क्या राजस्थान के सभी स्कूल और कोचिंग 6 दिसंबर से बंद कर दिए गए हैं? जानिए Viral Post का सच
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क्या राजस्थान के सभी स्कूल और कोचिंग 6 दिसंबर से बंद कर दिए गए हैं? जानिए Viral Post का सच

रविवार रात किसी ने गृह विभाग का फर्जी आदेश वायरल कर दिया, जिसमें राजस्थान के सभी शिक्षण संस्थाओं और कोचिंग को बंद करने और ऑनलाइन क्लास शुरू करने का आदेश है.

गृह विभाग से शैक्षणिक संस्थाओं को बंद करने का फर्जी आदेश वायरल.

Jaipur: राजस्थान में भी कोरोना वायरस ओमिक्रोन का खतरा मंडराने लगा है. जयपुर में रविवार को एक ही दिन में ओमिक्रोन के 9 पॉजिटिव मिलने के बाद घबराहट उत्पन्न हो गई है. इस बीच रविवार रात किसी ने गृह विभाग का फर्जी आदेश वायरल कर दिया, जिसमें राजस्थान के सभी शिक्षण संस्थाओं और कोचिंग को बंद करने और ऑनलाइन क्लास शुरू करने का आदेश है.

राजस्थान में भी कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) के मरीज पाए जा रहे हैं. हालात यह है कि राजस्थान ओमिक्रोन वेरिएंट वाला देश में अब पांचवां राज्य बन गया है. इस बीच रविवार रात किसी ने विभाग का एक आदेश वायरल कर दिया, जिसमें ओमिक्रोम वायरस के प्रभाव को देखते हुए सभी शिक्षण संस्थाओं को 6 दिसंबर से बंद करने और ऑनलाइन क्लासेज शुरू करने के निर्देश दिए गए. हालांकि जांच के बाद यह आदेश फर्जी निकला. जिसके बाद विभाग ने भी स्पष्टीकरण जारी किया है.

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दिलचस्प बात यह है कि फर्जी आदेश वायरल करने वाले ने आदेश तैयार करने में पूरी कलाकारी दिखाई. फर्जी वायरल आदेश गृह सचिव के हस्ताक्षर किए गए. साथ ही फाइल नंबर भी डाले गए, जिससे सोशल मीडिया पर वायरल हुआ या देश असली लगे लेकिन वह यह भूल गया कि अभी गृह सचिव कौन है. दरअसल फर्जी वायरल आदेश में गृह सचिव एल एल मीणा को बताया गया है जबकि मीणा का गृह विभाग से काफी समय पहले ही तबादला हो चुका है. अभी वर्तमान में गृह सचिव सुरेश गुप्ता है और यदि कोई आदेश जारी होता है तो उन्हीं के हस्ताक्षर से होगा. इसके साथ ही फर्जी वायरल आदेश में गृह ग्रुप 9 का हवाला दिया गया है जबकि वर्तमान में कोरोना गाइडलाइन से संबंधित आदेश गृह विभाग के ग्रुप 7 से जारी किए जा रहे हैं. 

इधर फर्जी वायरल मैसेज सोशल मीडिया (Social Media) के जरिए लोगों तक पहुंचा तो उनमें भ्रांति उत्पन्न हो गई. कई लोगों ने ज़ी मीडिया को फोन करके पता किया तो उन्हें फर्जी आदेश के वायरल होने की जानकारी मिली तब उन्होंने संतोष की सांस ली. अब सवाल यह उठता है कि गृह विभाग का इस तरह का फर्जी आदेश किसने जारी किया और क्यों किया? क्या गृह विभाग एजेंसियों से जांच कर इस पर भी वायरल आदेश का पता लगा पाएगा.

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