अस्पताल में काम आने वाले शेड्यूल-X औषधियों के लिए तो अस्पताल द्वारा निरीक्षण दिनांक तक लाइसेंस ही नहीं लिया गया था.
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Jaipur: औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा (Rajaram Sharma) के नेतृत्व में जयपुर (Jaipur) के मानसरोवर स्थित इंडस अस्पताल में कोरोना एवं नारकोटिक्स की दवाइयों के क्रय-विक्रय से संबंधित जांच की गई.
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जांच में अस्पताल की 24 घंटे चलने वाली फॉर्मेसी में एक भी फार्मासिस्ट उपस्थित नहीं पाया गया. अप्रैल-मई माह में जब कोरोना संक्रमण चरम पर था, तो राज्य सरकार (State Government) द्वारा कोरोना (Corona) से संबंधित औषधि रेमडेसीविर का अधिकतम मूल्य ₹2800 निर्धारित किया गया था लेकिन अस्पताल प्रशासन द्वारा इस दवा को ₹4000 में विक्रय किया जाना पाया गया तथा रेमडेसीविर के स्टॉक में भी गड़बड़ियां पाई गई.
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आई.सी.यू. एवं क्रिटिकल केयर के इंजेक्शनस (मिडाजोलम, Cipremi एवं Doxycyline) को बिना बिल के विक्रय किया जाना पाया गया. अस्पताल में काम आने वाले शेड्यूल-X औषधियों के लिए तो अस्पताल द्वारा निरीक्षण दिनांक तक लाइसेंस ही नहीं लिया गया था. औषधियों का संधारण भी सही नहीं पाया गया, ना हीं अस्पताल फार्मेसी द्वारा शेड्यूल H1 औषधियों का रिकॉर्ड भी संधारित पाया गया.
ऐसे में अब अस्पताल फार्मेसी के विरुद्ध औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. सहायक औषधि नियंत्रक महेंद्र जोनवाल, डीसीओ सिंधु कुमारी, महेश बयाडवाल की टीम द्वारा इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया.