Jaipur Crime news:ऑर्गन ट्रांसप्लांट के फर्जी NOC सर्टिफिकेट जारी मामले में बड़ा खुलासा,3 साल में 800 से 100 NOC जारी
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Jaipur Crime news:ऑर्गन ट्रांसप्लांट के फर्जी NOC सर्टिफिकेट जारी मामले में बड़ा खुलासा,3 साल में 800 से 100 NOC जारी

Jaipur Crime news:प्रदेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामलों में फर्जी एनओसी जारी करने की एवज में रिश्वत लेने के मामले में पकड़े गए आरोपियों से कई खुलासे सामने आए है.तीन साल में करीब 800 से 1 हजार एनओसी जारी की गई.इन तमाम एनओसी की सत्यता की जांच की जा रही है.

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Jaipur Crime news:प्रदेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामलों में फर्जी एनओसी जारी करने की एवज में रिश्वत लेने के मामले में पकड़े गए आरोपियों से कई खुलासे सामने आए है.ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामलों में फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में एसीबी टीम ने आज जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में सर्च कर फाइलों को खंगाला है.एसीबी अधिकारियों की मानें तो तीन साल में करीब 800 से 1 हजार एनओसी जारी की गई.इन तमाम एनओसी की सत्यता की जांच की जा रही है.

एसीबी की ओर से पकड़े गए.एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और EHCC अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर अनिल जोशी के साथ ही फोर्टिस अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर विनोद से पूछताछ में कई खुलासे सामने आए है.

 

सर्च के दौरान आरोपी गौरव के घर से एसीबी टीम को 70 फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट पूरी तरह से भरे हुए और बिना भरे हुए 170 फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट प्राप्त हुए हैं.

जो 70 फर्जी NOC सर्टिफिकेट पूरी तरह से भरे हुए प्राप्त हुए हैं उनमें से 40 फीसदी एनओसी सर्टिफिकेट विदेशी नागरिकों के पाए गए हैं.जो नेपाल, बांग्लादेश और कंबोडिया सहित अन्य देशों के नागरिकों के हैं।

एसीबी ने एसएमएस अस्पताल में भी सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव का कार्यायल सीज कर फाइलें खंगालना शुरू किया है.एसीबी के रडार पर अब प्रदेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने वाले करीब एक दर्जन अस्पताल हैं.एसीबी द्वारा की गई अब तक की जांच में मुंबई से भी अस्पतालों का लिंक सामने आया है.फिलहाल एसीबी की कई टीमें अब तक मिली फाइलों को खंगाल रही है.

जांच में एसएमएस और अन्य निजी अस्पताल के उच्चाधिकारियों की मिलीभगत सामने आने पर एसीबी अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार करेगी.वही एसीबी की ओर से ऑर्गन ट्रांसप्लांट की एनओसी जारी करने वाली कमेटी से भी उनका रजिस्टर मांगा गया है.ताकि यह बात सुनिश्चित की जा सके की ऑर्गन ट्रांसप्लांट को लेकर बीते 3 वर्षों में कितनी बैठक आयोजित की गई और कितनी NOC कमेटी की ओर से जारी की गई.

एसीबी द्वारा अब तक की जांच में मानव अंगों की तस्करी और खरीद फरोख्त का किसी भी तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है.हालांकि निजी अस्पतालों द्वारा ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी के माध्यम से जिन विदेशी नागरिकों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट किए गए हैं.उनसे कितनी राशि वसूली गई इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.जल्द ही प्रकरण में कुछ बड़े खुलासे एसीबी की ओर से किए जाएंगे.

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