Rajasthan Politics: पूर्व CM अशोक गहलोत ने BJP पर जमकर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है. हत्या, दुष्कर्म जैसे संगीन अपराध लगातार बढ़ रहे हैं.
Trending Photos
Rajasthan Politics: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिले खत्म करने पर भजनलाल सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. गहलोत ने कहा कि जिलों को खत्म करने को लेकर सरकार गिल्टी कॉन्शियस है. अगर ऐसा नहीं है तो रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स को आगे करके बात करने की क्या जरूरत थी ? गुजरात, MP, छत्तीसगढ़ में जिले बढ़े तो राजस्थान में क्यों नहीं ? इस आधार पर प्रदेश में अभी और जिले बनाने की गुंजाइश है. सरकार के तर्क किसी भी दृष्टि से सही नहीं है.
प्रदेश में पिछली अशोक गहलोत सरकार में बने तीन संभाग और 9 जिले खत्म करने के को लेकर BJP और कांग्रेस में जुबानी जंग शुरू हो गई है. भजनलाल सरकार के इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाल खड़े किए और पूछा, अगर नए संभाग और जिले बनाना गलत था, तो सरकार ने आते ही इन्हें निरस्त क्यों नहीं किया ? एक साल तक इंतजार क्यों किया ? अगर ये दूरी का तर्क देते हैं तो भरतपुर और डीग की दूरी 38 किमी होने के बावजूद डीग को यथावत जिला क्यों रखा गया, वहीं 122 किमी दूर अनूपगढ़ को खत्म क्यों कर दिया ?
पूर्व CM अशोक गहलोत ने रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट खासकर मुख्य सचिव और फिर मुख्य सूचना आयुक्त रहे डीबी गुप्ता के नए जिलों के गठन को लेकर उठाए गए सवाल पर आश्चर्य व्यक्त किया. गहलोत ने कहा कि डीबी गुप्ता भी उनकी भाषा बोल रहे हैं. यह सब भाजपा का मैनेजमेंट है. जिलों को खत्म करने को लेकर सरकार गिल्टी कॉन्शियस है. अगर ऐसा नहीं है तो रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स को आगे करके बात करने की क्या जरूरत थी. सरकार खुद भी यह बात कह सकती है.उनके मंत्री कह सकते हैं. रिटायर्ड अधिकारियों के सहारे की क्या जरूरत थी.
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय हुआ है. जो प्रदेश के हित में नहीं है. हमने जिले जल्दबाजी में नहीं बनाए बल्कि रिटायर्ड IAS रामलुभाया की कमेटी की अनुशंषा पर जिले बनाए.
दूसरे राज्यों का अध्ययन तो करते, और गुंजाइश है- गहलोत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि क्षेत्रफल के लिहाज से राजस्थान सबसे बड़ा प्रदेश है. लिहाजा, प्रदेश में अभी और जिले बनने की संभावना है. अगर मध्यप्रदेश और गुजरात से तुलना की जाए तो यहां जिलों की संख्या कम है. मध्यप्रदेश में 51 जिले थे, अब 53 जिले बना दिए गए. छत्तीसगढ़ में 16 के 33 जिले हो गए. वहीं आंध्र प्रदेश में 13 के 26 जिले किए गए.
उन्होंने कहा, बजट में कई घोषणाएं होती हैं. जिनकी धरातल पर मॉनिटरिंग जरूरी है. गरीब, मजदूर और किसान अपनी फरियाद लेकर 150 किमी दूर जिला मुख्यालय पर आते हैं. उन्हें कितनी तकलीफ होती है. छोटी दूर पर जिले होने से प्रशासनिक मॉनिटरिंग बेहतर होगी वहीं लोगों को सहूलियत भी मिलेगी.
एक तरह से बीजेपी नेता ने ही बनाई रिपोर्ट- गहलोत
अशोक गहलोत ने कहा, ''जिलों को लेकर रिपोर्ट देने वाले अधिकारी ललित के. पंवार, सेवानिवृत्त IAS तो BJP जॉइन कर चुके हैं. इसका सीधा सा मतलब है कि BJP सरकार ने जो तय किया, वह उनसे करवाया गया है. उन्होंने कहा, कई ब्यूरोक्रेट्स ने जिलों के मामले में जो टिप्पणी की है. उनकी तरफ से जो कमेंट आए हैं. वो किसी भी प्रकार से उचित नहीं हैं. आज जो हालत हैं. उन्हें देखते हुए यह ठीक नहीं है.''
पांच साल तक ढांचागत निर्माण किया
गहलोत ने BJP नेताओं के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि हमने नए जिले बनाने का फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया. बल्कि पहले पांच साल तक इसके लिए आधारभूत ढांचा बनाया. हमने नए राजस्व गांव घोषित किए. उप तहसील और तहसील गठित किए. इसके बाद जिले बनाए थे. उन्होंने कहा, 2001 से 2011 तक देश में 46 नए जिले बने थे. जबकि 2011 से 2024 तक 125 नए जिले बने. इससे साफ है कि बड़े जिलों से अधिकारियों पर भार होता है. काम नहीं होता है.
गहलोत ने कहा, '' मेरा खुद का अनुभव कहता है आपके पास जिला स्तर पर पूरी मशीनरी नहीं है. यदि जिले छोटे होंगे तो मॉनिटरिंग सही होगी और योजनाएं इम्पलीमेंट जल्द होंगी. छोटे जिले बनाकर अच्छी गवर्नेंस दे सकते थे, लेकिन भजनलाल जी ने एक चांस खो दिया है.
भजनलाल शर्मा पहली बार विधायक और सीएम बने. राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है. हत्या, दुष्कर्म जैसे संगीन अपराध लगातार बढ़ रहे हैं. ये बिजली को लेकर ढिंढोरा पीटते हैं. लेकिन आज बिजली के मामले में भी हालत खराब है. नई सरकार काम नहीं कर पा रही है. यह बात अब बाहर फैल चुकी है. सरकार काम करने के बजाय नाम बनाने में लग गई है. जनकल्याण के काम रोके, इसलिए बोलना पड़ रहा है.''
मेट्रो का काम बंद कर दिया, रिफाइनरी लटका दी: अशोक गहलोत
गहलोत ने आरोप लगाया कि जयपुर मेट्रो का काम बंद कर दिया गया है. पहले इन्होंने रिफाइनरी का काम 5 साल लटकाया, जिससे उसकी लागत बढ़ गई. कांग्रेस ने 50 साल राज किया. उस समय पक्ष-विपक्ष में दुश्मनी नहीं थी. आज सत्ता पक्ष और विपक्ष में दुश्मनी है. यह कैसा माहौल बना दिया. PM मोदी खुद कहकर गए कि पेट्रोल-डीजल के दाम कम करेंगे, लेकिन कर नहीं पाए.
प्रदेश में खींचतान वाली सरकार : गहलोत
SI भर्ती परीक्षा से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में यह खींचतान वाली सरकार बन गई है. कोई मंत्री कुछ कहता है तो दूसरा मंत्री कुछ और बयान देता है. बाबा साहेब से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा, कांग्रेस ने उन्हें संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया था.