जयपुर से किसान-कमैरा संवैधानिक अधिकार यात्रा शुरू, शाहजंहापुर बार्डर पर होगी संपन्न
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जयपुर से किसान-कमैरा संवैधानिक अधिकार यात्रा शुरू, शाहजंहापुर बार्डर पर होगी संपन्न

Jaipur News: जयपुर से आज से किसानों की किसान- कमैरा संवैधानिक अधिकार यात्रा शुरू हो गई है.19 दिन की यात्रा अमर जवान ज्योति से शुरू हुई.प्रदेश के सभी जिलों से होते हए यात्रा शाहजंहापुर बार्डर पहुंचेगी.

 

जयपुर से किसान-कमैरा संवैधानिक अधिकार यात्रा शुरू, शाहजंहापुर बार्डर पर होगी संपन्न

Jaipur: जयपुर से आज से किसानों की किसान- कमैरा संवैधानिक अधिकार यात्रा शुरू हो गई है.19 दिन की यात्रा अमर जवान ज्योति से शुरू हुई.प्रदेश के सभी जिलों से होते हए यात्रा शाहजंहापुर बार्डर पहुंचेगी.यात्रा का प्रमुख उद्देश्य संवैधानिक अधिकारों की जानकारी देना है.

आज से राजस्थान के किसानों ने "किसान कमेरा संवैधानिक अधिकार मोर्चा" बैनर तले यात्रा शुरू की.जयपुर के अमर जवान ज्योति से देश के वीर शहीदों को "नमन" कर “किसान कमेरा संवैधानिक अधिकार यात्रा" प्रारम्भ की. यात्रा जयपुर से रवाना होकर राजस्थान के सभी 33 जिलों में जनसभाएं करते हुए 22 फरवरी को शाहजहांपुर खेड़ा बॉर्डर पहुंचेगी. 

इस यात्रा में मजदूर और किसान संगठनों के साथ ही संविधान, संवैधानिक मूल्यों में विश्वास रखने वाले विभिन्न समाजों के सामाजिक संगठन हिस्सा ले रहे है. इस यात्रा का मूल मकसद किसान कमेरा वर्ग के सभी समाजों में आपस में सामंजस्य बैठाते हुए, सभी वर्गों में समानता लाकर,बंधुत्व बढ़ाकर देश में शान्ति स्थापित करना हैं. यात्रा के दौरान किसान कमेरा वर्ग को अपने हकों और संवैधानिक अधिकारों की जानकारी विषय विशेषज्ञों के द्वारा दी जायेगी,ताकि वह अपने मूल अधिकारों को जानकार अपने हकों की रक्षा कर सक्षम व समृद्ध बनकर देश की और भी बेहतर तरीके से सेवा कर सके. यात्रा के दौरान संवैधानिक अधिकारों की जानकारी देने के साथ ही आमजन से सीधा संवाद कर वहा की स्थानीय समस्याओं को जानकर और समझकर उनके दुख दर्द में भी भागीदार बनेंगे.

यात्रा का उद्देश्य

  • समस्त किसान कमेरा वर्ग (ओबीसी, एससी, एसटी अर्थात बहुसंखक समाज) को संवैधानिक अधिकारों की जानकारी कराना,ताकि वह अपने हक-
  • अधिकारों को जानकार, उन्हें हासिलकर, सक्षम बनकर, देश की ओर भी बेहतर सेवा कर सके
  • भारतीय संविधान (जिसमें मौलिक अधिकार है) को बचाना और मूल रूप से लागू कराना.
  •  किसानों को अपनी फसलों का "न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)" का निर्धारण करने की गारंटी का कानून बनवाना.
  • काला बाजारी करने वाले बिचौलियों व व्यापारियों की लूट से जनता को बचाने के लिए "अधिकतम बिक्री मूल्य (MSP)" का कानून बनवाना
  • यदि देशहित में अधिग्रहण जरूरी हो, तो किसानों की जमीन की बाजार मूल्य से कम से कम दस गुना कीमत दिलवाना.

ऐसे में देखना होगा कि किसानों की इस रैली का कितना असर फील्ड में दिखाई देगा और कैसे इस रैली से किसान अपने अधिकारों के लिए जागरूक होंगे.

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