Rajasthan Politics: क्या नगर निगम ग्रेटर में फिर राजनीतिक तकरार? मेयर के बाद अब डिप्टी मेयर ने किया जनसुनवाई का ऐलान
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2371686

Rajasthan Politics: क्या नगर निगम ग्रेटर में फिर राजनीतिक तकरार? मेयर के बाद अब डिप्टी मेयर ने किया जनसुनवाई का ऐलान

Rajasthan Politics: नगर निगम ग्रेटर में फिर राजनैतिक तकरार देखने को मिल रही है. दरअसल, मेयर सौम्या गुर्जर द्वारा प्रत्येक बुधवार को जनसुनवाई के ऐलान के बाद अब डिप्टी मेयर ने सप्ताह में 5 दिन जनसुनवाई करने की घोषणा की है. 

Jaipur News

Rajasthan News: जयपुर नगर निगम ग्रेटर में एक बार फिर मेयर और डिप्टी मेयर के बीच राजनैतिक तकरार शुरू हो गया. मेयर सौम्या गुर्जर ने 31 जुलाई से जनसुनवाई करने का ऐलान करने के बाद अब डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावत ने भी खुद के स्तर पर जनसुनवाई करने की घोषणा की है. उन्होंने सप्ताह में तीन दिन नगर निगम मुख्यालय, जबकि दो दिन जोन ऑफिस में जनसुनवाई करने की बात कही है.
 

डिप्टी मेयर 5 दिन सुनेंगे जनता की बात
आज नगर निगम ग्रेटर में मीडिया को संबोधित करते हुए डिप्टी मेयर कर्णावत ने कहा कि नगर निगम ग्रेटर के बोर्ड को बने साढ़े तीन साल से ज्यादा समय हो गया है. चूंकि अब प्रदेश में ट्रिपल इंजन की सरकार है, तो ऐसे में अब जनता के काम ज्यादा से ज्यादा और आसानी से हो उसके लिए हमने जनसुनवाई शुरू करने का निर्णय किया है. वहीं, मेयर की ओर से जनसुनवाई करने के सवाल पर डिप्टी मेयर ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों को सुनवाई करनी चाहिए. मेयर जनसुनवाई शुरू करने वाली है इसकी नॉलेज मुझे है. मैं सोमवार से बुधवार तक मुख्यालय पर, जबकि गुरुवार-शुक्रवार जोन ऑफिस में सुनवाई करूंगा. 

नगर निगम समितियों के निर्णयों पर रोक 
पिछले दिनों नगर निगम समितियों के निर्णयों पर कमिश्नर रूकमणि रियाड़ की ओर से लगाई रोक पर भी डिप्टी मेयर ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि जब-जब भी एग्जीक्यूटिव कमेटी या बोर्ड ने जो निर्णय किया है वो निर्णय फिर हमारे लिए गीता है. इन निर्णयों को लागू करवाना हमारी और उसे एग्जीक्यूट करने की जिम्मेदारी अधिकारियों की है, लेकिन देखने में आया है कि कई निर्णयों को अधिकारियों की लापरवाही को अमलीजामा नहीं पहन पाए है. आने वाले समय में ऐसा नहीं रहने वाला है. ऐसे अधिकारियों को सरकार की भावना के अनुरूप जनकल्याण में लिए गए निर्णयों के अनुरूप अपनी कार्यप्रणाली को सुधारना पड़ेगा. अगर कोई ऐसा नहीं करता, तो मुझे कहने में कोई गुरेज नहीं है कि ऐसा अधिकारी खासकर नगर निगम ग्रेटर में तो में काम नहीं करेगा. 

ये भी पढ़ें- राजस्थान में छात्र संघ चुनाव की मांग तेज,छात्रों घसीटते हुए गाड़ियों भरती दिखी पुलिस

Trending news