प्रहरियों के साथ जेलर-डिप्टी जेलर ने भी शुरू की भूख हड़ताल, वेतन विसंगति दूर करने की मांग
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प्रहरियों के साथ जेलर-डिप्टी जेलर ने भी शुरू की भूख हड़ताल, वेतन विसंगति दूर करने की मांग

Jaipur News: जेलर-डिप्टी जेलरों के इस कदम के बाद जेल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं. इसी तरह रिटायर्ड जेल अधिकारियों ने भी प्रहरियों की मांग को जायज बताते हुए की ये मांग..

प्रहरियों के साथ जेलर-डिप्टी जेलर ने भी शुरू की भूख हड़ताल, वेतन विसंगति दूर करने की मांग

Jaipur News: जेल प्रहरियों का मैस बहिष्कार तीसरे दिन भी जारी है. वहीं जेल प्रहरियों के समर्थन में जेलर और डिप्टी जेलर भी उतर आए और उन्होंने जेल डीजी को अन्न त्याग का नोटिस दे दिया है. जेलर-डिप्टी जेलरों के इस कदम के बाद जेल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं. इसी तरह रिटायर्ड जेल अधिकारियों ने भी प्रहरियों की मांग को जायज बताते हुए सरकार से पूरा करने की मांग की है. वहीं दूसरी ओर भूख और सर्दी से जेल प्रहरियों के बीमार होने का सिलसिला बना हुआ है.

साथ ही प्रदेश की जेलों में कार्यरत प्रहरी 13 जनवरी से मैस बहिष्कार कर रहे हैं. प्रहरियों की मांग है कि वेतन विसंगति दूर की जाए और वर्ष 2017 में हुआ समझौता लागू किया जाए. वहीं दूसरी ओर जेलर-डिप्टी जेलर्स ने भी भूख हड़ताल का अल्टीमेटम दे दिया है. सभी जेलों से जेलर डिप्टी जेलर्स ने डीजी जेल भूपेंद्र दक को सूचना देकर अन्न त्याग की जानकारी दी है.

वर्दी, ट्रेनिंग, काम एक समान तो वेतन में विसंगति क्यों ?
जेलर-डिप्टी जेलर्स ने डीजी जेल को दिए नोटिस में कहा कि प्रहरी से जेलर संवर्ग की वेतन विसंगति 1998 से चली आ रही है. राज्य की जेलों में पुलिस, आरएसी और जेलकर्मी तीनों ही संस्थाएं सुरक्षा करती है. ट्रेनिंग वर्दी, वर्दी भत्ता, पीएसपी प्लान, काम और आला अफसरों में समानता है. इसके बावजूद जेलकर्मियों के वेतन, भत्ते और अन्य मूलभूत सुविधाओं और योजनाओं में बहुत असमानता क्यों है, इससे जेलकर्मियों का मनोबल गिर चुका है.

रिटायर्ड जेल अधिकारी पहुंचे समर्थन में 
जेल प्रहरियों के समर्थन में रिटायर्ड जेल अधिकारी भी आ गए हैं. रिटायर्ड अधीक्षक नंदसिंह शेखावत, रिटायर्ड डीआईजी ओटाराम रोहिल और अन्य अधिकारी जयपुर सेंट्रल जेल पहुंचे. उन्होंने आंदोलनरत जेल प्रहरियों से बातचीत कर उनका हौंसला बढ़ाया. नंदसिंह शेखावत ने डीजी जेल को पत्र लिखकर कहा कि प्रहरी भूखे रहकर गांधीवादी तरीके से ड्यूटी दे रहे हैं. 24 घंटे परिसर में रहकर अपराधियों के बीच जोखिम भरी ड्यूटी कर रहे हैं. इनके जोखिम को देखते हुए पुलिस और आरएसी से ज्यादा वेतन और भत्ते देने चाहिए. भूखे पेट ड्यूटी देने पर मानवाधिकारों का हनन का भी प्रश्न है, ऐसे में पूर्व में किए समझौते को लागू किया जाना चाहिए.

बीमार होने और अस्पताल पहुंचने का सिलसिला जारी 
इधर, भूख और ठंड के कारण जेल प्रहरियों के बीमार होने और अस्पताल पहुंचने का सिलिसला जारी है. एक दर्जन से ज्यादा जेलों में अब तक 80 से ज्यादा प्रहरी बीमार हो चुके हैं. इनको स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. रविवार को बीकानेर जेल से प्रहरी पूनम, अजमेर सेंट्रल जेल से महिला प्रहरी शिमला चौधरी, भवानी सिंह को जेएलएन हॉस्पिटल में भिजवाया गया. इधर, जयपुर सेंट्रल जेल में भी आठ से दस प्रहरियों को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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