जल जीवन मिशन राजस्थान लगातार पिछड़ रहा है. काम में बिल्कुल गति नहीं है. चीफ इंजीनियर दिनेश गोयल जल जीवन मिशन में फेल थे लेकिन इसके बावजूद उन्हें स्पेशल प्रोजेक्ट का तोहफा दिया गया है. जल जीवन मिशन देश में 29वें पायदान पर है लेकिन फिर भी दिनेश गोयल पर मेहरबानी दिखाते हुए जलदाय विभाग ने उन्हे प्रोजेक्ट में लगाया.
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Jaipur: लगता है जलदाय विभाग में तबादलों के बाद पूरा सिस्टम पानी-पानी हो गया है क्योंकि प्रदेश को पानी पिलाने वाले पीएचईडी विभाग की ट्रांसफर लिस्ट के बाद सवाल उठने लगे हैं. तबादलों के बाद अब चर्चाएं ये शुरू हो हुई हैं कि जल जीवन मिशन में फेल चीफ इंजीनियर को स्पेशल प्रोजेक्ट की बडी जिम्मेदारी क्यों दी गई. 10 लाख की रिश्वत लेते ट्रैप होने वाली चीफ इंजीनियर को क्यों फिर से जल जीवन मिशन जैसी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
जल जीवन मिशन राजस्थान लगातार पिछड़ रहा है. काम में बिल्कुल गति नहीं है. चीफ इंजीनियर दिनेश गोयल जल जीवन मिशन में फेल थे लेकिन इसके बावजूद उन्हें स्पेशल प्रोजेक्ट का तोहफा दिया गया है. जल जीवन मिशन देश में 29वें पायदान पर है लेकिन फिर भी दिनेश गोयल पर मेहरबानी दिखाते हुए जलदाय विभाग ने उन्हे प्रोजेक्ट में लगाया. दिनेश गोयल के पास नागौर के साथ साथ जल जीवन मिशन का अतिरिक्त चार्ज था. दलीप कुमार गौड़ को स्पेशल प्रोजेक्ट से तकनीकी में लगाया है.
घूस मामले में ट्रैप हुए थे आरके मीणा
वहीं, 10 लाख की घूस लेने वाले चीफ इंजीनियर आरके मीणा फिर से पॉवर में आ गए हैं. आरके मीणा को ग्रामीण से हटाकर एक बार फिर से जल जीवन मिशन चीफ इंजीनियर बनाया है. इससे पहले भी आरके मीणा के पास जेजेएम की अतिरिक्त जिम्मेदारी थी. आरके मीणा चीफ इंजीनियर प्रोजेक्ट रहते हुए 2016 में 10 लाख की रिश्वत लेते ट्रैप हुए थे. अब चीफ इंजीनियर ग्रामीण की जिम्मेदारी सीएम चौहान को अतिरिक्त भार के साथ सौंपी है. संदीप शर्मा को नागौर प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दी है.
जलदाय विभाग में एसई, एक्सईएन, एईएन की तबादला सूची में आने वाली है. ऐसे में क्या इंजीनियर्स की दूसरी तबादला सूची में भी होगा बडा खेल? इस तबादला लिस्ट के बाद सवाल ये उठने हैं कि आखिर पानी पिलाने वाला विभाग कब तक सिस्टम को पानी पिलाता रहेगा.
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