदी से कम बारिश दर्ज की गई है. साथ ही पूर्वी राजस्थान में औसत से करीब 37 फीसदी तक कम बारिश दर्ज की गई है, जिसने एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है. वर्तमान में राजस्थान के 29 जिलों में औसत से कम बारिश दर्ज की गई है, तो वहीं आधा दर्जन जिलों में औसत से करीब 55 से 60 फीसदी तक कम बारिश दर्ज की गई है.यानी हमे समय रहते बून्द-बून्द बचाना ही होगा, नहीं तो आने वाले दिनों में राजस्थान में अकाल की स्थिति बन सकती है.
यह भी पढ़ें : कमजोर Monsoon के चलते Rajasthan में अकाल की आहट, औसत से 25 % कम बारिश दर्ज