राजधानी में जगह-जगह कचरे का अंबार, पार्षद ने दफ्तर के सामने फेंका कचरा
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राजधानी में जगह-जगह कचरे का अंबार, पार्षद ने दफ्तर के सामने फेंका कचरा

नगर निगम ग्रेटर हो लेकिन काम में ग्रेट नहीं हैं.यह हम नहीं शहर में जगह-जगह लगी डर्टी तस्वीरें इसे ग्रेट नहीं बना पा रही हैं. नगर निगम ग्रेटर के 150 वार्डों में BVG कंपनी को हटाने के बाद कचरा संग्रहण का फेल हो गया हैं.

राजधानी में जगह-जगह कचरे का अंबार, पार्षद ने दफ्तर के सामने फेंका कचरा

जयपुर: नगर निगम ग्रेटर हो लेकिन काम में ग्रेट नहीं हैं.यह हम नहीं शहर में जगह-जगह लगी डर्टी तस्वीरें इसे ग्रेट नहीं बना पा रही हैं. नगर निगम ग्रेटर के 150 वार्डों में BVG कंपनी को हटाने के बाद कचरा संग्रहण का फेल हो गया हैं. नगर निगम भले ही अपने स्तर पर कचरा संग्रहण करने के लाख दावे कर रहा हो लेकिन दावे कचरों के ढेर में दब गए हैं. जनप्रतिनिधियों और आमजन में आक्रोश इतना बढ गया की कॉलोनी का कचरा गाडी में भरकर जोन उपायुक्त कार्यालय ले जाकर खाली कर दिया. जयपुर में कचरा संग्रहण और सफाई की व्यवस्था की खराब व्यवस्था से आमजन से लेकर जनप्रतिनिधि तक सब परेशान हैं.

वार्ड में सफाई नहीं होने से खफा कांग्रेस के पार्षद करण शर्मा ने एक ट्रक किराये पर मंगवाया और उसमें कचरा भरकर खुद चलाकर नगर निगम के मालवीय नगर जोन ऑफिस पहुंचे.यहां उनके साथ आए एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने पहले तो नारेबाजी की, उसके बाद पार्षद ने पिकअप की बॉडी में रखा कचरा जोन ऑफिस के बाहर ही खाली कर दिया.उन्होंने निगम अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही वार्ड में सफाई व्यवस्था नहीं सुधारी गई तो अगली बार एक नहीं बल्कि 5-7 गाड़ियों में कचरा लेकर यहां पहुंचेंगे.

10 दिनों से वार्डों में नहीं आ रही कचरा गाड़ी 

शर्मा का कहना हैं की ग्रेटर के वार्ड 134 में पिछले 10 दिन से ज्यादा समय से कचरा कलेक्शन की गाड़ियां नहीं आ रही.शर्मा ने बताया कि पिछले 10 दिन से ज्यादा समय हो गया, लेकिन नगर निगम की गाड़ियां कचरा उठाने वार्ड में नहीं आ रही.लोग तो परेशान है ही, साथ ही वार्ड में जगह-जगह ओपन कचरा डिपो भी भर गए है.बारिश का समय चल रहा है और कचरा गीला होने से भयंकर बदबू आने लगी है.जिससे वहां से आने-जाने वालों लोगों को भी परेशानी होती है.कई बार मालवीय नगर जोन उपायुक्त और स्वास्थ्य उपायुक्त को फोन करके शिकायत भी कर दी, लेकिन कोई सुनवाई करने वाला नहीं है.

उधर दूसरी तरफ बीवीजी को हटाने के बाद नगर निगम ग्रेटर प्रशासन के बे-पटरी हुई सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने में पसीने छूट रहे हैं.नगर निगम आयुक्त महेन्द्र सोनी का कहना हैं की नई व्यवस्था के लिए टेंडर जारी किए गए हैं.टेंडर प्रकिया में समय लगता हैं.जब तब टेंडर की प्रकिया पूरी नहीं होती हैं उतने समय के लिए नगर निगम प्रशासन हर वार्ड मे दो-दो हूपर की व्यवस्था कर रहा हैं.इसके लिए किराए पर हूपर लिए जा रहे हैं. दरअसल,  नगर निगम प्रशासन ने शहर से कचरा उठाने वाली बीवीजी कंपनी से आज अनुबंध खत्म कर दिया.अभी तक बीवीजी कंपनी नगर निगम ग्रेटर के 7 में से 3 जोन सांगानेर, मानसरोवर और मालवीय नगर जोन में काम कर रही है.आज कंपनी ने इन जोन में भी काम करना बंद कर दिया है.अब नगर निगम के पास पर्याप्त हूपर (कचरा उठाने वाली गाड़ियां) नहीं है, जिसे लगाकर खुद के स्तर पर कचरा संग्रहण करवाया जा सके.

BVG को हटाने के बाद ग्रेटर क्षेत्र में सफाई व्यवस्था बे-पटरी

बहरहाल, जब भी सफाई व्यवस्था का प्रश्न उठता है, तो नगर निगम के अधिकारी सफाई करने वाली एजेंसी बीवीजी को जिम्मेवार ठहरा देते थे, लेकिन अब नगर निगम प्रशासन खुद के हाथ में सफाई व्यवस्था की कमान ले चुका हैं तो किसे जिम्मेदार ठहराएगा.बीवीजी कंपनी की जब नगर निगम में एंट्री हुई तब दावा किया था कि यहां ‘मॉडल सफाई व्यवस्था’ कायम की जायेगी.हालांकि दावा अब हवा हो चुका है और कंपनी भी को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया हैं.अब शहर की हालत नारकीय है.राजधानी में जगह-जगह कचरे का अंबार दिखता है.

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