Naresh Meena: प्रशासनिक अधिकारी को थप्पड़ मारने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है? क्या नरेश मीणा को हो सकती जेल?
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Naresh Meena: प्रशासनिक अधिकारी को थप्पड़ मारने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है? क्या नरेश मीणा को हो सकती जेल?

राजस्थान में एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया है. नरेश मीणा ने एसडीएम पर फर्जी तरीके से वोटिंग करने का आरोप लगाया है. ऐसे में सवाल है कि किसी सरकारी सेवक पर हाथ उठाने की सजा क्या है?

Naresh Meena: प्रशासनिक अधिकारी को थप्पड़ मारने पर कितने साल की सजा का प्रावधान है? क्या नरेश मीणा को हो सकती जेल?

SDM slap row Tonk: राजस्थान में एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया है. नरेश मीणा ने एसडीएम पर फर्जी तरीके से वोटिंग करने का आरोप लगाया है. ऐसे में सवाल है कि किसी सरकारी सेवक पर हाथ उठाने की सजा क्या है? इस मामले में दोषी को 7 साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है. यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 353 के तहत आता है, जिसमें सरकारी अधिकारी को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालने के लिए दंड का प्रावधान है.

SDM को थप्पड़ मारने का मामला
नरेश मीणा द्वारा SDM को थप्पड़ मारने का मामला अब और भी ज्यादा तूल पकड़ चुका है। जिसके बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या किसी सरकारी अधिकारी पर हाथ उठाने पर सजा प्रावधान है. जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय दंड संहिता की धारा 353 के तहत, सरकारी अधिकारी के कम में बाधा डालने के लिए दंड का प्रावधान है. इस धारा के अनुसार, दोषी को 7 साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है. दोषी को 7 साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

थप्पड़ मारने पर सजा का प्रावधान 
लोकसेवक को थप्पड़ मारने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 353 के तहत सजा का प्रावधान है. इस धारा के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी सेवक को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालने के लिए आपराधिक बल का उपयोग करता है, तो उसे 7 साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

 

जेल, जुर्माना, या दोनों लागू
जब कोई व्यक्ति किसी सरकारी सेवक पर हमला करता है या फिर उसको कर्तव्य निभाने से रोकने के इरादे से उस पर हमला  करता है, तो उसे सजा हो सकती है. इस मामले में दोषी को दो साल तक की जेल, जुर्माना, या दोनों लागू किया जा सकता है. यह सजा भारतीय दंड संहिता के तहत दी जाती है, जो सरकारी सेवकों के प्रति अपराधों के लिए दंड का प्रावधान करती है.

​भारतीय दंड संहिता (IPC)
भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत, लोक सेवकों पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करने के मामले धारा 195(1) के तहत दर्ज किए जाते थे. इस धारा के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक पर हमला करता है या उस पर आपराधिक बल का प्रयोग करता है, खासतौर पर जब वह अपनी ड्यूटी कर रहा होता है, तो दोषी को तीन साल तक की कैद और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. इस प्रावधान के तहत सरकारी अधिकारी को बिना किसी अवरोध के अपने कर्तव्य निभाने का अधिकार दिया गया है.

सजा का प्रावधान है
अगर किसी सामान्य इंसान को कोई थप्पड़ मारता है, तो दोषी को सजा का प्रावधान है. एडवोकेट आशीष पांडे के अनुसार, ऐसे मामले धारा 115 के तहत दर्ज किए जाते हैं. अगर कोई व्यकित किसी इंसान को चोट पहुंचाने के इरादे से कोई काम करता है  या फिर चोट पहुंचने की आशंका रहती है, तो धारा 115 के तहत ऐसे मामले दर्ज होते हैं. ऐसा करने पर दोषी को 1 साल की जेल और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.

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