'हेरिटेज वॉक के माध्यम से राजस्थान की जल संस्कृति को समझना' विषय पर वर्चुअल चर्चा का आयोजन हुआ.
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Jaipur: राजस्थान पर्यटन (Rajasthan Tourism) ने सभी पर्यटकों एवं यात्रा उत्साही लोगों के लिए 'राजस्थान डायरी' (Rajasthan Diary) नामक एक ऑनलाइन श्रृंखला (online series) की अभिनव पहल की है. राजस्थान डायरी श्रृंखला में 'हेरिटेज वॉक के माध्यम से राजस्थान की जल संस्कृति को समझना' विषय पर वर्चुअल चर्चा का आयोजन हुआ.
पर्यटन विभाग की संयुक्त निदेशक डॉ.पुनिता सिंह ने क्या बताया
पर्यटन विभाग (Tourism Department) की संयुक्त निदेशक डॉ.पुनिता सिंह ने बताया कि मरुभूमि की जल सभ्यता, मरुधरा की जल संस्कृति इसी माटी से बनी है. हमारा आज का गौरवशाली, समृद्ध, रंग-बिरंगा, निराला राजस्थान जल संरक्षण से ही सम्भव हुआ है. उन्होंने बताया कि राजस्थान में पानी की अपनी अलग ही अहमियत है. यहां जल की एक-एक बूंद को सहेजा जाता है.
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हेरिटेज वाटर वॉक के संस्थापक नीरज दोषी ने क्या बताया
हेरिटेज वाटर वॉक के संस्थापक नीरज दोषी (Neeraj Doshi) ने बताया कि राजस्थान की सभ्यता, संस्कृति में पानी का जो मोल है, अहमियत है, उसकी बराबरी नहीं की जा सकती है. पानी से ही सभी सभ्यताओं का जन्म हुआ है. अगर पानी नहीं होता तो रंग-बिरंगे राजस्थान में इतनी सुन्दर वस्तुएं, कलात्मक, वास्तुकला के अद्भूत नजारें देखने को नहीं मिलते. राजस्थान के कोने-कोने में वास्तुकला (किले, बावडियां, तालाब व झरने इत्यादि) के नमूने है.
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पानी इक्कठा करने की तकनीक आज भी सभी को अचंभित करती है
दोषी ने बताया कि वास्तुकला की पुरानी जल व्यवस्था जोकि विभिन्न किलों, तालाबों और झरनों में है, वह इंजीनियरिंग का अद्भूत नमूना है. यह पानी इक्कठा करने की तकनीक आज भी सभी को अचंभित करती है. पानी की आवश्यकता और महत्व को इससे समझा जा सकता है. उन्होंने बताया कि पानी के संग्रहण की आवश्यकता है. हमारे यहां नाच, खान, उत्सव, त्यौहार, सोच सब कुछ पानी के ईद-गिर्द बना हुआ है.
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कोविड-19 के कारण पर्यटन उद्योग को राजस्व की हानि उठानी पड़ी है
कोविड-19 (Covid) महामारी के कारण पर्यटन उद्योग (Tourism Industry) को राजस्व की हानि उठानी पड़ी है. अब जबकि कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है. पर्यटक स्थल फिर से गुलजार हो रहे है, ऐसे में राजस्थान डायरी नामक यह ऑनलाइन श्रृंखला राज्य के पर्यटन उद्योग के लिए आशा की नई किरण बन रही है.