Jaipur News: संगीत सीखने में उम्र नहीं बाधा....कच्ची बस्ती के बच्चों में तलाश रहे ''हीरा''
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Jaipur News: संगीत सीखने में उम्र नहीं बाधा....कच्ची बस्ती के बच्चों में तलाश रहे ''हीरा''

Jaipur News:  शिक्षा संकुल में चल रहे राजस्थान संगीत संस्थान में संगीत के क्षेत्र में डिप्लोमा और डिग्री कोर्स करवाए जाते हैं. इस बार संस्थान में लगाए गए ग्रीष्मकालीन शिविर में कुछ अलग हटकर करने के उद्देश्य से कई प्रयोग किए गए. 

Jaipur News: संगीत सीखने में उम्र नहीं बाधा....कच्ची बस्ती के बच्चों में तलाश रहे ''हीरा''

Jaipur News: प्रदेश के एक मात्र सरकारी म्यूजिक कॉलेज राजस्थान संगीत संस्थान में पहली बार अनूठा प्रयोग किया जा रहा है. संस्थान में चल रहे ग्रीष्मकालीन शिविर में संस्थान से बाहरी लोगों को भी संगीत का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. खास बात यह है कि इस बार झुग्गी झौंपड़ियों में रहने वाले गरीब बच्चों को नि:शुल्क संगीत प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

शिक्षा संकुल में चल रहे राजस्थान संगीत संस्थान में संगीत के क्षेत्र में डिप्लोमा और डिग्री कोर्स करवाए जाते हैं. इस बार संस्थान में लगाए गए ग्रीष्मकालीन शिविर में कुछ अलग हटकर करने के उद्देश्य से कई प्रयोग किए गए. इसके तहत संस्थान से बाहरी लोगों को भी शिविर में शामिल होकर संगीत सीखने की छूट दी गई. शिविर में संगीत की चार विधाओं गायन, वादन और नृत्य का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

इसमें गायन के अलावा वादन में वायलिन और तबला तथा नृत्य में कत्थक सिखाया जा रहा है. चारों ही विधाओं में शहर के प्रसिद्ध कलाकार प्रशिक्षण दे रहे हैं. तबला का प्रशिक्षण विजय कुमार सिद्ध दे रहे हैं, वहीं ज्योति भारती गोस्वामी कथक सिखा रही है. साथ ही राजीव अग्रवाल वायलीन पर संगीत की ताल से पहचान करवा रहे हैं. तीनों ही संगीत संस्थान के रिटायर्ड प्रोफेसर हैं. इनके अलावा गायन में रमेश कुमार सुर साध रहे हैं.

उम्र बाधा नहीं... प्रिंसीपल खुद भी ले रहे प्रशिक्षण ....

शिविर में प्रशिक्षण लेने वालों के लिए उम्र किसी प्रकार की बाधा नहीं बन रही है. शिविर में नौ-दस साल के बच्चे से लेकर 65 साल तक के रिटायर्ड अधिकारी तक संगीत सीख रहे हैं. वहीं शहर के प्रसिद्ध राजनेता की पत्नी और रिटायर्ड अधिकारी तक संगीत का प्रशिक्षण ले रहे हैं. इनसे अलग हटकर संगीत संस्थान के प्रिंसीपल दिलीप कुमार गोयल तक वायलिन सीख रहे हैं. ऐसे में स्पष्ट है कि संगीत जीवन की खुशी है जिसे कभी भी कोई भी सीख सकता है. शिविर में 60 प्रशिक्षणार्थी हैं जिनमें 30 को कच्ची बस्ती के बच्चे संगीत सीख हैं. परमार्थम संस्थान के संजय शर्मा रोज इन गरीब बच्चों को लेकर संस्थान आ रहे हैं.

प्रिंसीपल दिलीप गाेयल का कहना है कि घर घर संगीत पहुंचे इसका प्रयास किया जा रहा है. एक गरीब बच्चों को भी जीवन में संगीत से खुशी मिल सके, इसके लिए सोचा गया कि झुग्गी झौंपड़ी में रहने वाले बच्चों को भी संगीत सिखाया जाए, ताकि खुशी महसूस कर सके. शिवर का 22 जून को समापन होगा और इस अवसर पर इसका प्रदर्शन किया जाएगा.

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