जयपुर न्यूज: सरकारी पैसा खर्च कर मेयर सौम्या गुर्जर ने चुनावी साल में अपनी ताकत दिखाई. सांगानेर स्टेडियम में 20 हजार लोगों का सहभोज का आयोजन किया गया. सियासी गलियारों में इस कार्यक्रम को लेकर हो चर्चा हो रही है.
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Jaipur: बहाना स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण और आईडी वितरण कार्यक्रम का लेकिन सरकारी खर्चा कर चुनावी साल में सांगानेर स्टेडियम में निगम ग्रेटर मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने अंत्योदय-20 कार्यक्रम के नाम पर भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन कर दिया. संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की जयंती पर स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण और आईडी वितरण के साथ 20 हजार स्ट्रीट वेंडर्स का सपरिवार सहभोज कार्यक्रम कर महापौर ने अपनी शक्ति का अहसास कराया.
सत्ता का सुख हासिल करना हो तो दो चीजें जरूरी मानी जाती हैं. एक जनता का विश्वास और दूसरा शक्ति प्रदर्शन. चुनावी साल में कुछ इसी तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं. बहाना कुछ भी हो सकता हैं. जन्मदिन सेलिब्रेट का भी हो सकता हैं या किसी सामाजिक कार्यक्रम का भी हो सकता हैं. सरकारी कार्यक्रम के जरिए भी शक्ति प्रदर्शन का भी हो सकता है. जयपुर जिले की सांगानेर विधानसभा सीट पर भी अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए कुछ इसी तरह की तस्वीरें नजर आ रही हैं.
निगम ग्रेटर मेयर सौम्या गुर्जर ने सरकारी कार्यक्रम अंत्योदय—20 कार्यक्रम के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण और आईडी वितरण के बहाने सांगानेर स्टेडियम में 20 हजार लोगों को सहभोज कार्यक्रम के बहाने अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की. इस कार्यक्रम में माहौल पूरा चुनावी जैसा नजर आया. मेयर डॉ.सौम्या गुर्जर कार्यक्रम में पहुंची तो पहले पांडाल में बने अलग अलग ब्लॉक्स में पहुंचकर लोगों से मुलाकात की और उसके बाद मंच पर आकर हाथ हिलाते हुए अभिवादन किया.
इस कार्यक्रम के लिए पूरे शहर में प्राइम लोकेशन पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स-बैनर्स लगाए गए हैं. कार्यक्रम में आने के लिए पीले चावल बांटे गए. इतना ही नहीं पार्षदों ने भी जगह-जगह पर मेयर की फोटो के साथ अपने-अपने वार्डों में कार्यक्रम की जानकारी देते हुए पोस्टर-होर्डिंग्स लगाए. कार्यक्रम में किसी भी बड़े नेता को भी नहीं बुलाया ना ही होर्डिंग्स-पोस्टर बैनर पर किसी भी नेता की तस्वीर नजर आई. हालांकि सियासी गलियारों में यही चर्चा है कि आखिरी महापौर ने सांगानेर विधानसभा क्षेत्र का ही चयन क्यों किया.
कार्यक्रम के तहत महापौर ने रेहड़ी—ठेले वालों को लोन व आईडी दिलाने का कार्यक्रम रखा था. साथ ही 20 हजार लोगों का सहभोज रखा था.नगर निगम ने इस कार्यक्रम पर लाखों रुपए खर्च किए हैं. मगर कार्यक्रम को महापौर का शक्ति प्रदर्शन बताया जा रहा है. जयपुर में लगभग 50 हजार से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स हैं और कार्यक्रम में तय संख्या में तो लोग नहीं पहुंचे लेकिन आशानुरूप महापौर भीड़ जुटा पाने में कामयाब जरूर हो पाई.
नगर निगम ग्रेटर मेयर डॉ.सौम्या गुर्जर ने कहा कि आज से राजधानी के 50 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को लोन और परिचय पत्र देने के लिए अंत्योदय-20 की शुरुआत की गई हैं. 20 चरणों में होने वाले इस अंत्योदय 20 का पहला चरण बाबा साहेब की जयंती के मौके पर किया गया. जिसमें ना सिर्फ 5 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार का लोन उपलब्ध कराया गया. साथ ही उनके परिवार के साथ सहभोज करते हुए संविधान की मूल संकल्पना समानता का भी संदेश दिया गया.
भारत में हुए जी-20 को तर्ज पर W20 (वीमेन 20) और U20 (अर्बन 20) हो रहा है. उसी क्रम में अंत्योदय 20 का आयोजन किया गया. डॉ सौम्या गुर्जर ने कहा कि शहर के अंतिम व्यक्ति को मजबूत करने का आधार रखते हुए अंत्योदय 20 का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि अंत्योदय 20 के तहत लगातार 20 कड़िया चलेंगी. बाबा साहब की जयंती पर अंत्योदय 20 की शुरुआत की जा रही है. लेकिन ये एक दिन का विषय नहीं है ये आयोजन स्ट्रीट वेंडर (थड़ी, ठेले, रेहड़ी) वाले निम्न, दलित लोगों की सक्सेस स्टोरी के साथ होना चाहिए.
उन्होंने बताया कि अकेले ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में 50 हजार से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स है. कोरोना के अंदर कई लोगों की रोजी-रोटी छिन गई.जब इस आयोजन को लेकर पीले चावल बांटने गए थे तब पता लगा कि बीकानेर की एक प्रतिष्ठित कंपनी का मैनेजर छोले टिक्की बनाता हुआ मिला. ऐसे में कोरोना की मार स्पष्ट रूप से नजर आई. इसी को मद्देनजर रखते हुए पीएम स्वनिधि योजना के तहत ऐसे लोगों को भी सम्मानजनक जीवन यापन करने का मौका मिला है.
मेयर ने कहा कि जब अंत्योदय 20 का आखिरी चरण पूरा होगा, तब तक जयपुर शहर का हर एक रेहड़ी-ठेले वाले तक विकास पहुंच चुका होगा. इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से घोषित मिलेट्स 2023 के तहत श्रीअन्न की प्रदर्शनी भी लगाई गई. साथ ही स्ट्रीट वेंडर्स के परिजनों के साथ सहभोज भी किया गया. इसे लेकर महापौर ने बताया कि स्ट्रीट वेंडर्स के परिवारों के साथ आयोजन में शामिल होने वाले सभी वर्ग ने मिलकर सहभोज किया. इससे उन्हें समानता का भाव आएगा.
यही संविधान की मूल संकल्पना भी हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान में सबसे ज्यादा बाजरे का उत्पादन होता है. जब इसका निर्यात बढ़ेगा तो राजस्थान भी सशक्त होगा.
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