Jaipur News: राजस्थान में पिछले एक साल का ट्रैक उठाकर देखें तो संगठित अपराध बढ़ता जा रहा है. खास बात ये है कि राज्य में बदमाश सोशल मीडिया पर पूरी तरह एक्टिव रहते हैं..
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Jaipur News: राजस्थान में पिछले एक साल का ट्रैक उठाकर देखें तो संगठित अपराध बढ़ता जा रहा है. खास बात ये है कि राज्य में बदमाश सोशल मीडिया पर पूरी तरह एक्टिव रहते हैं और युवा इनकी लाइफस्टाइल की तरफ आकर्षित होकर अपराध की दुनिया की तरफ बढ़ रहे हैं. ऐसे में राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी उमेश मिश्रा ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पुलिस काउंसलिंग सेल की शुरुआत की है. पुलिस की ये सेल ऐसे युवाओं की काउंसलिंग करेगी जो कहीं ना कहीं बदमाशों से सोशल मीडिया पर प्रेरित हो रहे हैं.
साथ ही इसके लिए राजस्थान के सभी जिलों के एसपी ऑफिस में परामर्श प्रकोष्ठ काउंसलिंग सेल का गठन किया जा रहा है. इस संबंध में गुरुवार को महानिदेशक पुलिस उमेश मिश्रा द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं. पुलिस परामर्श प्रकोष्ठ सोशल मीडिया सेल द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा के आधार पर चयनित भटके युवाओं की सकारात्मक काउंसलिंग करेगी.
डीजीपी उमेश ने बताया कि सोशल मीडिया साइट के द्वारा बढ़ रहे अपराधों पर निगरानी रखकर सोशल मीडिया साइट्स पर सक्रिय अपराधियों के विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्रवाई जिलों में कार्यरत सोशल मीडिया प्रकोष्ठ द्वारा किया जा रहा है. जिलों में नव स्थापित काउंसलिंग सेल जिलों में सक्रिय अपराधियों और गैंगस्टर से प्रभावित होकर सोशल मीडिया पर अनुयायी बनने वाले युवाओं को ऐसे अपराधियों से दूर रखने, सोशल मीडिया साइट पर निगरानी रखने और भटके युवाओं को सही दिशा में लाने के लिए गठित की गई है.
डीजीपी ने बताया कि परामर्श प्रकोष्ठ (Counselling Cell) में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय नोडल अधिकारी का कार्य करेंगे. जिले में पदस्थापित वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी, सोशल मीडिया सेल प्रभारी तथा जिले में कार्यरत मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक या वरिष्ठ चिकित्सा कर्मी इसके सदस्य होंगे. काउंसलिंग सेल के कार्यों का पर्यवेक्षण अपराध शाखा द्वारा किया जाएगा.
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध डॉ रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि छोटे से लेकर बड़े गैंगस्टर सोशल मीडिया पर अपने आप को रोबिन्हुड स्टाइल में प्रस्तुत कर फोटो-वीडियो शेयर करते हैं. कुछ नौजवान उनकी इस छवि से प्रभावित होकर उनके फॉलोअर्स बन जाते हैं और धीरे-धीरे जुर्म की दुनिया की ओर अग्रसर हो जाते हैं. सोशल मीडिया पर बदमाशों का महिमामंडन पुलिस के लिए चुनौती बन गया, इसी वजह से जिलों में कार्यरत साइबर प्रकोष्ठ और सोशल मीडिया प्रकोष्ठ को मजबूत किया जाना आवश्यक हो गया.
इस वजह से होते हैं युवा प्रेरित
जाति और समाज के अपराधियों के प्रति भावनात्मक जुड़ाव, अपराधियों की विलासिता पूर्ण जीवन शैली, महंगी गाड़ी, सम्पत्ति, बेरोजगारी, बुरी संगत, राजनीतिक आर्थिक और सामाजिक प्रभुत्व पाने की लालसा इत्यादि वजह से युवा आपराधिक प्रवृत्ति के बदमाशों से जुड़ाव महसूस करते हैं.
भटके युवाओं को सही राह दिखायेगी काउंसलिंग सेल
★ काउंसलिंग सेल सोशल मीडिया सेल द्वारा उपलब्ध करवाए गए डेटा के आधार पर निश्चित दिनांक पर परिजनों की उपस्थिति में युवाओं की सकारात्मक काउंसलिंग करेगी.
★ गैंगस्टर और समाज कंटको से प्रभावित युवाओं को सकारात्मक सोच और कार्यों की ओर प्रेरित करने का प्रयास किया जाएगा.
★ परामर्श हेतु उन ही युवाओं को चिन्हित किया जाएगा जो युवा अभी अपराधी नहीं बने अपितु अपराधियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
★ अपराधों में लिप्त युवाओं की निगरानी के पश्चात प्राप्त सूचनाएं संबंधित थाना अधिकारी को दी जाएगी.
★ परामर्श दिए गए युवाओं का फॉलोअप भी नियमित रूप से सोशल मीडिया सेल द्वारा किया जाएगा. परामर्श के उपरांत उन युवाओं के आचरण और विचरण में बदलाव हुआ या नहीं, उसके रिकॉर्ड में टिप्पणी अंकित की जाएगी.
4 महीने का राज्य स्तरीय विशेष अभियान होगा प्रारंभ
एडीजी डॉ. मेहरडा ने बताया कि अपराधिक प्रवृत्ति के बदमाशों के फॉलोअर्स बने युवाओं के आमजन को जागरूक करने के लिए 1 जनवरी 2023 से अप्रैल 2023 तक 4 माह का एक राज्य स्तरीय विशेष अभियान चलाया जाएगा, इसमें जिला स्तर पर एसपी और रेंज स्तर पर आईजी द्वारा मॉनिटरिंग की जाएगी.
Reporter: Ashutosh Sharma
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