Jaipur News: अंतिम चरण में आबकारी प्रवर्तन और निरोधक बिल बनाने की कवायद! कुल 270 सर्किल बनाया जाना संभव
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Jaipur News: अंतिम चरण में आबकारी प्रवर्तन और निरोधक बिल बनाने की कवायद! कुल 270 सर्किल बनाया जाना संभव

Jaipur News: आबकारी विभाग में एकीकृत आबकारी प्रवर्तन और निरोधक बिल बनाने की कवायद लगभग अंतिम चरण में है. बजट घोषणा की अनुपालना में आबकारी विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भिजवा दिया है. जल्द ही राज्य सरकार स्तर से इस पर निर्णय किया जाएगा. 

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Jaipur News: आबकारी विभाग में एकीकृत आबकारी प्रवर्तन और निरोधक बिल बनाने की कवायद लगभग अंतिम चरण में है. बजट घोषणा की अनुपालना में आबकारी विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भिजवा दिया है. जल्द ही राज्य सरकार स्तर से इस पर निर्णय किया जाएगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक आबकारी विभाग में सामान्य शाखा और निरोधक दल को मर्ज किए जाने की कवायद हो रही है. हालांकि, दोनों ही शाखाओं के कार्य क्षेत्र में काफी भिन्नता है. सामान्य शाखा द्वारा जहां मदिरा दुकानों का आवंटन, बंदोबस्त और संचालन से जुड़ा कामकाज किया जाता है. वहीं निरोधक दल का मुख्य कार्य अवैध शराब बनाने, बिक्री, परिवहन आदि पर रोक लगाने का है. 

सर्किलों को किया जाए छोटा
लेकिन इन दिनों आबकारी विभाग के स्तर पर दोनों ही सेवाओं को मर्ज करने का कार्य किया जा रहा है. विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो विभाग अपने राजस्व लक्ष्यों को पूरा करने के लिए यह संभावनाएं तलाश रहा है कि अब सर्किलों को छोटा किया जाए. विभाग में निरीक्षक और प्रहर अधिकारियों को एकीकृत कर छोटे-छोटे सर्किलों का प्रभार दिया जाए. जिससे इन सर्किलों में सभी मदिरा दुकानों का समयबद्ध आवंटन और संचालन किया जा सके. हालांकि, दोनों ही सेवाओं की चयन प्रक्रिया, वेतनमान और पदोन्नति की प्रक्रिया में भारी अंतर होने के चलते इसका अंदरखाने विरोध हो रहा है. इसके बावजूद आबकारी विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार के पास भिजवा दिया है.

राजस्थान में कैसा होगा आबकारी का स्ट्रक्चर ?
- राजस्थान में आबकारी सामान्य शाखा के सर्किल की संख्या 135,
- आबकारी निरोधक दल के कुल थाने हैं 150,
- विभाग अब निरीक्षक और प्रहर अधिकारियों को समकक्ष कर रहा
- प्रदेशभर में कुल 270 से अधिक सर्किल बनाने की कवायद
- आबकारी निरीक्षक और पीओ को मिलाकर करीब 275 अधिकारी
- बड़े सर्किलों में ग्रेड प्रथम के निरीक्षक और पीओ लगेंगे
- ग्रेड सेकंड वाले छोटे सर्किलों में ग्रेड सेकंड वाले EI और PO लगाए जाएंगे
- अभी एक सर्किल में होती हैं 50 से 60 दुकानें
- नए मर्जर के बाद 20 से 30 दुकानों का होगा सर्किल
- प्रदेश में प्रत्येक एसडीएम हेडक्वार्टर लेवल पर एक अफसर लगाना संभव

बराबरी का अधिकार दिए जाने का हो रहा विरोध 
आबकारी निरीक्षकों द्वारा खुद के आरएएस भर्ती सेवा से चुने जाने के चलते प्रहराधिकारियों को बराबरी का अधिकार दिए जाने का विरोध किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इसके बाद विभाग ने आबकारी सेवा संघ के पदाधिकारियों और प्रहराधिकारयों के चुनिंदा अधिकारियों के साथ चर्चा की है. इनके सुझाए गए बिंदुओं को प्रस्ताव में शामिल किया गया है. तर्क यह भी दिया जा रहा है कि करीब 90 फीसदी प्रहराधिकारी अगले 4 वर्ष में सेवानिवृत्त हो जाएंगे. 

कई सर्किल के नहीं हैं खुद के कार्यालय 
ऐसे में सामान्य शाखा के अधिकारियों और प्रहर अधिकारियों को 4 वर्ष तक ही समकक्ष रखा जाएगा. हालांकि विभाग के लिए यह सोचनीय बिन्दु है कि अभी सर्किल बड़े होने के बावजूद कई सर्किल के खुद के कार्यालय नहीं हैं. वहीं कई थाने भी इसी तरह बगैर बिल्डिंग संचालित हो रहे हैं. ऐसे में यदि सर्किल और छोटे किए गए तो क्या अफसरों को काम करने के लिए पर्याप्त स्टाफ व भवन मिल सकेंगे?

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