आबकारी नीति में बदलाव किया गया है. इससे बार संचालकों को बड़ी राहत मिलेगी.विभाग ने भारत निर्मित शराब पर लगने वाली 30 प्रतिशत अतिरिक्त आबकारी ड्यूटी को हटाने का फैसला किया है.
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Jaipur: राज्य सरकार की ओर से जारी आबकारी नीति वर्ष 2022-23 व 2023-24 के प्रावधानों में किए महत्वपूर्ण संशोधन कर बदलाव किया है. नियमों के तहत अब राजस्थान में बार चलाने वालों को शॉर्ट-टर्म का लाइसेंस दिया जाएगा.इससे उन लोगों को फायदा होगा, जो बार शुरू करने के बाद रेवेन्यू नहीं आने से पूरे सालभर घाटा झेलते है. इसके साथ ही सरकार ने एक अप्रैल से देशी शराब की कीमतों में इजाफा किया है. इधर दूसरी तरफ भारत में बनने वाली शराब को सस्ती किया है.
इन पर लगने वाली अतिरिक्त आबकारी ड्यूटी को खत्म करने का निर्णय किया है. आबकारी विभाग राजस्थान की ओर से नए संशोधित नियम जारी किए गए है.एक अप्रैल से देशी शराब और राजस्थान निर्मित शराब (आरएमएल) के पव्वे पर 2 रुपए तक का इजाफा किया है. हालांकि इसके विपरित भारत में बनने वाली अंग्रेजी शराब आगामी वित्तवर्ष से सस्ती मिल सकती है.
विभाग ने भारत निर्मित शराब पर लगने वाली 30 प्रतिशत अतिरिक्त आबकारी ड्यूटी को हटाने का फैसला किया है.इसके अलावा शराब की रिटेल दुकान चलाने वालों के लिए इंडियन मेड फॉरेन लिकर (अंग्रेजी शराब) की गारंटी की पूर्ति करने के लिए अब हैरिटेज मदिरा को भी शामिल किया है.राजस्थान में बार चलाने वालों को फायदा देने के लिए आबकारी विभाग ने नया नियम जारी किया है. इसके तहत उन्हें अब शॉर्ट टर्म लाइसेंस दिए जाएंगे. अभी बार चलाने के लिए आबकारी विभाग होटल या अन्य संस्थाओं को एक साल के लिए लाइसेंस देता है, जिसे हर साल रिन्यू करता है लेकिन अगले वित्त वर्ष से लाइसेंस एक साल के बजाए 3 माह के लिए भी दिए जाएंगे.
यही नहीं बार चलाने वाले जो होटल या संस्थाएं किसी साल लाइसेंस रिन्यू नहीं करवाती और अगले साल लाइसेंस लेती है तो उसे पुराने साल का पुराना शुल्क देना पड़ता था. लेकिन इस बार इसमें कटौती करते हुए केवल 25 फीसदी शुल्क ही लिया जाएगा.आबकारी नीति में इस साल से केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) को भी बीएसएफ की तर्ज पर रिटेल लाइसेंस देने और आबकारी ड्यूटी में छूट देने का निर्णय किया है.इसके तहत अब CAPF की कैंटिन में भी वहां के कर्मचारियों और जवानों को बीएसएफ की केंटिन की तर्ज पर शराब उपलब्ध हो सकेगी.
वर्तमान में चल रही शराब की दुकानों के लाइसेंस की रिन्यूअल फीस के निर्धारण पर दुकान संचालकों ने आपत्ति जताई है. राजस्थान लिकर वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष निलेश मेवाड़ा ने बताया कि मौजूदा समय में जो दुकानें चल रही है और जिनका उठाव 25 अप्रैल 2022 से पहले हुए है उनकी रिन्यूअल फीस 15 फीसदी बढ़ा रही है, जो बहुत ज्यादा है. इसके अलावा 25 अप्रैल के बाद जो दुकानें उठी है. उन पर सालाना उठाव की गणना करके उस पर 20 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ लाइसेंस रिन्यू का प्रावधान रखा है. इससे दुकान संचालकों पर अगले साल ज्यादा शराब बेचने का दबाव बनेगा.
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