Jaipur News: पशु चिकित्सकों संग फिर धोखा!बीकानेर की राजूवास यूनिवर्सिटी कर रही खेला
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Jaipur News: पशु चिकित्सकों संग फिर धोखा!बीकानेर की राजूवास यूनिवर्सिटी कर रही खेला

Jaipur News: राजस्थान में पशु चिकित्सकों संग फिर धोखा हो गया है. दरअसल ये पूरा मामला बीकानेर की राजूवास यूनिवर्सिटी से जुड़ा है.अब फिर उसी प्रारूप में दुबारा भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया गया है. ऐसे में फिर से इस भर्ती का विवादों में फंसना तय है.

 

Jaipur News: पशु चिकित्सकों संग फिर धोखा!बीकानेर की राजूवास यूनिवर्सिटी कर रही खेला

Jaipur News: राजस्थान में सरकारी संस्थाएं ही पढ़े-लिखे युवाओं के साथ भर्तियों के नाम पर धोखा कर रही हैं. बीकानेर के राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसरों की जिस भर्ती को पिछले सप्ताह रद्द किया गया था,अब फिर उसी प्रारूप में दुबारा भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया गया है. ऐसे में फिर से इस भर्ती का विवादों में फंसना तय है.क्या है पूरा मामला? कैसे हो रहा है पशु चिकित्सकों के साथ धोखा?

बीवीएससी एंड एच के डिग्रीधारक युवाओं के साथ फिर से धोखा होने की आशंका है, बीकानेर के राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय ने सहायक प्रोफेसर के 72 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया है.आज से आवेदन प्रक्रिया शुरू हुई है,जो 31 जुलाई तक चलेगी. लेकिन धोखा होने की आशंका इसलिए है,

क्योंकि 28 जून को विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसरों की पिछली भर्ती को जिस आधार पर राज्य सरकार ने निरस्त किया है, उसमें कोई सुधार किए बगैर ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने फिर से विज्ञापन निकाल दिया है.

 भर्ती को पशुपालन विभाग की जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर निरस्त किया गया है.जांच कमेटी की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री कार्यालय और राजभवन ने भी अप्रूव किया था और उस आधार पर पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव विकास सीताराम भाले ने 28 जून को आदेश जारी कर भर्ती को निरस्त किया है. जांच कमेटी ने यह साफ कहा था कि भर्ती में जो रोस्टर प्रक्रिया अपनाई गई,उसमें त्रुटियां हैं. आवेदन तिथि निकल जाने के बाद पशु चिकित्सा अधिकारी के अनुभव अंकों को जोड़ने के फैसले को भी कमेटी ने गलत माना था. 

साथ ही एससी-एसटी के बैकलॉग के पदों में कमी को भी जांच कमेटी ने गलत माना था. इन्हीं आधार पर 4 अप्रैल 2023 को पशुपालन विभाग की जांच कमेटी ने भर्ती रद्द करने की अनुशंसा की थी. अब 28 जून के आदेश के बाद विश्वविद्यालय ने 7 जुलाई को फिर से भर्ती का विज्ञापन जारी कर दिया है.

गलतियां सुधारी नहीं, विज्ञापन निकाल दिया 

- पशुपालन विभाग की जांच कमेटी ने 4 अप्रैल 2023 को 3 बिन्दुओं पर रिपोर्ट दी
- पहला बिन्दु- आवेदन की अंतिम तिथि पश्चात स्कोर कार्ड के अंकों में फेरबदल
- 18 जुलाई 2022 को अंतिम तिथि बाद VO के अनुभव के अंक जोड़े गए
- दूसरा बिन्दु- असिस्टेंट लाइब्रेरियन के पद को असिस्टेंट प्रोफेसर के रोस्टर में शामिल किया
- असिस्टेंट लाइब्रेरियन का पद सृजन आदेश में है अशैक्षणिक संवर्ग में
- जबकि राजूवास ने भर्ती के दौरान इसे शैक्षणिक संवर्ग में शामिल कर लिया
- तीसरा बिन्दु- रोस्टर पंजिका के संधारण में त्रुटि
- विश्वविद्यालय द्वारा 27 फरवरी 2021 को शैक्षणिक पदों का रोस्टर बनाया गया
- इसमें सहायक आचार्य के 208 पद, बैकलॉग में एससी के 4, एसटी के 5 पद दर्शाए
- 9 जुलाई 2021 को दुबारा हुए रोस्टर में सहायक आचार्य के 257 पद दर्शाए
- इसमें बैकलॉग के एससी के 2, एसटी के मात्र 3 पद दर्शाए गए
- जबकि 23 जून 2022 को भर्ती के विज्ञापन में एससी-एसटी के मात्र 1-1 पद थे
- कमेटी ने माना कि बैकलॉग की गणना त्रुटिपूर्ण, इससे भर्ती पर प्रश्न चिन्ह लगे
- 28 जून 2023 को राज्य सरकार ने भर्ती रद्द की, 7 जुलाई को अब विज्ञापन जारी
- विश्वविद्यालय प्रशासन ने न रोस्टर सही किया, न ही बैकलॉग के पदों की गणना की

रोस्टर पंजिका को अपलोड किया जाना चाहिए

दरअसल विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा भर्ती प्रक्रिया जारी करने से पहले विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर रोस्टर पंजिका को अपलोड किया जाना चाहिए था. जिससे यदि अभ्यर्थियों की आपत्तियां हों तो उन्हें सही करने के बाद ही विज्ञापन जारी किया जाए. रोस्टर पंजिका को विज्ञापन निकालने के बाद अपलोड किया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने जल्दबाजी में नए सिरे से पुराने रोस्टर पर ही विज्ञापन जारी कर दिया है.

 इस बात को लेकर अनुसूचित जाति पशु चिकित्सक संघ ने विरोध किया है, संघ के महासचिव डॉ.टीकम चंद आनंद ने राज्यपाल,मुख्यमंत्री, पशुपालन मंत्री और पशुपालन प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है. वहीं, दूसरी तरफ जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव विकास सीताराम भाले के 28 जून के आदेश पर भी सवाल उठ रहे हैं.

कमेटी ने 3 गलतियां मानी, प्रमुख सचिव ने किया 1 का उल्लेख 

- पशुपालन विभाग की जांच कमेटी ने 4 अप्रैल 2023 को 3 प्रमुख बिन्दु उठाए थे
- वीओ के अनुभव अंक, एससी-एसटी के बैकलॉग और रोस्टर पंजिका के संधारण में त्रुटियां
- लेकिन 28 जून को पशुपालन प्रमुख सचिव ने आदेश में केवल 1 गलती का उल्लेख किया
- आदेश में कहा गया, आवेदन की अंतिम तिथि के बाद अनुभव के अंक जोड़े गए
- प्रमुख सचिव ने भर्ती रद्द के आदेश में रोस्टर गड़बड़ियों का जिक्र नहीं किया
- साथ ही एससी-एसटी बैकलॉग पदों की गणना के कमेटी के बिन्दु को छुपाया
- और शायद इसी आधार पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी दोनों बिन्दुओं का समाधान नहीं किया

सवाल यह उठ रहे हैं कि यदि फिर से इन दोनों बिन्दुओं के आधार पर भर्ती न्यायालय में अटकती है या फिर गड़बड़ियों के चलते फिर से रद्द होती है तो आवेदन करने वाले हजारों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ का जिम्मेदार कौन होगा. भर्ती में आवेदन की फीस भी भारी भरकम है, युवाओं से 1500 से 3000 रुपया आवेदन फीस ली जा रही है. 

पूर्व में हुई भर्ती में आवेदकों की राशि खर्च हुई ही थी,साथ ही प्रक्रिया पूरी करने में विश्वविद्यालय प्रशासन एवं राज्य सरकार के भी करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था. पहली भर्ती में दोषी कुलपति और प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई करने के बजाय राज्य सरकार ने नए सिरे से भर्ती करने के आदेश देकर इतिश्री कर ली है.

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Reporter-Kashiram Choudhary

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