Jaipur News: राजस्थान में नकली दवाइयों की सूचना मिली तो फूड एंड ड्रग कमिश्नरेट की ओर से दवाइयों के सैंपल लेने के निर्देश दिए गए, जिसके बाद इन कंपनियों की दवाइयों की जांच की गई तो पता चला कि इनमें से 21 कंपनियों की 33 दवाइयों के सैँपल जांच में फेल हो गए.
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Jaipur News: प्रदेश में बड़ी मात्रा में नकली दवाइयां, खराब सिरप, इंजेक्शन बाजार में बिक रहे हैं. 21 कंपनियों के 33 दवाइयों के सैंपल जांच में फेल हो गए हैं. बड़ी मात्रा में दवाइयों के सैंपल फेल होने के बाद फूड सेफ्टी एंड ड्रग कमिश्नरेट ने तत्काल अलर्ट जारी कर दिया है.
इसके साथ ही सभी जिला औषधि अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि इन सभी कंपनियों की दवाइयों की बिक्री नहीं कि जाए. इसके साथ ही इन कंपनियों की अन्य दवाओं के भी सैंपल लेने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही पिछले दिनों पाइकन फार्मा की नकली दवाइयां सप्लाई करने के मामले में कंपनी के ओनर और डायरेक्टर को गिरफ्तार कर लिया है. पढ़िए रिपोर्ट-
प्रदेश में नकली दवाओं की खेप
- पिछले दिनों भी 9 दवाओं को किया था बैन
- 21 कंपनियों की 33 दवाइयों के सैंपल जांच में फेल
- सभी दवाइयों को प्रदेश में किया बैन
- इसके साथ ही प्रदेश में जारी किया गया अलर्ट
- पाइकन फार्मा के ओनर, डायरेक्टर गिरफ्तार
- उत्तराखंड के नाम से बना रखी थी फर्जी कंपनी
- जबकि गुजरात के रहने वाले हैं दिवेश जाघाणी और नरेश दनवाणिया
- दोनों को गुजरात के ड्रग कंट्रोलर विभाग ने किया गिरफ्तार
- उनके खिलाफ की जा रही कानूनी कार्रवाई
21 कंपनियों की 33 दवाइयां बैन
एलाइंस बायोटेक हिमाचल की मेटफोरमिन हाइड्रोक्लोराइड
ओरिसन फार्मा इंटरनेशनल की मेटफोरमिन हाइड्रोक्लोराइड
स्कोट ऐडिल फार्मासिया की मेटफोरमिन हाइड्रोक्लोराइड
सलूद केयर की Atorvatatin and aspirin
प्रिंस प्रोलिफिक की ओफ्लोक्सीन एंड ओर्नीडाजोल
स्कोट लाइफसाइंस की पेंटोप्राजोल गेस्ट्रो
एग्रोन रेमेडिज की क्लोरमफेनिकोल आईड्रोप
राचिल फार्मा की ओल्मेसार्टन ओरल
मलिक लाइफसाइंस की सेफ़ोडॉक्सिम और पोटेशियम
एमएस रेमेडिज की सेफ़ोडॉक्सिम और पोटेशियम
पीएफआई नेक्सट लाइफसाइंस की बेटामेथासन सोडियम
एमएस सकीम की लिक्विड पेराफिन
रोम्बस प्राइवेट फार्मा लिमिटेड की टेलमिसार्टन
एफिन फोरमुलेसन्स की मेटोप्रोलोल सक्सिनेट
साईं पेरेंटरल्स की हेपरिन सोडियम इंजेक्शन
सपल प्राइवेट लिमिटेड की टेमोजोलोमाइड कैप्शूल
डेक्सिन फार्मास्यूटिकल्स की सेफिक्सिम विथ लेक्टिक एसीड
एएनडी हेल्थकेयर की सेफिक्सिम एजीथ्रीमाइसिन
एप्पल फोर्मुलेशन्स की कैल्सियम कार्बोनेट विटामिन
कायसन्स फार्मा की क्लोरोफेनीरमाइन
पाईकन फार्मा की सेफिक्सिम डिस्पर्सिबल
प्रदेशभर में अलर्ट मैसेज जारी किया गया
राजस्थान में नकली दवाइयों की सूचना मिली तो फूड एंड ड्रग कमिश्नरेट की ओर से दवाइयों के सैंपल लेने के निर्देश दिए गए, जिसके बाद इन कंपनियों की दवाइयों की जांच की गई तो पता चला कि इनमें से 21 कंपनियों की 33 दवाइयों के सैँपल जांच में फेल हो गए. प्रदेश में इतनी बड़ी मात्रा में दवाइयों के सैंपल फेल होने के बाद हड़कंप मंच गया. इसके बाद तत्काल प्रदेशभर में अलर्ट मैसेज जारी किया गया. जिसमें सभी जिला ड्रग अधिकारियों को इन दवाइयों की बिक्री पर ध्यान रखने के साथ ही अन्य सैंपल लेने के भी निर्देश दिए हैं. ड्रग कंट्रोलर प्रथम अजय फाटक ने बताया कि हमें बाजार से सूचना मिली थी कि कंपनी की कुछ दवाइयां ठीक नहीं हैं. इसके बाद हमारी टीम ने जयपुर समेत दूसरे शहरों में अलग-अलग मेडिकल स्टोर से दवाइयों के सैंपल लेकर उनकी जांच करवाई. जांच में सॉल्ट मानक के अनुसार नहीं मिले.
इमरजेंसी में काम आने वाले इंजेक्शन भी जांच में फेल
जिन दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें खून पतला करने वाली एस्प्रिन, एंटी एलर्जी बीटामेथासोन, ओफ्लॉक्सासिन-ओर्नीडाजोल (एंटी बायोटिक्स), बीपी, शुगर की गोलियों, खून के थक्के गलाने वाले इंजेक्शन, पेट साफ करने वाली सिरप, आंखों में डालने वाली ड्रॉप भी शामिल हैं. इसके बाद विभाग ने कंपनियों को पत्र लिखकर सभी दवाइयों के बैच वापस लेने के निर्देश दिए हैं. जांच में पाइसेफ -200 (सेफीक्सीम-200 एमजी) और अजीवीर 250 (एजिथ्रोमाइसिन-250 एमजी) की गोली में सॉल्ट मानक के अनुसार नहीं मिले. ये दोनों ही दवाइयां एंटीबायोटिक हैं. इन दोनों दवा के 10 से ज्यादा सैंपल उठाए गए थे, जो जांच में सभी फेल साबित हुए. ड्रग कंट्रोल टीम की ओर से लिए गए सैंपल में खून के थक्के को गलाने और खून के प्रवाह को नॉर्मल करने में उपयोग होने वाले हेपारिन सोडियम के इंजेक्शन भी शामिल हैं. ये इंजेक्शन अक्सर इमरजेंसी में काम आता है, जब किसी व्यक्ति के खून का थक्का जमने की शिकायत आती है. इसके अलावा एलायंस बायोटेक और ऑरिसन फार्मा इंटरनेशन की ग्लिमेपाइराइड, जो शुगर के मरीजों के काम आती है. इसके सैंपल भी फेल साबित हुए हैं.
पाइकन फार्मा की दवाइयों में सॉल्ट ही नहीं था
ड्रग कंट्रोलर प्रथम अजय फाटक ने बताया कि पिछले दिनों पाइकन सहित अन्य दवाओं के सैंपल भी फेल हुए थे. जिसमें पाइकन फार्मा ने अपना एड्रेस उत्तराखंड नाम से बताया था. वहां जांच में पता चला कि वह गुजरात का रहने वाला है और गलत एड्रेस दे रखा है. इसके बाद विभाग ने गुजरात के ड्रग कंट्रोलर को सूचना दी. जिसके बाद ओनर दिवेश जाघाणी और नरेश दनवाणिया को गिरफ्तार कर लिया गया. अब उनके खिलाफ कानून कार्रवाई की जा रही है. गौरतलब है कि पाइकन फार्मा की दवाइयों में सॉल्ट ही नहीं था.
प्रदेश में सीएम और सीएस के निर्देश के बाद फूड एंड ड्रग कमिश्नरेट की ओर से लगातार नकली दवाइयों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. इसके साथ ही ड्रग कंट्रोलर ने बताया कि अभी ओर भी दवाइयों के सैंपल लिए गए हैं उनकी भी टेस्टिंग चल रही है.