छोटीकाशी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उल्लास छाया हुआ है और अजन्मे का जन्मोत्सव मनाने के लिए मंदिर सज गए हैं.
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Jaipur: कोरोना (Corona) की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए इस बार भी जयपुर में जन्माष्टमी पर आराध्य देव गोविंद देव जी मंदिर भक्तों के बगैर सूना रहेगा. जन्माष्टमी (Janmashtami 2021) मंदिर में विधि विधान से गोविंद की तमाम झांकिया सजेगी, पूजा-पाठ होंगे और अगले दिन नन्दोत्सव भी मनेगा लेकिन यह इन सभी कार्यक्रम में भक्तगण भाग नहीं ले सकेंगे.
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साथ हीं, मंदिर के द्वार अगले तीन दिन 29 से 31 अगस्त तक आमजन के लिए बंद रहेंगे. इसी तरह 10 सितम्बर को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर भी शहर के प्रमुख बड़े मंदिरों पर आयोजन नहीं हो सकेंगे.
जन्माष्टमी का उल्लास
छोटीकाशी में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उल्लास छाया हुआ है और अजन्मे का जन्मोत्सव मनाने के लिए मंदिर सज गए हैं. हालांकि, इस बार भक्त अपने आराध्य के दर्शन साक्षात् नहीं कर पाएंगे. कोरोना संक्रमण के कारण मंदिरों के पट भक्तों के लिए बंद हैं. इन मंदिरों ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ठाकुरजी के दर्शन ऑनलाइन कराए जाने का फैसला किया है.
शहर आराध्य गोविंद देव जी मंदिर (Govind Dev Ji Temple ) में स्थापना के बाद दूसरी बार ऐसा मौका होगा, जब भक्त अपने आराध्य गोविंद देव के दर्शन नहीं कर पाएंगे. वहीं, घरों में ही भक्त लड्डू गोपाल (Laddu Gopal) का अभिषेक, नए वस्त्र धारण करवाकर पूजा अर्चना करेंगे. इधर, प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि ठाकुर जी पीले रंग की पोशाक धारण करेंगे. मंगला झांकी के बाद ठाकुर जी का पंचामृत अभिषेक होगा और विशेष माला धारण करवाई जाएगी.
साथ हीं, रात 12 बजे जन्म दर्शन, तिथि पूजन, सालिगराम पूजन, अभिषेक होगा और खीरसा, पंजीरी, लड्डू का भोग लगाया जाएगा. इसके साथ ही 31 हवाईगर्जनाएं होगी और अगले दिन नंदोत्सव के बाद निकलने वाली शोभायात्रा शहर में नहीं निकाली जाएगी.
ठाकुरजी के दरबार में हाजरी नहीं लगा सकेंगे लोग
जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा का कहना है कि मंदिरों के कार्यक्रम को लेकर कोई अलग से गाइडलाइन जारी नहीं की है. राज्य सरकार के गृहविभाग ने जो गाइडलाइन जारी कर रखी है. उसके अनुरूप पर्व मना सकेंगे.
सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे और भीड़-भाड़ न जुटे इस तरह की व्यवस्था के साथ मंदिरों में श्रद्धालुओं के आने-जाने की छूट है, लेकिन धार्मिक आयोजन पर जो रोक है. इसे देखते हुए अराध्य गोविंद देवजी मंदिर के साथ-साथ गोपीनाथजी, राधा-दामोदरजी, सरस निकुंज, ब्रजनिधिजी, आनंद कृष्ण बिहारीजी, श्रीकृष्ण-बलराम, श्रीकृष्ण-दाऊजी सहित सभी मंदिरों जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई हैं.
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इन मंदिरों में गोविंद भक्त पिछले साल की तरह इस साल भी ठाकुरजी के दरबार में हाजरी नहीं लगा सकेंगे. गोविंद देव जी मंदिर में भक्तों की सुविधा के लिए ऑनलाइन सभी झांकियों के दर्शन की व्यवस्था रहेगी.
जन्माष्टमी पर गोविंददेवजी के झांकियों का समय
झांकी — समय
मंगला — सुबह 5 से 5.15 बजे तक
धूप — सुबह 7.45 से 9 बजे तक
शृंगार — सुबह 9.30 से 10.15 बजे तक
राजभोग — सुबह 11 बजे स 11.30 बजे तक
ग्वाल — शाम 5 बजे से 5.30 बजे तक
संध्या — शाम 6 बजे से 7 बजे तक
शयन — रात 8 बजे से 8.15 बजे तक
तिथि पूजा और जन्माभिषेक — रात 12 बजे से 12.30 बजे तक
बहरहाल, जन्माष्टमी पर्व पर भले ही बड़े मंदिरों में धूमधाम से न मने लेकिन गली-मोहल्लों में इसका उल्लास देखने को मिल सकता है. छोटे स्तर पर पिछले साल की तरह इस बार भी लोग मंदिरों में सजावट होने के साथ-साथ छोटे-मोटे कार्यक्रम का आयोजन कर सकेंगे. यहां लोगों की भीड़ कम रहे और कोविडगाडइ लाइन की पालना भी हो सकें.