Jaipur News: JDA के फैसले से परेशान हुए लोग, पहले 160, फिर 200 फिट पर डिमार्केशन, दोबारा मकान तोड़ने की कवायद शुरू
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Jaipur News: JDA के फैसले से परेशान हुए लोग, पहले 160, फिर 200 फिट पर डिमार्केशन, दोबारा मकान तोड़ने की कवायद शुरू

Jaipur News: जेडीए की दोहरी नीति का शिकार टर्मिनल 1 वाली सांगानेर थाने से जगतपुरा को जाने वाली रोड के रहने वाले बाशिन्दे अब एक बार फिर से डर के साए में हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि जयपुर विकास प्राधिकरण ने लोगों को पहले 160 फीट रोड क्षेत्र छोड़कर अतिक्रमण हटाने का डिमार्केशन किया था. 

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Jaipur News: जेडीए की दोहरी नीति का शिकार टर्मिनल 1 वाली सांगानेर थाने से जगतपुरा को जाने वाली रोड के रहने वाले बाशिन्दे अब एक बार फिर से डर के साए में हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि जयपुर विकास प्राधिकरण ने लोगों को पहले 160 फीट रोड क्षेत्र छोड़कर अतिक्रमण हटाने का डिमार्केशन किया था, लेकिन अब जेडीए ने इस दिमार्गेशन को 200 फीट कर दिया है, जिससे कि दर्जनों लोगों के दुकान मकान टूटने जा रहे हैं और इसको लेकर जेडीए कोई उचित मुआवजा देने के लिए भी तैयार नहीं है. 

स्थानीय लोगों का कहना है कि जेडीए ने जो मकान अवाप्ति में नहीं है उनको भी तोड़ने के लिए डिमार्केशन कर दिया. इसलिए अधिकांश लोगों ने 160 फीट छोड़ने के बाद ही भवन निर्माण किया है. लेकिन जेडीए ने अब उस डिमार्केशन में बदलाव करते हुए 200 फीट पर डिमार्केशन कर दिया. ऐसे में हमारा पूरा का पूरा आवास व आजीविका के संसाधन उसमें आ रहे हैं. स्थानीय व्यक्ति सत्यनारायण गुप्ता का कहना है कि पूरे मामले को लेकर हम कोर्ट में गए, क्योंकि पिछले तीन पीढियां से हम इसी जगह पर रहकर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं लेकिन जेडीए के बदलाव के कारण अब डर के साए में हैं.

स्थानीय निवासी कमल सैनी का कहना है कि पहले JDA की तरफ से 160 फीट रोड एरिया छोड़ने के लिए कहा गया था और इस 160 फीट पर डिमार्केशन किया था जिसके चलते हमारे अधिकांश लोगों ने 160 फीट सड़क की चौड़ाई को छोड़ते हुए नया निर्माण कर लिया, लेकिन अब जेडीए की तरफ से उसे 200 फीट पर किए गए डिमार्केशन करने के कारण नया किया निर्माण भी टूटने में जा रहा है.

चिंताओं से घिरे हैं लोग 
ऐसे में लोग काफी चिंताओं में हैं, जबकि हम पिछले 30 से 40 सालों से यहां पर स्थाई रूप से नल बिजली के बिल दे रहे हैं. अब जेडीए फिर भी अगर तोड़ना चाहती है तो हमें शत प्रतिशत मुआवजा दें और पुनर्वास करवाएं. कमल सैनी का कहना है कि जेडीए जो मुआवजा दे रही है वह हमें नहीं चाहिए हमें स्थाई रूप से रहने के लिए उतनी ही भूमि चाहिए जितनी जड़ हमसे एक्वायर कर रहा है नहीं की 25%. 

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