जयपुर: सांस्कृतिक और पुरामहत्व के स्मारकों को सहेजने के लिए 'हवामहल फेस्टिवल' शुरू
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जयपुर: सांस्कृतिक और पुरामहत्व के स्मारकों को सहेजने के लिए 'हवामहल फेस्टिवल' शुरू

Jaipur News: पर्यटन विभाग की ओर से रविवार से हवामहल फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा. बताया जा रहा है कि इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य देशी-विदेशी सैलानियों और जयपुर वासियों में विरासत के प्रति चेतना को प्रेरित करना है. 

 

जयपुर: सांस्कृतिक और पुरामहत्व के स्मारकों को सहेजने के लिए 'हवामहल फेस्टिवल' शुरू

Jaipur: पर्यटन विभाग की ओर से आज हवामहल फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा. इस फेस्टिवल के हवामहल के झरोखे इस दिन साक्षी बनेंगे. सांस्कृतिक और पुरामहत्व के स्मारकों को सहेजने के लिए सांस्कृतिक विरासत उत्सव का आयोजन, इस फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य देशी-विदेशी सैलानियों सहित जयपुर वासियों में विरासत के प्रति चेतना और उनके संरक्षण के लिए सभी को प्रेरित करना है. हवामहल फेस्टिवल के दौरान लोकगीत, संगीत खानपान व मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे. 

रात 8:30 बजे से रात 12 बजे तक चलने वाले इस फेस्टिवल के जरिए नाइट टूरिज्म का विशेष आकर्षण देखने को मिलेगा. बड़ी चौपड़ से लेकर जलेब चौक व ख्वासजी के रास्ते तक का क्षेत्र रंग बिरंगी रोशनी से सराबोर रहेगा. हवामहल बाजार के नाम से पहचाने जाने वाले क्षेत्र में जयपुर का सबसे दर्शनीय पर्यटन स्थल हवामहल तो मौजूद है ही और सवाई मानसिंह टाउन हॉल (पुरानी विधानसभा), रामप्रकाश सिनेमा, अयोध्या पोल (जलेब चौक प्रवेश द्वार) क्षेत्र के मंदिर और हवेलियां जयपुर के इस बाजार को हेरिटेज वॉक वे कॉरिडोर का दर्जा देते हैं.

हवामहल फेस्टिवल की रूप रेखा

कार्यक्रम हवामहल के सामने रात 8:30 बजे से 12 बजे तक होगा. बड़ी चौपड़ से लेकर जलेब चौक तक कई कार्यक्रमों का आयोजन दुकानों के आसपास खाली स्थानों पर किया जाएगा. फेस्टिवल के दौरान सैलानी खरीदारी कर सकेंगे जिसमें जयपुरी रजाईयां, मोजडी, राजस्थान के परम्परागत लहंगा, चोली, बंधेज के कपडे, साफा आदि शामिल हैं. वहीं कलाकारों की प्रस्तुतियों को देखते हुए जयपुर और राजस्थान के पारंपरिक खानपान का स्वाद ले सकेंगे. जयपुर का कढ़ाई का दूध और चरी व साईकिल पर चाय बेचने वाले दूध और चाय के शौकिन लोगों के लिए उपलब्ध होंगे. इस दौरान वाहनों की आवाजाही बंद रहेंगी, पैदल ही इस फेस्टिवल का आनंद लिया जा सकेगा.

कार्यक्रम के आकर्षण के केंद्र

पुष्कर का नगाड़ा बैंड, लाइव म्यूजिक पर कथक प्रस्तुतियां, पाबूसर के कलाकारों का थाली नृत्य व ढोल वादन, गैर नृत्य, चंग की थाप पर थिरकते कलाकारों की यात्रा, बड़ी चौपड़ पर जयपुर ब्रास बैंड की प्रस्तुति, सवाई मानसिंह टाउन हॉल पर बैंड वादन, फड़ पेंटिग्स साथ भोपा-भोपी के किस्से बहरूपियों का स्वांग, लंगा कलाकारों के गीत, मैजिक शो, कठपुतली प्रदर्शनी, माटी कलाकारों के प्रदर्शन, फायर पेंटिंग करते कलाकार, फिरकी, बांसुरी और रावणहत्था बेचने वाले, तोता पंडित, टैरो कार्ड रीडर बैलून शूटिंग, लाइव स्कैच बनाते कलाकार, मैरी गो राउंड कई मनोरंजन के साधन आकर्षण का केंद्र रहेंगे.

हवामहल का इतिहास

हवामहल को सन 1799 ई. में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था. इसे वास्तुकार लाल चंद उस्ता द्वारा डिजाइन किया गया. इसकी अद्वितीय पांच-मंजिला इमारत में 953 बेहद खूबसूरत और आकर्षक छोटी-छोटी जालीदार खिड़कियां हैं, जिन्हें झरोखा कहते हैं. जालीदार झरोखों से सदा ठण्डी हवा, महल के भीतर आती रहती है, जिसके कारण तेज गर्मी में भी महल सदा वातानुकूलित रहता है. चूने, लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित यह महल जयपुर के व्यापारिक केंद्र के हृदयस्थल में मुख्य मार्ग पर स्थित है. यह सिटी पैलेस का ही हिस्सा है और ज़नाना कक्ष या महिला कक्ष तक फैला हुआ है.

Reporter- Damodar Raigar

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