Gopashtami 2022: गोपाष्टमी का उल्लास, गाय पूजने के लिए पिंजारापोल गौशाला, हिंगौनियां में भी कार्यक्रम
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Gopashtami 2022: गोपाष्टमी का उल्लास, गाय पूजने के लिए पिंजारापोल गौशाला, हिंगौनियां में भी कार्यक्रम

Gopashtami 2022: भगवान श्री कृष्ण की प्रिय गाय का पूजन कर गोपाष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. गोविंददेवजी मंदिर से लेकर पिंजरापोल गौशाला, हिंगौनिया गौशाला में गोपाष्टमी पर आयोजन हुए.

गाय पूजने के लिए उल्लास.

Gopashtami 2022: भगवान श्री कृष्ण की प्रिय गाय का पूजन कर गोपाष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. घर से लेकर मंदिर और गौशालाओं में गायों और बछड़ों की पूजा-अर्चना के साथ सेवा की. महिलाओं ने गायों की कुमकुम हल्दी का तिलक लगाकर और लाल रंग का कपड़ा ओढ़ाकर परिवार में सुख-समृद्धि की कामना की. गोविंददेवजी मंदिर से लेकर पिंजरापोल गौशाला, हिंगौनिया गौशाला में गोपाष्टमी पर आयोजन हुए.

शहर में जगह-जगह गाय की पूजा-अर्चना
शहर में जगह-जगह गाय की पूजा-अर्चना और आरती हुई. गौ भक्तों ने गाय के खुरों की पूजा कर पंचामृत से अभिषेक किया, वहीं गाय का शृंगार कर उसे नए कपड़े भी धारण करवाए. जिन घरों में गाय है, वहां भी महिलाओं ने सामूहिक रूप से गौ पूजन किया. गौशालाओं में सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ी. गौशालाओं में सुबह से ही मेले सा माहौल है. लोग गायों को हरा चारा और गुड खिलाते हुए नजर आए. शहर में जगह-जगह गाय की पूजा-अर्चना और आरती हुई. सांगानेर स्थित श्री पिंजरापोल गौशाला में गोपाष्टमी महोत्सव का आयोजन किया गया है. 

इस अवसर पर ऑर्गेनिक उत्पाद और गौ आधारित वस्तुओं का मेला भी लगाया है. गौशाला में गाय के गोबर से लकड़ी बनाई जा रही है. श्रीगिरिराज पर्वत की झांकी सजाई गई है. वहीं दुर्गापुरा स्थित गोशाला के साथ हिंगोनिया गौशाला में भी गोपाष्टमी महोत्सव का आयोजन किया गया है. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी पर्व मनाया जाता है.

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हिंदू संस्कृति में गाय का विशेष स्थान है और गाय को मां का दर्जा भी प्राप्त है. गाय की रक्षा करने के कारण भगवान श्रीकृष्ण का अति प्रिय नाम गोविंद पड़ा. कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से सप्तमी तक गाय, गोप, गोपियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को धारण किया था. इसी समय से अष्टमी को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाने लगा. इस दिन गाय, गुरु और गोविंद की पूजा करने से सुख-समृद्धि की वृद्धि होगी.

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