Sarkari Naukari - Ashok Gehlot : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक लाख नौकरी देने की घोषणा की है. वहीं सवाल यह उठता है कि पिछले बजट में 1 लाख नौकरियां देने की घोषणा की गई थी, उनमें से लगभग 83,892 पदों पर भर्तियां नहीं हुई है.
Trending Photos
Sarkari Naukari - Ashok Gehlot : प्रदेश के युवाओं को बड़ी राहत देते हुए बजट रिप्लाई में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक लाख नई नौकरी देने की घोषणा करी है. इस घोषणा को लेकर के प्रदेश के बेरोजगारों में खुशी की लहर है. 10 फरवरी को बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने बेरोजगारों को कोई राहत नहीं दी थी. लेकिन आज बेरोजगारों को तोहफा देते हुए एक लाख नौकरी देने की घोषणा करी है. वहीं सवाल यह उठता है कि पिछले बजट में 1 लाख नौकरियां देने की घोषणा की गई थी, उनमें से लगभग 83,892 पदों पर भर्तियां नहीं हुई है.
1 लाख भर्तियों में से मात्र कुछ ही भर्तियां निकाली गई. पिछले बजट की दूसरों की बात की जाए तो थर्ड ग्रेड टीचर की 48 हजार पद पर भर्तियां नहीं हुई है. वही सेकंड ग्रेड पद पर 9 हज़ार अध्यापक की भर्ती अभी तक लंबित है. फर्स्ट ग्रेड पद पर 6 हज़ार भर्तियां अभी तक नहीं हुई है. इसी तरह पीटीआई पद पर 5546 पदों पर भर्तियां नहीं हुई है. कंप्यूटर अनुदेशक के 10 हज़ार पदों पर भी सरकार द्वारा अभी तक कोई भर्ती नहीं की गई है. इसी तरह ग्राम विकास अधिकारी के पद पर 5346 पदों पर अभी तक कोई भर्ती नहीं हुई है. बात अगर 2019 बजट की बात की जाए तो कांग्रेस सरकार के इस कार्यकाल के पहले बजट की भी घोषणाएं पूरी नहीं हुई है.
पंचायतीराज विभाग में जेईएन पदों पर 2100 बेरोजगारों को नौकरी देनी थी, जो अभी तक पूरी नहीं हुई है. इसी के साथ कनिष्ठ अनुदेशक पदों पर भी सरकार ने कोई भर्ती नहीं निकाली है. इसी तरह दंत चिकित्सक और जलदाय कर्मियों की भर्ती अभी तक नहीं निकाली है. जिसके चलते प्रदेश के बेरोजगार युवा सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं कि, कब सरकार उनकी मांगों को पूरा करेगी जिससे उन्हें राहत मिले. आपको बता दें पिछले लंबे समय से प्रदेश के युवा बेरोजगार सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर समय-समय पर बेरोजगार सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करवाने के लिए धरना प्रदर्शन रैली कर रहे हैं, जिससे सरकार उनकी मांगों को मानकर युवाओं का भविष्य संवारे.
राजस्थान लोक सेवा आयोग और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को हर वर्ष का एक कैलेंडर जारी करना चाहिए. जिसमें समय पर तरीके से परीक्षाओं को रेखांकित करते हुए उन्हें समय पर आयोजित करवाना चाहिए. जिससे प्रदेश के युवाओं को भटकना नहीं पड़े, इसी के साथ ही अन्य प्रदेशों की तरह है राजस्थान में भी बाहर के बेरोजगारों को सरकारी नौकरी से बाहर रखना चाहिए. जिससे प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक सरकारी नौकरियों के अवसर प्रदान हो. कुल मिलाकर बजट घोषणा की बात करी जाए तो अभी भी पिछले बजट घोषणा की भर्तियां पूरी नहीं हुई है.
Reporter- Anup Sharma
ये भी पढ़ें..
CM के दांव पर PM मोदी ने फेंका दहला, 13 जिलों का मुद्दा गहलोत के पाले में डाला
अशोक गहलोत और सचिन पायलट बनेंगे एक दूसरे के 'हम'राही, बदले हालात में दिए ये बड़े संकेत