राजस्थान के जयपुर में कलक्टर ने 54 गंदे नालों की वीडियोग्राफी करवाकर झूठ की तस्वीरों का पुलिंदा नगर निगम के आयुक्तों को भेजा हैं.
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Jaipur: राजस्थान के जयपुर में नगर निगम हर साल मानसून आने के साथ नालों की सफाई के सौ फीसदी दावे करता हैं, लेकिन हर बार इस दावे की पोल सड़कों पर भरने वाला पानी खोल देता हैं. अफसर कमरों से बाहर नही निकलते है. नगर निगम अपनी झूठी रिपोर्ट बैठकों में दिखाकर नालों को कागजों में साफ करना दिखा देता हैं, लेकिन इस बार कलक्टर ने 54 गंदे नालों की वीडियोग्राफी करवाकर झूठ की तस्वीरों का पुलिंदा नगर निगम के आयुक्तों को भेजा हैं.
प्री मानसून की बारिश शुरू हो चुकी हैं. 25 जून तक मानसून आ सकता हैं. जिला प्रशासन की मॉनिटरिंग में जिम्मेदार जेडीए, नगर निगम अपने स्तर पर तैयारियों को पूरी कर अंतिम रूप दे देते हैं, लेकिन जेडीए, निगम ने तैयारियां शुरू तक नहीं है. शहर में ना तो अभी तक शहर के नालों की सफाई हुई है, ना ही कंट्रोल रूम शुरू हो पाए हैं. कई जगहों पर सड़कों पर खुले गड्ढे पड़े हैं. राजस्थान में मानसून अगले सप्ताह के अंत तक आ सकता है, लेकिन इस बार जयपुर में तेज बारिश होती है तो लोगों को पानी भरने की समस्या से जूझना पड़ सकता है. क्योंकि नगर निगम ग्रेटर और नगर निगम हेरिटेज ने शहर में नालों की सफाई का काम ही अब तक पूरा नहीं करवाया. कलेक्टर राजन विशाल ने भी दो दिन पहले जब शहर के नालों की वीडियोग्राफी करवाकर मौका रिपोर्ट तैयार करवाई तो वे खुद दंग रह गए. उन्होंने दोनों ही नगर निगम कमीश्नर को 30 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार करवाकर भिजवाई. जिसमें नालों की मौका स्थिति के तस्वीरें शामिल है. दोनों ही निगम अधिकारियों को जल्द से जल्द शहर के नालों की सफाई का काम पूरा करवाने के निर्देश दिए.
हर साल मानसून से पूर्व शहर के नालों की सफाई का काम करवाया जाता है. जिससे बरसात में सड़कों पर बहने वाला पानी इन नाले-नालियों के जरिए शहर के बाहर निकाला जा सके. ये काम जून के पहले सप्ताह तक पूरा हो जाता है. इस बार दोनों ही नगर निगम ने इन नालों की सफाई का काम समय पर पूरा नहीं करवा सके. 15-16 जून को कलेक्ट्रेट ने शहर में एक टीम भेजकर मौके की रिपोर्ट करवाई. इसमें 100 से ज्यादा नालों की रिपोर्ट करवाने पर 54 नाले ऐसे मिले जहां बिल्कुल सफाई का काम नहीं हुआ.
शहर में इन नालों की मौका रिपोर्ट देखने के बाद नगर निगम के अधिकारियों के लिए कलेक्टर ने एक 30 पन्नों की रिपोर्ट तैयार करवाई. इस रिपोर्ट में उन नालों की फोटो और लोकेशन को दिखाया गया. इस रिपोर्ट के साथ ही कलेक्टर ने एक लेटर लिखा, जिसमें दोनों ही नगर निगम कमीश्नर को नालों की सफाई का काम जल्द से जल्द करवाने के निर्देश दिए. नगर निगम ग्रेटर के मानसरोवर जोन में 7, मालवीय नगर जोन क्षेत्र में 8, सांगानेर जोन में 6, विद्याधर नगर क्षेत्र में 5, झोटवाड़ा क्षेत्र में 8 नालों में गंदगी मिली. इन नालों में अब तक एक बार भी सफाई का काम इस साल नहीं करवाया गया. इसी तरह नगर निगम हेरिटेज एरिया के आदर्श नगर जोन में 7, हवामहल-आमेर जोन क्षेत्र में 7 और सिविल लाईन्स जोन क्षेत्र में बने नालों की टीम को गंदगी दिखी. जयपुर में हर साल मानसून में 911 नालों की सफाई का काम करवाया जाता था. लेकिन इस बार ये बढ़कर 1189 हो गए. सभी वार्डो के पार्षदों से जब नालों की सफाई करवाने के रिपोर्ट मांगी तो उसमें 278 नाले ज्यादा आए. ये वे नाले है, जो गली-मोहल्लों के अंदर है यानी मुख्य रोड पर नहीं. इस कारण इस बार नालों की सफाई का खर्चा भी पिछले साल 5.5 करोड़ रुपए था, जो बढ़कर 16.78 करोड़ रुपए पर पहुंच गया.
Reporter- Deepak Goyal
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