IPS Aslam Khan : जयपुर की रहने वाली असलम खान की श्री कृष्ण में गहरी आस्था है. वो नमाज भी पढ़ती हैं और मंदिर भी जाती है.
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IPS Aslam Khan : श्री कृष्ण जी की तारीफ़ में नज़ीर अकबराबादी ने खूब कहा है है सबका ख़ुदा सब तुझ पे फ़िदा, अल्लाहो ग़नी, अल्लाहो ग़नी, हे कृष्ण कन्हैया, नन्द लला, अल्लाहो ग़नी, अल्लाहो ग़नी. श्री कृष्ण के दुनियाभर में अनुयाई है, ऐसे में भगवान कृष्ण की भक्ति में आईपीएस असलम खान डुबकी लगा रही है. जयपुर की रहने वाली असलम खान की श्री कृष्ण में गहरी आस्था है.
जयपुर में जन्मी असलम खान भारतीय पुलिस सेवा की सीनियर अधिकारी हैं. फिलहाल असलम डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस के रूप में गोवा में पोस्टेड है. सभी धर्मों का सम्मान करने वाली असलम की श्री कृष्ण में गहरी आस्था है. जयपुर में आराध्य कहे जाने वाले गोविंद देव के मंदिर में जाना हुआ। बस यहीं से उनकी भक्ति की शुरुआत हो गई. असलम का कहना है कि वो नमाज भी पढ़ती हैं और मंदिर भी जाती है. हिन्दू धर्म के बारे में उनका मानना है कि हिन्दू धर्म सिर्फ एक धर्म नहीं बल्कि जीवन जीने की एक शैली भी है.
असलम 2007 की आईपीएस बैच के अधिकारी हैं. वह बेदाग साख वाली एक दबंग पुलिस अधिकारी के रूप में उनका नाम शुमार है. असलम का बचपन गरीबी में बिता. उनका कहना हैं कि कभी उनके पिता के पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वो उन्हें जन्मदिन पर उन्हें चॉकलेट भी खिला पाते. इसे लेकर हाल ही में किए गए एक ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि पिताजी की आँखों की वो मयूसी नहीं भूलती और ना ही भूलते हैं उस वक्त के रिश्तेदार, जिन्होंने असली रंग दिखाए.
पिताजी की आँखों की वो मयूसी नहीं भूलती और ना ही भूलती है उस वक़्त के रिश्तेदार जो असली रंग दिखाए pic.twitter.com/2CSXDi5pXy
— aslam_ips (@aslam_ips) December 21, 2022
बिना मिले इस परिवार का उठाया बेड़ा
आईपीएस असलम खान ने जून 2018 से दिल्ली के पास लुटेरों द्वारा मारे गए एक सिख ट्रक ड्राइवर के परिवार का बेड़ा भी उठाया. वो अपना आधा वेतन हर महीने इस परिवार देती है, जबकि आज तक वो इनसे मिली भी नहीं है. यहां तक इस परिवार के संपर्क रह कर बच्चों को तालीम भी दिलवा रही हैं.
नाम क्यों पड़ा असलम
आईपीएस का असलम खान पड़ने के पीछे भी एक वजह है. पिता को पुत्र के पैदा होने की उम्मीद थी पर पैदा लड़की हो गई, लेकिन उनके पिता बच्चे का नाम जन्म से पहले ही सोच लिया था। लेकिन जब बेटी पैदा हुई तो उसका ही नाम असलम रख दिया गया।हालांकि उनके पिता ने उसकी परवरिश में किसी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ी और बेहतर शिक्षा दी. आज असलम का नाम देश के नाम आईपीएस में शामिल है.