बजट सत्र शुरू होने के साथ 82 संगठनों के 1 लाख कर्मचारी करेंगे प्रदेश सरकार का घेराव
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बजट सत्र शुरू होने के साथ 82 संगठनों के 1 लाख कर्मचारी करेंगे प्रदेश सरकार का घेराव

Jaipur News: सोमवार से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है. बजट सत्र शुरू होने के साथ ही कर्मचारी सरकार को घेरेंगे. कर्मचारी संयुक्त महासंघ की जयपुर में कल आक्रोश महारैली है. इसमें एक लाख से ज्यादा कर्मचारी जुटने का दावा किया गया है.

 

बजट सत्र शुरू होने के साथ 82 संगठनों के 1 लाख कर्मचारी करेंगे प्रदेश सरकार का घेराव

Jaipur: कल से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है. बजट सत्र शुरू होने के साथ ही कर्मचारी सरकार को घेरेंगे. कर्मचारी संयुक्त महासंघ की जयपुर में कल आक्रोश महारैली है,जिसमें 82 संगठनों के एक लाख से ज्यादा कर्मचारी जुटने का दावा किया गया है. रैली शहीद स्मारक से सिविल लाइंस फाटक तक निकलेगी. जहां फिर सभा होगी. महासंघ के संघर्ष संयोजक महावीर शर्मा ने बताया कि 15 सूत्रीय मांग पत्र लागू नहीं करने से कर्मचारियों में आक्रोश है.  प्रदेश के 33 जिलों से हजारों बसों से कर्मचारी जयपुर पहुंचेंगे. 

रैली में सहायक कर्मचारी, शिक्षक, मंत्रालयिक कर्मचारी ,पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, गिरदावर,  तहसीलदार, कृषि पर्यवेक्षक पशु चिकित्सा कर्मचारी निगम बोर्ड के कर्मचारी, संविदा कर्मियों सहित सैकड़ों संवर्ग के कर्मचारी जुटेंगे. 

ये हैं प्रमुख मांगें

राज्य सरकार, बोर्ड, निगम, स्वायत्तशाषी संस्थाओं, पंचायतीराज एवं सहकारी संस्थाओं में कार्यरत कार्मिकों के लिये समान काम, समान वेतन की नीति लागू कर, पूर्व के वेतनमानों में उत्पन्न विभिन्न विसंगतियों का निराकरण कर, कार्मिकों का न्यूनतम वेतन 26 हजार निर्धारित करते हुए 7वें केन्द्रीय वेतनमान के समस्त परिलाभ (वेतन भत्ते) लागू किए जाएं. सामंत कमेटी की सिफारिशों को सार्वजनिक किया जाएं और सामन्त कमेटी की सिफारिशों को सार्वजनिक किये बिना वेतन विसंगति निराकरण के नाम पर नवगठित  खेमराज समिति को भंग किया जाए .

राज्य सरकार की अधिसूचना दिनांक 30 अक्टूबर 2017 द्वारा अनुसूची-5 (Schedule-V) में किए गए संशोधनों (मूल वेतन कटौती) को निरस्त कर वित्त विभाग द्वारा पूर्व में जारी अधिसूचना दिनांक 28 जून 2013 के अनुसूची-5 (Schedule-V) में ग्रेड पे के अनुसार निर्धारित मूल वेतन (Entry Basic Pay) के आधार पर ही Entry Pay (मूल वेतन) देते हुए Pay Matrix निर्धारित की जाए.

बोर्ड, निगम, स्वायत्तशाषी संस्थाओं, पंचायतीराज और सहकारी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों को पूर्व की भांति राज्य कर्मचारियों के अनुरूप 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग सहित अन्य लाभ दिया जाए.  और जनवरी 2019 से जून 2021 तक का महंगाई भत्ते के एरियर का नकद भुगतान किया जाए.

नवीन भर्ती सेवा नियम 2006 को प्रत्याहारित किया जाएं और नई पेंशन नियम-2004 को समाप्त कर पूर्ववती व्यवस्था पुनः किए जाने के लिए PFRDI बिल वापस लेने के लिए केन्द्र सरकार को सिफारिश की जाए.

राज्य कर्मचारी, बोर्ड, निगम, पंचायतीराज एवं स्वायत्तशाषी संस्थाओं के कार्मिकों को सेवाकाल में 5 पदोन्नति के अवसर दिये जावें एवं समयबद्ध पदोन्नति (DPC) की जावें. पदोन्नति नहीं होने की स्थिति में 7, 14, 21, 28 और 32 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति के पद का वेतनमान स्वीकृत किया जाए.

राजस्थान सरकार द्वारा 11 जनवरी 2022 को जारी संविदा नियम 2022 को प्रत्याहारित (पंजीकृत) कर राजस्थान सरकार के अधीन संविदा, ठेकाकर्मी, समेकित वेतन पर कार्यरत, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, आशा सहयोगी, सहायिका, साथिन, होमगार्ड कमी, वन मित्र, कृषक मित्र मैन विद मशीन की कम्प्यूटर एनआरएमएम कमी. मिड-डे मील कर्मी, पंचायती राज के हैंड पम्प मिस्त्री, जनता जलकर्मी, पैराटीचर्स, 108 कमी, फार्मासिस्ट, पशुसेवा केन्द्र कर्मी, अटल सेवा केन्द्र कर्मी, विधार्थी मित्र, शिक्षाकर्मी, पंचायत सहायक लोकजुम्बिश कर्मी, प्रेरक, को नियमित कर समस्त परिलाभ राज्य कार्मिकों के अनुरूप स्वीकृत किया जाए. भविष्य में संविदा अथवा अस्थाई प्रक्रिया बन्द की जाए.

वर्क चार्ज कार्मिकों को पदोन्नति के अवसर सुलभ कराया जाए. राजस्थान सरकार के विभिन्न विभागों में समस्त संवर्गों के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती की जाए. जनसंख्या और कार्यभार के अनुरूप नवीन पद सृजित किए जाएं. वर्तमान में विभिन्न संवर्गों के स्वीकृत पदों की कटौती बन्द की जाए. विभिन्न संवर्गों में विभागीय सेवा नियमों में विधमान पदोन्नति के अवसरों को समाप्त नहीं किया जाए. सहायक कर्मचारी को एमटीएस घोषित करते हुए न्यूनतम वेतन 18 हजार किया जाए और भर्ती पर अघोषित रोक को हटाकर रिक्त पदों पर भर्ती की जाए और पदोन्नति कोटा 50 प्रतिशत किया जाए. मंत्रालयिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय, लोक सेवा आयोग और विधान सभा में कार्यरत मंत्रालयिक कर्मचारियों के अनुरूप वेतन, भत्ते, पदोन्नति और अन्य सुविधाएं दी जाएं.

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