Jaipur News: सड़क रिपेयर व रिन्यूवल को लेकर JDA पर उठे सवाल,आखिर एक ही सड़क एक बाद एक 3 वर्क ऑर्डर क्यों ?
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Jaipur News: सड़क रिपेयर व रिन्यूवल को लेकर JDA पर उठे सवाल,आखिर एक ही सड़क एक बाद एक 3 वर्क ऑर्डर क्यों ?

Jaipur News:जयपुर जेडीए में सड़क दिल्ली रो वाली मुख्य सड़क रिपेयर व रिन्यूवल के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार आरोप लग रहे है. जयपुर विकास प्राधिकरण के जोन 10 में ट्रांसपोर्ट नगर से कुंडा मोड नेशनल हाईवे बाउंड्री तक की दिल्ली रोड जयपुर विकास प्राधिकरण के अधीन है.

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Jaipur News:जयपुर जेडीए में सड़क दिल्ली रो वाली मुख्य सड़क रिपेयर व रिन्यूवल के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार आरोप लग रहे है. जयपुर विकास प्राधिकरण के जोन 10 में ट्रांसपोर्ट नगर से कुंडा मोड नेशनल हाईवे बाउंड्री तक की दिल्ली रोड जयपुर विकास प्राधिकरण के अधीन है.

ऐसे में जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों व  ठेकेदारों ने  मिलकर इस सड़क को बनाने में जमकर घालमेंल किया है. सड़क के रोड कट, रिपेयर व  रिन्यूवल के नाम पर एक के बाद एक कई टेंडर कर दिए गए. जिसमें समय सीमा का भी ध्यान नहीं रखा गया.

एक बाद एक तीन टेंडर करने के बाद भी सड़क में सैकड़ो की तादाद में बने गड्ढे आए दिन हादसों को न्यौता दे रहे हैं. जिसका बड़ा नमूना सामने भी आया कि कुछ दिनों पहले गड्ढे में गिरते ही एक स्कूटी चालक युवती को ट्रक ने कुचल दिया जिस से उसकी मौत हो गई, प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि स्कूटी चालक युवती खड्डे में गिरी पीछे से ट्रक चालक ने कुचल दिया.

जेडीए  ने पहला टेंडर 28 सितंबर 2022 को ट्रांसपोर्ट नगर से कुंडा नेशनल हाईवे बाउंड्री तक रोड कट, व रोड रिपेयर के नाम पर करीब 1.45  करोड रुपये का कीर्तिका एसोसिएट को वर्क ऑर्डर दिया गया. जिसका के नवंबर के अंतिम माह में 27 नवंबर 022 तक उसका कार्य कंप्लीट होना था.

 उसके महज 4 माह बाद विकास प्राधिकरण अधिकारियों ने  इसी सड़क पर पीएचडी की वाटर सप्लाई में टूटी हुई सड़क का  रोड़ कट  व रिपेयर के नाम पर दूसरा टेंडर ट्रांसपोर्ट नगर से गलता गेट तक किया. महज 4 महीने बाद दूसरा टेंडर  5 अप्रैल को भगत कंस्ट्रक्शन को दे दिया, लगभग 80 लख रुपए का. जिसका कार्य पूर्ण 4 जुलाई 2023 को होना था.  

महज उसके 10 दिन बाद इसी सड़क का ट्रांसपोर्ट नगर से कुंडा हाईवे बाउंड्री तक एक और टेंडर कर वर्क आर्डर राकेश अग्रवाल के नाम जारी कर दिया.10 दिन बाद इसी सड़क का फिर से रोड रिपेयर रिन्यूवल के नाम पर करीब 6.65 करोड़ का एक और टेंडर कर वर्क ऑर्डर जारी कर दिए गए .

वर्क ऑडर                  कार्यपूर्ण    
1. 28सितं-22  -----  27नव - 22      
    डिफेक्ट लाईबलेटी (DLP) ---- एक बारिश मौसम या 6 माह 

2. 5अप्रेल-23              4 जुलाई -23     

   डिफेक्ट लाईबलेटी (DLP) --- एक बारिश मौसम या 6 माह
3.  14 जुलाई -23             13 अप्रेल - 24

 डिफेक्ट लाईबलेटी (DLP) --- 5 वर्ष
1...पहले से दूसरे वर्क ऑर्डर के बीच अंतर ---- 4 माह 10 

2... दूसरे से तीसरे वर्क ऑर्डर के बीच अंतर --- महज 10 दिन
रोड़ मोटाई --  रिन्यूवल  में 

- रोड़ कट में ( 150mm ) 6 इंच
रिन्यूवल - (100mm) 4 इंच

मौके पर किया गया औसतन 30 से 40mm कार्य
ट्रांसपोर्ट नगर से कुंडा रोड तक नेशनल हाईवे बाउंड्री तक जिस सड़क पर  मिली भगत के खेल में करोड़ों रुपए पानी में बहा दिए गए. उसे सड़क पर आज भी दर्जनों के तादाद में बने गड्ढे हादसों को न्यौता दे रहे हैं. 

बड़ी गड़बड़ियां इससे भी स्पष्ट हो जाती है कि जेडीए द्वारा करवाए गए टेंडर में जो सड़क की मोटाई या सड़क की थिकनेस दी गई थी. धरातल पर व कहीं नजर नहीं आ रही. कागजों में जो वर्क आर्डर में जो सड़क की मोटाई दिखाई गई है, धरातल पर उसकी 50% भी नजर नहीं आ रही. शायद यही बड़ी वजह है कि सड़क में दर्जनों की तादाद में बने खड्डे हादसों को निमंत्रण दे रहे हैं.

सवाल जो JDA पर  उठ रहे हैं  ?
आखिर एक ही सड़क एक एक बाद 3 वर्क ऑडर क्यों ?

किसी भी सड़क के रिन्यूवल, रोड़ कट व रिपेयर की वारंटी 6 माह या 1 बारिश मौसम,
तो किसी भी वर्कऑर्डर से पहले वारंटी पीरियड भी क्यों नहीं होने दिया पूरा ?

PHED की पाईप लाइन के बाद रोड़ कट वर्क ऑर्डर, तो पहले वर्क ऑर्डर में इतनी जल्दबाजी क्यो ?
आखिर जनता की गाढ़ी कमाई को क्यों अधिकारियों व ठेकेदारों बहा दिया पानी में ?

आखिर वर्क आर्डर में जो सड़क की मोटाई ली गई है, वह धरातल पर क्यों नहीं बनाई गई ?

 मामले को लेकर जेडीसी मंजू राजपाल का कहना है कि पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी. आखिर कहां और किस वजह से अनियमित हुई है और जांच में अगर अनियमित टाइगर बढ़िया पाई जाती है, तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

 सड़क के रोड़ कट व रिन्यूवल की अगर धरातल पर जांच करवाई जाए तो हकीकत कुछ और ही निकाल कर आएगी. तकनीकी जानकरों का कहना है कि रिन्यूवल के नाम पर किए गए कार्यों की धरातल पर औसतन 30 से 40% ही काम किया गया है.

ऐसे में दिल्ली को जोड़ने वाली जयपुर की मुख्य सड़क  होने के चलते सैकड़ो की तादाद में पर्यटक इस सड़क पर आते जाते हैं. जयपुर की दशा बयां करने वाली इस सड़क पर आने जाने वाले पर्यटक जयपुर को लेकर क्या मैसेज लेकर जाएंगे यह भी एक एक बड़ी चिंता का विषय है.

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