Jaipur News: सहकारिता को मजबूत करने के लिए देशभर के जनप्रतिनिधि और सहकारी समितियां से जुड़े हुए प्रतिनिधि जयपुर में एक मंच पर जुड़ेंगे. राजस्थान में 18 वर्षों बाद नेफरकोम यानी नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट को-ऑपरेटिव बैक्स की बैठक 26 सितंबर को होगी.
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Jaipur News: सहकारिता को मजबूत करने के लिए देशभर के जनप्रतिनिधि और सहकारी समितियां से जुड़े हुए प्रतिनिधि जयपुर में एक मंच पर जुड़ेंगे. राजस्थान में 18 वर्षों बाद नेफरकोम यानी नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट को-ऑपरेटिव बैक्स की बैठक 26 सितंबर को होगी. इस बैठक में विभिन्न राज्यों के राज्य सहकारी बैंकों के अध्यक्ष ,प्रशासक ,मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित सहकारी क्षेत्र के वरिष्ठ जन प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया जाएगा.
मरुधरा में सहकारिता को नए आयाम देने के लिए देशभर के एक्सपट्र्स जयपुर आएंगे 26 सितंबर को जयपुर के एक निजी होटल में सहकारिता के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। मेघराज सिंह रतनू ने बताया कि नेफस्कोब का गठन 33 राज्यों के राज्य सहकारी बैंकों द्वारा अल्पकालीन साख संस्थाओं से संबंधित विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श, समस्याओं के समाधान हेतु किया गया है। नेफस्कोब अल्पकालीन सहकारी साख संस्थाओं से संबंधित विभिन्न मुद्दों को नाबार्ड, आरबीआई के समक्ष रखता है, समस्याओं के सकारात्मक समाधान-संस्थाओं की बेहतरी के लिए प्रयास करता है।
रजिस्ट्रार ने बताया की 26 सितंबर को नेफरकोब की संचालक मण्डल की बैठक में सहकारिता मंत्रालय द्वारा पैक्स के लिए मॉडल उपनियम, प्रत्येक पंचायत पर पैक्स की स्थापना, अनाज भंडारण योजना, कॉमन सर्विस सेन्टर, पेट्रोल पंप आवंटन, एलपीजी ड्रिस्टीब्यूटर्सशिप, एसपीओ का गठन, खाद वितरण केन्द्रों, जन औषधि केन्द्र खोलने सहित अन्य पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
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केंद्र सरकार द्वारा कुछ समितियों को करों में दी गई राहत, नगद जमा व ऋण दिये जाने की सीमा में वृद्धि, अन्य सहकारिता द्वारा जिन समस्याओं का सामना किया जा रहा है, उसके समाधान के लिए प्रयासों पर विचार-विमर्श होगा, साथ ही केंद्र सरकार के वित्तीय सेवा विभाग को नेफस्कोब के द्वारा सहकारी संस्थाओं के पुर्नपूंजीकरण, विधिक परिवर्तनों पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक भोमाराम ने बताया कि बैठक में आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी, ओटीएस, डिजिटल लैंडिंग के संबंध में विचार-विमर्श, केन्द्रीय रजिस्ट्रार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों, मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव एक्ट की धाराओं में किए गए संशोधनों पर विचार किया जाएगा.
सहकारी बैंकों में सुधार के लिए किए जा रहे विभिन्न उपायों पर विचार-विमर्श, नाबार्ड की परोक्ष निगरानी प्रणाली में डेटा पाइंटस में की गई वृद्धि, पैक्स एज मल्टी सर्विस सेन्टर योजना पर विचार-विमर्श, फसली ऋण वितरण पर आ रही समस्याओं सहित अन्य विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा.