याचिका में कहा गया है कि देश में 2019 में ही ट्रांसजेंडर कानून (Transgender law) लागू हो चुका है लेकिन राज्य में ट्रांसजेंडर के पास परिचय पत्र नहीं है और राज्य सरकार ने इस संबंध में जरूरी कदम भी नहीं उठाए हैं.
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Jaipur: प्रदेश के ट्रांसजेंडर्स के कल्याण से जुड़े मामले में राज्य सरकार (Rajasthan Government) की ओर से हाईकोर्ट (Highcourt) में जवाब पेश किया गया है. राज्य सरकार की ओर से जवाब में कहा गया कि ट्रांसजेंडर्स के परिचय पत्र बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
इस पर सीजे अकील कुरैशी (CJ Aqeel Qureshi) और जस्टिस रेखा बोराणा की खंडपीठ ने शालिनी श्योराण की याचिका पर 7 दिसंबर तक सुनवाई टाल दी है. याचिकाकर्ता ने बताया कि अदालत ने 15 अप्रैल 2020 को राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि ट्रांसजेंडर्स के पास किसी भी तरह का पहचान पत्र (Identity Card) नहीं होने पर भी बिना भेदभाव किए उन्हें चिकित्सा सहित अन्य सेवाएं मुहैया कराए.
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वहीं, याचिका में कहा गया है कि देश में 2019 में ही ट्रांसजेंडर कानून (Transgender law) लागू हो चुका है लेकिन राज्य में ट्रांसजेंडर के पास परिचय पत्र नहीं है और राज्य सरकार ने इस संबंध में जरूरी कदम भी नहीं उठाए हैं. ऐसे में उन्हें चिकित्सा और अन्य सुविधाओं सहित कल्याणकारी स्कीमों का लाभ नहीं मिल पा रहा है इसलिए ट्रांसजेंडर्स को बिना किसी भेदभाव किए परिचय पत्र नहीं होने पर भी चिकित्सा सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाए.
Reporter- Mahesh Pareek